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इलाहाबाद HC: दूसरी शादी के लिए धर्म परिवर्तन करना अवैध

बालिग होने से ये अर्थ नहीं निकलता कि अपनी मर्जी से दूसरी शादी के लिए धर्म परिवर्तन किया जाए और कानूनन उसे सही माना जाए। वो भी तब जब पहले एक शादी हो चुकी हो।

By Gaurav Dwivedi
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इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्म परिवर्तन कर दूसरी शादी करने पर बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि दूसरी शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन कर लेना अवैध है, कानून इसे मान्यता नहीं दे सकता। बालिग होने से ये अर्थ नहीं निकलता कि अपनी मर्जी से दूसरी शादी के लिए धर्म परिवर्तन किया जाए और कानूनन उसे सही माना जाए। वो भी तब जब पहले एक शादी हो चुकी हो।

इसलिए धर्म परिवर्तन नहीं कर सकते

इसलिए धर्म परिवर्तन नहीं कर सकते

हाईकोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया कि पहली शादी का जब तक तलाक न हो जाए तब तक दूसरी शादी करना गैरकानूनी है। अगर बगैर तलाक के दूसरी शादी होती है तो विवाह अवैध और शून्य होगा। दरअसल जौनपुर की एक विवाहित महिला ने दूसरे धर्म के पुरुष से विवाह करने के लिए धर्म परिवर्तन कर लिया था। इस पर परिजनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। खुद की गिरफ्तारी और कानूनी प्रक्रिया से बचाने के लिए महिला ने हाईकोर्ट की शरण ली लेकिन कोर्ट ने महिला की याचिका खारिज करते हुए किसी भी तरह की राहत से इनकार कर दिया और दूसरी शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन कर लेने को अवैध करार दिया।

ये है पूरा मामला

ये है पूरा मामला

पी के जौनपुर की रहने वाली खुशबू तिवारी की शादी 30 नवंबर 2016को हुई थी। शादी के कुछ समय बाद खुशबू ने अशरफ नाम के युवक से अपने रिश्ते जोड़े। नजदीकी बढ़ी तो अशरफ के साथ खुशबू ने निकाह करने का प्लान बनाया और घर छोड़ दिया। इधर परिजनों ने जौनपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस की पकड़ में आने से पहले खुशबू और अशरफ कानून शादी का प्रयास करने लगे लेकिन बगैर तलाक के ऐसा संभव नहीं था। ऐसे में खुशबू तिवारी ने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया और इस्लाम धर्म कबूलते हुए वो खुशबू तिवारी से खुशबू बेगम बन गई। दोनों ने निकाह किया और अब खुशबू बेगम के तौर पर वो जौनपुर के बरसठी जमुनीपुर गांव में रहने लगी लेकिन वर्तमान में भी उसका पहली शादी से तलाक नहीं हुआ है।

कोर्ट ने राहत से किया इनकार

कोर्ट ने राहत से किया इनकार

पुलिस का दबाव बढ़ने और कानूनी कार्रवाई के डर से खुशबू बेगम उर्फ खुशबू तिवारी और उसके कथित पति अशरफ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और गिरफ्तारी पर रोक की मांग के साथ परिजनों से जान को खतरा बताया। दलील दी गई कि वो बालिग हैं और अपनी मर्जी से विवाह किया है। याचिका पर न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने सुनवाई करते हुए नूरजहां बेगम उर्फ अंजलि मिश्रा के केस का हवाला दिया। कोर्ट ने इनकी शादी को शून्य माना और गिरफ्तारी पर रोक और अन्य राहत देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा है कि सिर्फ दूसरी शादी के लिए उसने धर्म परिवर्तन किया गया है। दूसरी शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन कर लेना अवैध है। कानून इसे मान्यता नहीं दे सकता।

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English summary
Allahabad High court orders change of religion for second marriage is illegal
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