कासगंज हिंसा में एक और मुख्य आरोपी राहत कुरैशी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
लखनऊ। कासगंज हिंसा में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस हिंसा में आरोपी राहत कुरैशी को कासगंज के स्मिलपुर रोड से गिरफ्तार किया है। इससे पहले पहले पुलिस ने चंदन गुप्ता की हत्या के मुख्य आरोपी सलीम को गिरफ्तार किया था, जिसे गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने सलीम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। आपको बता दें कि चंदन गुप्ता की हत्या के आरोप में तीन भाई सलीम, वसीम व नसीम को मुख्य आरोपी बनाया गया है, ये तीनों ही भाई हैं।
इससे पहले हुआ था मुख्य आरोपी गिरफ्तार
कासगंज हिंसा के बाद योगी सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था, जिसने मुख्य आरोपी सलीम जावेद को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया था। सलीम से पूछताछ के बाद उसके पास से हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौल को भी बरामद किया गया था। इस घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव बढ़ गया था, जिसके बाद पुलिस ने यहां कर्फ्यू लगा दिया था और चप्पे-चप्पे पर पुलिस को तैनात किया था। घटना के बाद चंदन गुप्ता के परिवार ने कहा था कि उन्हें धमकी मिल रही है, जिसके बाद उनके घर की सुरक्षा को पुख्ता कर दिया गया है और सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया है।
भाजपा सांसद ने बताया पाकिस्तान परस्त लोगों की वजह से हुई हिंसा
वहीं
इस
पूरी
हिंसा
के
बारे
में
भाजपा
सांसद
कलराज
मिश्र
ने
कहा
कि
यूपी
के
कासगंज
में
गणतंत्र
दिवस
पर
हुई
सांप्रदायिक
हिंसा
को
दुर्भाग्यपूर्ण
है।
उन्होंने
कहा
कि
इस
घटना
के
लिए
पाकिस्तान
परस्त
और
राष्ट्रविरोधी
तत्व
जिम्मेदार
हैं।
कासगंज
हिंसा
पर
बोलते
हुए
उन्होंने
कहा
कि
पाकिस्तान
के
हिमायती
लोगों
ने
तिरंगा
यात्रा
के
दौरान
पाकिस्तान
मुर्दाबाद
के
नारे
लगाए,
इसके
बाद
जब
लोगों
ने
आपत्ति
जताई
तो
वहां
हिंसा
भड़क
गई।
साथ
ही
उन्होंने
दावा
किया
कि
योगी
आदित्यनाथ
के
कार्यकाल
में
कानून
व्यवस्था
पिछली
सरकार
की
तुलना
में
बेहतर
है,
उन्होने
उम्मीद
जताई
है
कि
यह
आने
वाले
समय
में
और
अच्छी
होगी।
26 जनवरी को हुई थी हिंसा
आपको
बता
दें
कि
26
जनवरी
को
कासगंज
में
तिरंगा
यात्रा
के
दौरान
दो
गुटों
में
झड़प
हो
गई
थी,
जिसमे
चंदन
गुप्ता
नाम
के
युवक
की
गोली
मारकर
हत्या
कर
दी
गई
थी।
इस
घटना
के
बाद
पूरे
इलाके
में
कर्फ्यू
लगा
दिया
गया
था
और
भारी
पुलिस
बल
तैनात
किया
गया
था।
यही
नहीं
यहां
किसी
भी
तरह
की
अफवाह
नहीं
फैले
उसके
लिए
इंटरनेट
की
सेवा
को
रोक
दिया
गया
था।
इस
घटना
के
बाद
अगले
तीन-चार
दिन
तक
तनाव
बरकरार
रहा
था
और
उपद्रवियों
ने
कई
गाड़ियों
को
आग
लगा
दी
थी।
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