'राम राज्य' पर अखिलेश यादव का निशाना- भाजपा सरकार की नीतियों से तनावग्रस्त हुई जनता
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में एक ओर कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास में जुटा है। जिसको लेकर यूपी की सियासत गर्मा गई है। एक बार फिर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उनका आरोप है कि भाजपा सरकार की विफल नीतियों के कारण देश के लोग तनावग्रस्त और निराश हो रहे हैं।
रविवार शाम को जारी एक बयान में सपा प्रमुख ने कहा कि कोरोना काल में न तो सीमाएं सुरक्षित हैं, न ही व्यवसाय और रोजगार। अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट देखी जा रही है, बैंक डूब रहे हैं, जमा पर ब्याज घट रहा है। जिस वजह से परेशान लोग अपने पीएफ से पैसे निकालने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के विस्थापन के वक्त कई लोगों ने अपने करीबी लोगों को खो दिया है। मौजूदा वक्त में भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण जनता निराश हो रही है।
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यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री यूपी में राम राज्य की बात कहते हैं, जबकि वास्तव में राज्य में स्थिति बदतर हो गई है। हत्याएं, डकैतियां, अपहरण आम बात हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक के नाम पर 5 लाख की फिरौती मांगी जा रही है। अपहरण कांड में भाजपा के जिला मंत्री का नाम सामने आता है। इसके अलावा भी भाजपा नेता कई अनैतिक कारोबार में लिप्त दिखाई देते हैं।
'सरकार
के
पास
वेतन
का
पैसा
नहीं'
उन्होंने
आगे
कहा
कि
ये
कितना
अजीब
है
कि
सत्ता
में
बैठे
लोग
अब
एक-दूसरे
को
भ्रष्ट
कह
रहे
हैं।
हरदोई
सांसद
का
कहना
है
कि
उन्होंने
वेंटिलेटर
के
लिए
पैसे
दिए
थे,
जो
अब
गायब
हैं।
उन्नाव
की
पुलिस
भाजपा
विधायक
को
जमीन
कब्जाने
में
शामिल
लोगों
का
साथी
बता
रही
है।
भाजपा
सरकार
में
संरक्षित
अपराधी
मजबूत
हुआ
है।
पूर्व
सीएम
के
मुताबिक
भाजपा
के
पास
समाज
के
कमजोर
वर्गों
के
लिए
कोई
योजना
नहीं
थी।
अब
स्थिति
ऐसी
है
कि
राज्य
सरकार
त्योहार
के
अवसर
पर
भी
अपने
कर्मचारियों
को
वेतन
नहीं
दे
पा
रही
है।