अटल जी का वो छोटा सा सपना जो कभी पूरा ना हो सका
लखनऊ। शून्य से शिखर पर पहुंचने वाले राजनीति के अजातशत्रु और अजेय योद्धा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को 5 के करीब निधन हो गया। अटल बिहारी वाजपेयी 11 जून से एम्स दिल्ली में भर्ती थे। बीते बुधवार को उनकी हालत बहुत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें लाइफ स्पोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। हम अटल जी के एक सपने के बारे में बता रहे हैं। ये सपना उन्होंने यूपी की राजधानी में देखा था लेकिन वह कभी पूरा नहीं हो पाया।
अटल बिहारी वाजपेयी को लखनऊ के जर्रे-जर्रे से लगाव था। लखनऊ की गलियां और लखनऊ की गंजिंग का भी उन्होंने खूब लुत्फ उठाया। अटल बिहारी का एक सपना था कि लखनऊ में उनका अपना घर हो लेकिन ये सपना उनका अधूरा ही रह गया। ऐसा नहीं था कि उनका आशियाना लखनऊ में नहीं था। राज्य संपत्ति विभाग की तरफ से ला प्लास कॉलोनी में 302 नंबर फ्लैट दिया गया था। लेकिन वह कहीं और चाहते थे।
अटल बिहारी जब भी लखनऊ आते थे तो गेस्ट हाउस में शायद ही रुकते थे। क्योंकि उन्हें अपने फ्लैट से बहुत लगाव था। लेकिन इसके साथ ही उनकी एक दिली इच्छा थी कि लखनऊ के बख्शी का तालाब में खुद का आशियाना हो। बख्शी का तालाब अटल बिहारी को इसलिए पसंद था क्योंकि वहां पर चारों तरफ हरियाली रहती थी जो उन्हें बहुत पसंद थी। एक बार उन्होंने इसका जिक्र एक एक जनसभा में भी किया था कि वो बख्शी का तालाब में अपना आशियाना बनाएंगे। लेकिन वह घर कभी बन नहीं पाया।
अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार यूपी के बलरामपुर से सांसद का चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। उसके बाद लखनऊ से लगातार पांच बार सांसद रहे। अटल बिहारी जितने दिन लखनऊ में रहते थे तो चौक जाना नहीं भूलते थे। क्योंकि चौक में राजा ठंडई की दुकान थी जहां पर वो अक्सर जाकर ठंडई का मजा लिया करते थे।
इतना ही नहीं जब भी वो इस दुकान पर जाते थे तो दुकान के बाहर ही अपने सुरक्षाकर्मियों को रोक देते थे और कहा जाता था कि किसी दुकान पर आने वालों को न रोका जाए। दुकान के अंदर बैठकर आम लोगों की तरह ठंडई का मजा लिया करते थे।
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