Anil Dujana: 100 से ज्यादा प्लॉट, 150 बीघा जमीन, लाखों की घड़ी, करोड़ों की संपंत्ति छोड़ गया अनिल दुजाना
Anil Dujana News: उत्तर प्रदेश पुलिस की टास्क फोर्स ने गैंगस्टर अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना को मुठभेड़ में मार गिराया है।
Anil Dujana: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ हुई मुठभेड़ में गैंगस्टर अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना मेरठ में 04 मई को मारा गया है। हाल ही में जमानत पर जेल से रिहा हुए अनिल दुजाना ने बचने के लिए पुलिस पर फायरिंग की और जवाबी फायरिंग में उसकी मौत हो गई। अनिल दुजाना अपने पीछे कई बीघा जमीन और करोड़ो की संपत्ति छोड़ गया है।
अनिल दुजाना का अपराध की दुनिया में उदय भाटी गिरोह से जुड़ने के साथ शुरू हुआ था। 2000 के दशक की शुरुआत में सुंदर भाटी और अनिल दुजाना गाजियाबाद में विवादित संपत्तियों में हस्तक्षेप करके जबरन वसूली रैकेट, रेत खनन और पैसे की वसूली करता था। अनिल दुजाना शुरू से ही लग्जरी लाइफ जीने का शौकिन था। अनिल दुजाना नोएडा के गौतम बौद्ध नगर का निवासी था।
22 साल की उम्र में अनिल दुजाना को पहली बार 2002 में गाजियाबाद के कविनगर पुलिस स्टेशन में एक हत्या और हथियार रखने के मामले में नामजद किया गया था।
अनिल दुजाना के खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें से 18 हत्या से संबंधित थे। अन्य मामलों में जबरन वसूली, डकैती, जान से मारने की धमकी और अन्य आपराधिक आरोपों के साथ विद्रोह शामिल थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अनिल दुजाना को अपनी जिंदगी शान-शौकत से जीने की आदत थी। जिसके लिए वो कुछ भी करने को तैयार था। आसपास इंडस्ट्री इलाका होने के बावजूद भी उसने नौकरी करना अपने लिए सही ना समझा और अमीर बनने के चक्कर में सुंदर भाटी के लिए अवैध सरिया का कारोबार करने में लग गया।
भाटी गैंग से जुड़ने के बाद वह 10 हजार से लेकर 25 हजार तक के बड़े ब्रांड के जूते पहनने लगा। वह एक से डेढ़ लाख तक की घड़ी पहनता था। उसको महंगी गाड़ियों में भी घूमने का शौक था। हालांकि उस वक्त उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं था। लाखों-करोड़ों कमाने के बाद उसने नाम कमाने का फैसला किया।
बताया जाता है कि अनिल दुजाना का गैंग साल 2010 में इतना मजबूत हो गया था कि वह जेल में बंद रहने के बाद भी विवादित प्रॉपर्टी के फैसले सुनाता था। नोएडा-गाजियाबाद से लेकर दिल्ली के तमाम व्यापारी विवादित फैसला को लेकर अनिल दुजाना के पास जाते थे। वह इन विवादों को सुलझाने के लिए प्रॉपर्टी की कीमत के आधे रुपये लेता था।
सूत्रों के मुताबिक अनिल दुजाना के पास गौतम बौद्ध नगर में 100 से ज्यादा प्लॉट और 150 से बीघा जमीन है। गाजियाबाद, नोएडा, सिकंदराबाद समेत कई जगहों पर उसके गुर्गों के नाम प्लॉट है। हालांकि अनिल की ऐसाी प्रॉपर्टी है जो उसके नाम पर नहीं है। उन जगहों से हर महीने लाखों रुपये किराया अनिल दुजाना वसूलता है।
अनिल दुजाना बड़े पैमाने पर दिल्ली एनसीआर में काम करता था और कथित तौर पर उसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश का 'छोटा शकील' भी कहा जाता था। उसे आखिरी बार जनवरी 2012 में 2011 के ट्रिपल हत्याकांड में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, उसने कथित तौर पर जेल से अपना गिरोह चलाना शुरू कर दिया था।
गैंगस्टर हाल ही में जमानत पर जेल से बाहर आया था, और जयचंद प्रधान हत्याकांड में एक गवाह और एक अन्य महिला को धमकाने के लिए उसके खिलाफ पहले से ही दो मामले दर्ज थे।