यूपी चुनाव: बाहुबली मंत्री के बेटे को नामांकन के लिये मिली पैरोल
मधुमिता शुक्ला मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री व बाहुबली अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि को चुनाव लड़ने के लिए पैरोल मिल गई है।
इलाहाबाद। मधुमिता शुक्ला मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री व बाहुबली अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि को पैरोल मिल गई है। पत्नी सारा की हत्या के आरोप में जेल में बंद अमनमणि ने यह पैरोल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन के लिये हासिल की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अमनमणि की पैरोल याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुये मानवीय संवेदना के तहत तीन दिन की पैरोल स्वीकृत की है। वर्तमान में अमनमणि गाजियाबाद की डासना जेल में बंद है। फिलहाल चुनाव में अमनमणि का ज्यादा कुछ अस्तित्व तो बचा नहीं। क्योंकि सूबे के सत्तारूढ़ दल सपा ने महराजगंज जिले की नौतनवां विधानसभा सीट से अमनमणि को पहले टिकट दिया था। लेकिन एक्शन मोड़ में चल रहे सीएम अखिलेश ने अमनमणि का टिकट काटा दिया है। अब अमनमणि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
उच्च न्यायालय ने अमनमणि की तीन दिन की पैरोल मंजूर की
सूबे के नौतनवां सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिये नामांकन करना अमनमणि के लिए चुनौतीपूर्ण था। क्योंकि जेल प्रशासन ने पैरोल पर अपने हाथ खड़े कर दिये थे। अमनमणि ने पैरोल के लिये हाईकोर्ट की शरण ली, जिस पर सुनवाई पूरी करते हुये इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अमनमणि की तीन दिन की पैरोल मंजूर की है। बता दें कि सीबीआई जमानत के खिलाफ थी और कोर्ट से पैरोल न स्वीकृत करने की वकालत की थी । लेकिन अमनमणि की याचिका पर सुनवाई जस्टिस विपिन सिन्हा की एकलपीठ ने करते हुये पैरोल को मंजूरी दी।
दागी होने के चलते सीएम अखिलेश ने काटा टिकट
मुलायम सिंह द्वारा जारी सूची में नौतनवां विधानसभा सीट से अमनमणि को टिकट मिला था। सपा प्रत्याशी के तौर पर अमनमणि के नजदीकी व समर्थक सियासी कुनबे के साथ प्रचार प्रसार में भी जुटे थे। लेकिन जैसे ही अखिलेश सपा की साइकिल लेकर आगे बड़े। अमनमणि का टिकट भी घंटी बजाकर साफ कर दिया। दागियों को टिकट न देने की रणनीति में टिकट कटा तो बाहुबली पिता पूर्व मंत्री बाहुबली अमरमणि ने भी जेल के अंदर से खूब हाथ-पांव चलाये। लेकिन अखिलेश नहीं माने। मजबूरन अपनी राजनैतिक जमीन बचाने के लिए अमनमणि अब निर्दलीय मैदान में आ रहे हैं।
सीबीआई कर रही है सारा मर्डर केस की जांच
गोरखपुर के बहुचर्चित सारा मर्डर केस में सीबीआई ने अमनमणि को दोषी पाया है और डासना जेल में जांच पूरी होने तक रखा गया है। सीबीआई जांच चल रही है और काफी आरोप तय भी हो चुके हैं। मालूम हो कि अमनमणि ने सारा से 2013 में अपने माता-पिता की मर्जी के खिलाफ शादी की थी। जुलाई 2015 में सारा की एक संदिग्ध कार दुर्घटना में मौत हो गई। अमनमणि की सास सीमा ने बेटी की हत्या का आरोप लगाया था। देखते ही देखते मामला सुर्खियों में आ गया। गोरखपुर समेत पूरे देश में सारा मर्डर केस चर्चा में आया तो जनता आक्रोश रोकने के लिए मामला सीबीआई को हैंडल कर दिया गया।
सोशल मीडिया पर रो रही है सारा की मां सीमा
यूपी विधानसभा चुनाव के लिए महराजगंज के नौतनवां से नामांकन करने की अनुमति मिलते ही सारा की मां ने सोशल मीडिया पर अपनी मार्मिक अपील अपलोड की है। सीमा ने कहा कि मेरी बेटी को हत्यारे को प्लीज मत वोट दीजिए। एक दुखी मां आप लोगों से भीख मांग रही है कि इस हत्यारे और इसकी बहनों को मत जिताइए, यह मेरी आपसे प्रार्थना है। ये भी पढ़ें: वोट डालकर निकले अमर सिंह का दर्द छलका, अखिलेश और आजम पर किया वार