अखिलेश यादव ने गायत्री प्रजापति को तुरंत सरेंडर करने को कहा
अखिलेश यादव ने गायत्री प्रजापति को तत्काल प्रभाव से सरेंडर करने को कहा, बोले सुप्रीम कोर्ट को गायत्री प्रजापति को सरेंडर करने के लिए राज्य सरकार और पुलिस करेगी मदद
लखनऊ। गैंगरेप आरोपी गायत्री प्रजापति पिछले कुछ दिनों से फरार चल रहे हैं और वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहे हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आखिरकार उन्हें पुलिस के सामने सरेंडर करने को कहा है। अखिलेश यादव ने एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि गायत्री प्रजापति तुरंत सरेंडर करें। गायत्री प्रजापति से पूछताछ करने के लिए जब लखनऊ पुलिस उनके अमेठी और लखनऊ आवास पर पहुंची तो वहा से नदारद मिले थे।
सरकार करेगी मदद
अखिलेश यादव ने कहा कि गायत्री प्रजापति को पकड़ने में राज्य सरकार और पुलिस पूरी मदद करेगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने गायत्री प्रजापति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जिसके बाद इस मामले की जांच लखनऊ के आलमबाग सीओ को दी गई, लेकिन उनकी अगुवाई में जब पुलिस प्रजापति के आवास पहुंची तो वह वहां से नदारद मिले।
हर वक्त साथ रहने वाली पुलिस को नहीं मिल रहे गायत्री
यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि गायत्री प्रजापति के साथ हर वक्त पुलिस के जवान तैनात रहते हैं, ऐसे में यह कैसे मुमकिन है कि गायत्री प्रजापति के बारे में पुलिस को जानकारी नहीं हो, पुलिस का कहना है कि गायत्री प्रजापति का फोन बंद है, ऐसे में उनका पता लगाना मुश्किल हो रहा है। विपक्षी पार्टी के नेता आरोप लगा रहे हैं कि यूपी पुलिस जानबूझकर गायत्री प्रजापति को गिरफ्तार नहीं कर रही है।
क्या है मामला
आपको बता दें कि गायत्री प्रजापति के खिलाफ एक महिला ने गैंगरेप का आरोप लगाया था, लेकिन महिला की शिकायत के बाद भी गायत्री प्रजापति और उनके साथियों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की, जिसके बाद महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गायत्री प्रजापति और उनके सहयोगियों के खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया था।
चुनाव के बाद फरार हुए प्रजापति
गायत्री प्रजापति अमेठी से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं और 27 फरवरी तक वह तमाम रैलियों और जनसभाओं में दिखते रहे, लेकिन चुनाव के खत्म होने के बाद से ही वह फरार हो गए हैं, ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि पुलिस ने उनसे पूछताछ करने में इतनी देरी क्यों कि और उनके संसदीय क्षेत्र में चुनाव खत्म होते ही मामले की जांच शुरु की और प्रजापति फरार हो गए।