निकाय चुनाव में तीन मंत्रियों की प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी यूपी की ये सीट, सीएम योगी भी लगा चुके हैं जोर
बहराइच। निकाय चुनाव के दूसरे चरण का मतदान रविवार 26 नवंबर को है। दूसरे ही चरण में बहराइच में भी चुनाव है। उत्तर प्रदेश के बहराइच जनपद के नगरपालिका बहराइच सीट पर तीन मंत्रियो की प्रतिष्ठा दांव पर है। बता दें कि ये कोई मामूली सीट नहीं है क्योंकि इस सीट पर खड़ी प्रत्याशी को जिताने के लिए सीएम योगी भी बहराइच में जनसभा कर चुके हैं।
नगरपालिका सीट से ममता गुप्ता हैं प्रत्याशी
बहराइच के नगरपालिका सीट पर भाजपा ने ममता गुप्ता पत्नी बृजेश गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर योगी सरकार के तीन मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। खासतौर पर सूबे के कई जिलों में प्रचार कर मतदाताओं को भाजपा की ओर मोड़ने के लिए भेजी गई बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल को बहराइच के चुनावी समर में कड़ा इम्तिहान देना है, चूंकि बहराइच नगर से ही वे विधायक हैं, इसलिए स्टार प्रचारक के रूप में उनके प्रभाव को तभी मजबूती मिलेगी, जब बहराइच का परिणाम भाजपा की झोली में होगा।
स्वामी प्रसाद मौर्या और मुकुट बिहारी के प्रभाव की परीक्षा
इसके साथ ही साथ बसपा छोड़कर भाजपा में आए जिले के प्रभारी मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और जिले के ही कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा के भी प्रभाव की परीक्षा इसी चुनाव में होनी है, क्योंकि सत्ता में 14 साल बाद वापसी करने के बाद पहली बार भाजपा के दिग्गज से रूबरू हुए हैं। बहराइच के नगरपालिका चुनाव का काउंट डाउन शुरू हो गया है। आखिरी मुकाबले के लिए क्षत्रप वोटों के जोड़-तोड़ और समीकरणों में उलटफेर की जुगत बैठा रहे हैं। बहराइच नगरपालिका का जहां तक सवाल है यहां भाजपा 2002 में लंबे अर्से बाद नगरपालिका अध्यक्ष पद का चुनाव जीती थी। उस समय कन्हैयालाल रूपानी ने मुस्लिम लीग के प्रत्याशी को पटखनी देकर नगर पालिका पर कब्जा जमाया था। इसके बाद हुए लगातार दो चुनावों में भाजपा हाशिए पर रही।
2012 में ममता के पति खड़े थे भाजपा के खिलाफ
2007 का चुनाव जहां वह नगर निकाय में सत्ता विरोधी ध्रुवीकरण के चलते हारी वहीं 2012 के में रेहान आढ़ती ने एकतरफा चली लहर और भाजपा मतों में सेंधमारी के चलते बड़ी जीत दर्ज कराई। उस समय अबकी भाजपा प्रत्याशी ममता गुप्ता के पति बृजेश गुप्ता भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ ही मैदान में कूद पड़े थे। उन्हें सीएम योगी के संरक्षण वाली हिंदू युवा वाहिनी ने समर्थन दिया था। इस बार के चुनाव में सीएम योगी ने जिस तरह अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरूआत में बहराइच को महत्व दिया और यहां पहुंचकर हुंकार भरी, उससे यह बात भी साफ हो गई है कि कहीं न कहीं बहराइच योगी के एजेंडे में सबसे ऊपर है।
इस बार भाजपा है सशक्त
इस बार भाजपा पिछले दो चुनावी मुकाबलों के लिहाज से देखा जाए तो काफी सशक्त पोजीशन में है। चुनाव की कमान भी लगभग नगर क्षेत्र की विधायक के रूप में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल के हाथों में है। वे भाजपा की प्रदेश महामंत्री भी हैं। इसी लिहाज से हाल में उन्हें गोरखपुर, देवरिया, बलिया समेत कई जिलों में चुनाव प्रचार के लिए भी भेजा है। अभी दो दिन पहले जिले के प्रभारी मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भी बहराइच पहुंचकर भाजपा कार्यकर्ताओं की लंबी बैठक ले चुके हैं। चूंकि बहराइच जिला अवध क्षेत्र का अहम जिला है, इसलिए यहां की चुनावी हार-जीत में एक और कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा के प्रभाव का इम्तहान होना तय है। क्योंकि वे इसी जिले के कैसरगंज क्षेत्र से विधायक हैं। देखा जाए तो 1,61,700 मतदाताओं वाले बहराइच नगरपालिका के साथ-साथ रिसिया नगर पंचायत और नानपारा नगरपालिका के चुनाव में भी भाजपा को कड़े इम्तहान से गुजरना है।
क्या कमाल दिखाती है तीन मंत्रियों की तिकड़ी
रिसिया में सीधे तौर पर विपक्षी उम्मीदवारों के साथ-साथ जहां पार्टी के बागी के रूप में राजेश निगम अपनी पूरी प्रतिष्ठा लगाए हैं वहीं नानपारा समीकरणों के लिहाज से बहुत महफूज नहीं माना जाता है। जरवल नगर पंचायत में शायद अनुकूल समीकरण न होने के नाते ही पार्टी ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है। इस तरह संगठन की उम्मीदें भी बहराइच नगरपालिका चुनाव से ही लगी हैं। देखना होगा कि मंत्रियों की तिकड़ी मतदाताओं के जेहन में अपना कितना प्रभाव छोड़ पाती है।
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