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कैंट सीट के बाद अब सरोजनी नगर सीट ने बढ़ाई BJP की मुश्किल, जानिए अब क्या कदम उठाएगी पार्टी

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लखनऊ, 25 जनवरी: उत्तर प्रदेश में चुनाव की तिथियों के ऐलान के बाद ही टिकटों के बंटवारे को लेकर सभी पार्टियों में घमासान मचा हुआ है। यही हाल बीजेपी का भी है। एक तरफ जहां बीजेपी कैंट सीट को लेकर इस बात पर संशय में हैं कि टिकट किसे दिया जाए। दावेदार कई हैं लेकिन पार्टी अभी फैसला नहीं कर पा रही है। वहीं दूसरी तरफ लखनऊ की सरोजनीनगर सीट पर स्थिति बिल्कुल दूसरी है। यहां तो पति-पत्नी आमने सामने हैं। पति जहां बीजेपी में एक अहम पद पर बैठे हैं और बीजेपी की ज्वाइनिंग कमेटी का हिस्सा हैं वहीं दूसरी तरफ पत्नी योगी सरकार में पांच साल मंत्री रह चुकी हैं जो अपने क्षेत्र में काम के बल पर काफी लोकप्रियता बटोर चुकी हैं।

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UP Election 2022: Sarojini Nagar सीट पर Swati Singh और Daya Shankar का टिकट पर दावा | वनइंडिया हिंदी
बीजेपी

एक ही पार्टी के दो उम्मीदवार एक ही सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन अगर वे पति-पत्नी हो जाएं तो क्या होगा? लखनऊ की सरोजिनीनगर सीट पर बीजेपी खुद को मुश्किल स्थिति में पाती है, जहां यूपी की मंत्री स्वाति सिंह और उनके पति दया शंकर सिंह - राज्य बीजेपी उपाध्यक्ष - दोनों ने अपना दावा पेश किया है। 2016 में भाजपा द्वारा प्रणोदन प्राप्त करने के बाद स्वाति ने 2017 में सरोजिनीनगर सीट जीती थी, जब बसपा नेताओं ने उनके और उनकी बेटी के खिलाफ भद्दी टिप्पणियों का इस्तेमाल किया था।

यह दया शंकर द्वारा बसपा प्रमुख मायावती पर अपमानजनक टिप्पणी के बाद आया है। उन्हें कुछ महीनों के बाद वापस लेने के लिए ही पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। वह वर्तमान में यूपी बीजेपी के उपाध्यक्ष और ओबीसी मोर्चा के प्रभारी हैं। अब दया शंकर और स्वाति दोनों सरोजनीनगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां चौथे चरण में मतदान होना है।

हालांकि टिप्पणी के लिए दोनों से संपर्क नहीं हो सका, लेकिन पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी नेतृत्व अंतिम फैसला करेगा। कुछ दिन पहले स्वाति और दया शंकर दोनों ने विधानसभा क्षेत्र में होर्डिंग लगा रखी थी, जिससे लोग मायूस हो गए थे। दया शंकर एक भाजपा समिति के सदस्य भी रहे हैं जो विपक्षी खेमे के प्रमुख नेताओं को शामिल करने की देखरेख कर रही है। कहा जाता है कि उन्होंने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को भाजपा में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

अपर्णा

लखनऊ कैंट सीट पर भी मची है होड़

अपर्णा के बीजेपी में शामिल होने की संभावनाओं के बारे में बीजेपी के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने कहा कि, ''अपर्णा यादव का शामिल होना उनकी पसंद की सीट पाने पर निर्भर नहीं है। यदि वह शामिल होती हैं, तो निर्वाचन क्षेत्र सहित उनकी उम्मीदवारी पर निर्णय पार्टी नेतृत्व का विशेषाधिकार होगा। टिकट पार्टी तय करेगी कि उन्हें कहां से लड़ना है। पहले से यदि कोई ये दावा लेकर आएगा कि हमें इसी सीट से टिकट चाहिए तो ऐसा संभव नहीं है।''

बीजेपी नेता ने कहा कि बीजेपी इस बार भी 403 सदस्यीय यूपी विधानसभा में 300 सीटों को पार कर जाएगी। पार्टी का प्रदर्शन हालिया दलबदल से प्रभावित नहीं होगा। तीन ओबीसी नेताओं और विधायकों के एक समूह ने हाल ही में यह आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी कि बीजेपी ने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की बेहतरी के लिए पर्याप्त काम नहीं किया है। हालांकि नेता ने कहा कि इन नेताओं के दावों के विपरीत, भाजपा इन समुदायों में पैर जमाने में कामयाब रही है और उनके बाहर निकलने से पार्टी के प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। नेता ने यूपी में बाबू सिंह कुशवाहा की पार्टी के साथ गठबंधन से भी इनकार किया।

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English summary
After Cantt seat, now Sarojininagar seat has increased the difficulty of BJP
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