प्रेमी ने प्रेमिका को गोली मार खुद को उड़ाया, सिपाही ने खून देकर बचाई लड़की की जान
शाहजहांपुर। उत्तरप्रदेश पुलिस ज्यादातर अपने कारनामों के लिए जानी जाती है लेकिन यूपी पुलिस के एक सिपाही ने मानवता की मिसाल कायम की है। यहां एक सिपाही ने एक युवती को खून देकर उसकी जान बचाई है। इतना ही नहीं घायल युवती के परिजनों के पास इलाज के लिए पैसे न होने पर सिपाही ने इलाज के लिए पैसे भी दिए। उसके बाद युवती का इलाज किया जा सका और ऑपरेशन के बाद युवती जान बच गई। आपको बता दें कि दो दिन पहले प्रेम प्रसंग के चलते प्रेमी ने पहले प्रेमिका के गोली मारी उसके बाद खुद के गोली मारकर आत्महत्या कर ली। हलांकि युवती की जान बच गई और उसका लखनऊ के केजीएमसी मे इलाज किया जा रहा है। वहीं सिपाही के इस प्रशंसनीय कार्य से आलाधिकारी भी बेहद खुश हैं। आलाधिकारियों ने सिपाही को इस कार्य के लिए बधाई दी है।
सिपाही ने खून,पैसे देकर बचाई जान
दरअसल दो दिन पहले थाना पुवायां के लखोआ निवासी सुरजीत का गांव की रहने वाली युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनो की शादी के बीच जाति बंधन आ गया जिससे दोनों की शादी नहीं हो पा रही थी। इस दौरान प्रेमी सुरजीत ने प्रेमिका को बुलाकर पहले उसके पेट मे गोली मारी, उसके बाद खुद को भी गोली से उड़ा लिया। प्रेमी की तो मौके पर ही मौत हो गई लेकिन प्रेमिका की जान बच गई जिसका इलाज लखनऊ के के जीएमसी मे चल रहा है। घायल प्रेमिका के साथ पुवायां थाने का कॉन्स्टेबल यश कुमार भी साथ गया था। इस कॉन्स्टेबल यश कुमार ने उस वक्त यूपी पुलिस का नाम रोशन कर दिया जब उसने घायल युवती को ब्लड दिया। इतना ही नही एक्सरे और अल्ट्रासाउंड के लिए 1500 रूपये भी मदद के बतौर दिए।
युवती का ऑपरेशन रुका था, खून की थी जरूरत
घायल युवती के माता-पिता बेहद कमजोर थे। पिता काफी बीमार भी थे। साथ कुछ रिश्तेदार थे पर उन्होंने ब्लड देने से इनकार कर दिया। डॉक्टरों ने युवती के ऑपरेशन के लिए कह दिया लेकिन ब्लड न मिल पाने के कारण युवती का ऑपरेशन रुका हुआ था। उस वक्त कॉन्स्टेबल यश कुमार ने ब्लड दिया उसके बाद युवती का ऑपरेशन करके उसकी जान बचाई जा सकी। कॉन्स्टेबल द्वारा घायल युवती को ब्लड देने की खबर जब आलाधिकारियों को लगी तो उन्होंने भी इसे काबिले तारीफ बताया।
सिपाही ने अल्ट्रासाउंड और एक्सरे का खर्च दिया
कॉन्स्टेबल यश कुमार ने बताया कि वह जनपद मुरादाबाद के रहने वाले हैं। उनका कहना है कि बीते बुधवार को घायल युवती का ऑपरेशन होना था। खून की काफी कमी थी। डॉक्टर ने जल्द से जल्द ब्लड का इंतजाम करने के लिए कहा था लेकिन घायल युवती के माता-पिता शरीर से बेहद कमजोर थे इसलिए वह ब्लड नहीं दे पा रहे थे। वहीं घायल युवती के कुछ रिश्तेदार थे जो ब्लड देना नहीं चाह रहे थे। ये देखकर हमसे रहा नही गया और हमने युवती को एक यूनिट ब्लड दिया। उसके बाद उसका ऑपरेशन हुआ और अब उसकी हालत ठीक है। कॉन्स्टेबल ने बताया कि घायल युवती के माता-पिता आर्थिक तौर पर भी बेहद कमजोर हैं, उनके पास एक्सरे और अल्ट्रासाउंड के लिए पैसे नहीं थे। तब उसने 1500 रुपये दिए जिसके बाद उसका अल्ट्रासाउंड और एक्सरे हो सका। हालांकि बाद मे कुछ रिश्तेदार शाहजहांपुर से अस्पताल पहुंचे और उसके पैसे वापस कर दिए।
सिपाही की मदद से आलाधिकारी खुश
वही एसपी ग्रामिण सुभाष चंद्र शाक्य ने बताया कि कॉन्स्टेबल ने घायल युवती को ब्लड देकर उसकी जान बचाई है। ब्लड उस वक्त दिया जब घायल युवती के सगे संबंधियों ने ब्लड देने इंकार कर दिया था। ये कॉन्स्टेबल यश कुमार का सराहनीय कार्य है। हम लोग किसी सम्मान और इनाम के बारे मे सोचकर मदद नहीं करते है। हां ये मामला जब आलाधिकारियों के संज्ञान मे आएगा तो हो सकता है कि उसको सम्मानित किया जाए।
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