10वीं की स्टूडेंट सौम्या दुबे बनीं एक दिन की थानेदार, जानिए क्या-क्या किया
इलाहाबाद। इलाहाबाद में एक दिन की थानेदार बनी सौम्या दुबे नायक फिल्म के अनिल कपूर की तरह मीडिया से यह तो नहीं कह सकी कि आज बस काम कर लेने दीजिये। बात बाद में करेंगे। लेकिन सौम्या के एक दिन के कार्यकाल में चेहरे पर न तनाव दिखा न ही झिझक। अभी वह 15 साल (10वीं की छात्रा) की ही तो है। लेकिन इतनी समझ उसे थी कि पुलिस का क्या काम है। इसी वजह से दिन भर से जितना कुछ भी उसने किया वह पुलिस के लिये किसी नज़ीर से कम नहीं है।
काटे दर्जन भर चालान
बतौर सिविल लाइंस थानेदार सौम्या दुबे की अगुवाई में पुलिस टीम पेट्रोलिंग पर निकली तो सबसे पहली कार्रवाई नो पार्किंग जोन में खड़ी गाड़ियों पर की। रास्ते में खड़े अवैध वाहनों को तत्काल हटाए जाने के निर्देश मिलते ही एसआई, कांस्टेबल के साथ वाहनों पर कार्रवाई करने लगे और सड़क साफ कराई गई। जब थानेदार सौम्या ने वाहन चेकिंग लगाई। तो हमेशा की तरह हड़कंप मचा रहा। हेलमेट न लगाने व कागज साथ लेकर न चलने वाले एक दर्जन से अधिक बाइक सवारों का चालान किया। तो वाहन चेकिंग में लड़कियों की क्लास भी लगाई । कई लड़कियों को प्यार व कड़े शब्दों में नसीहत दी। करीब एक घंटे तक सिविल लाइंस के सुभाष चौराहे पर पुलिस अधिकारियों के साथ चेकिंग चलती रही। यहां बिना हेलमेट वाले कई वाहन चालकों के चालान तो काटे ही गए, गलत साइड पर वाहन चलाने वाले युवक और युवतियों को खुद सौम्या ने चेतावनी देकर कहा कि अगली बार नियम तोड़ा तो कार्रवाई होगी।
जब दरियादिल बनी थानेदार
वाहन चेकिंग के दौरान एक युवक बिना लाइसेंस गाड़ी चलाते हुए पकड़ा गया। एसआई ने युवक को थाना प्रभारी सौम्या के सामने पेश किया गया। तब युवक ने थाना प्रभारी सौम्या के सामने अपनी मजबूरी बताते हुये कहा कि उसके परिजन की तबीयत बहुत खराब है। उसी को ब्लड पहुंचाने के लिए वह जल्दी में जा रहा है। युवक की बात सुनकर सौम्या ने ब्लड की रशीद मांगी। ब्लड रशीद मिलते ही उसकी जांच को कहा और रशीद सही पाये जाने पर थानेदार सौम्या ने युवक सहानुभूति दिखाते हुए तत्काल छोड़ दिया।
दो सिपाहियों की छुट्टी मंजूर की
थानेदार सौम्या के समक्ष दो सिपाहियों कि छुट्टी का प्रार्थना पत्र आया तो सौम्या ने अपने स्वविवेक से प्रार्थना पत्र पर एक्शन लिया और अपने थाने में तैनात दो सिपाहियों का अवकाश मंजूर कर दिया। दोनों सिपाही अवकाश मिलने पर प्रसन्नचित्त नजर आये। इस दौरान थाने से बाइक लेकर गुजर रहे एक एसआई को हेलमेट लगाकर कर परिसर से बाहर जाने को कहा। उन्होंने कहा कि यातायात के नियम का पालन जब आप करेंगे तभी सही संदेश जायेगा।
जब निरीक्षण में दी नसीहत
थानेदार सौम्या ने जब दारोगाओ के साथ थाने में बैठक की तो वह स्कूल की छात्रा कहीं से भी नजर नहीं आयी। बल्कि एक थानेदार की तरह हर वह जानकारी मांगी। जैसा की एक थानेदार मांगता है। एनसीआर - एफआईआर, 1090 वूमेंस पावर, डायल 100 की पीआरवी में पेट्रोलिंग, सीसीटीएनएस, आनलाइन एफआईआर की पूरी अंदर तक जानकारी ली। फिर पुलिस के रैंक स्ट्रैक्चर, जीडी, कंट्रोल रूम, वायरलेस सैट, एचएस, थानों की दिवालों पर टंगी लिस्ट के बारे में सबकुछ जाना । सौम्या ने डायल 100 सेवा सिस्टम की व्यवहारिकता को परखा और फिर थाना परिसर के भ्रमण पर निकली। थाने में गेट के पास गंदगी दिखने पर तत्काल साफ सफाई का निर्देश दिया और वापस लौटते समय सफाई देखकर मुस्कुरा उठी। थानेदार सौम्या ने लॉकअप कक्ष और आफिस परिसर से लेकर मेस तक का भ्रमण किया। यहां भी उन्होंने साफ सफाई को बढाने के साथ दफ्तर की लोकेशन में बदलाव की सलाह दी।
गदगद नजर आये फरियादी
सिविल लाइंस थाने पहुंचे कई शिकायतकर्ता सीधे थानेदार से मिलने पहुंचे । थानेदार की कुर्सी पर सौम्या को देखकर वह चौंके तो लेकिन आवभगत और बदला हुआ माहौल देखकर सबकुछ समझने में देर न लगी । खैर मातहतों ने खुद थानेदार का परिचय बताया। इसके बाद सौम्या ने जिस लहजे में शिकायत सुनी। उससे फरियादी गदगद नजर आये। शिकायतकर्ताओ का कहना था। ऐसे ही थानेदार अगर रहे तो जनता थाने आने से डरेगी नहीं । फिलहाल जल्द ही सौम्या के बताये सुझावों को डिपार्टमेंट अमल में लायेगा। उम्मीद है बदलाव भी नजर आयेगा।सौम्या ने बातचीत करते हुये कहा कि अलग विभागों में कौन गलत काम कर रहा है कौन सही । यह उसे जज नहीं कर सकती। लेकिन उन्हे पूरा भरोसा है। उनका पुलिस डिपार्टमेंट पूरी तरह से अच्छा काम करता है।