इलाहाबाद में कैसा होगा मेट्रो का सफर, पढ़ें रास्तों से लेकर स्टेशन तक की पूरी खबर
इलाहाबाद में तांगा और तांगों की दौड़ से कौन वाकिफ नहीं होगा। यहां की सबसे मशहूर और शाही सवारी तांगा का सफर जाने कितने दौर से गुजरता हुआ अब आधुनिक मेट्रो तक आ गया है।
इलाहाबाद। इलाहाबाद में तांगा और तांगों की दौड़ से कौन वाकिफ नहीं होगा। यहां की सबसे मशहूर और शाही सवारी तांगा का सफर जाने कितने दौर से गुजरता हुआ अब आधुनिक मेट्रो तक आ गया है। जी हां, इलाहाबाद में मेट्रो चलने का ख्वाब अब जल्द ही हकीकत में बदलने जा रहा है। संगम नगरी में मेट्रो रूट का पूरा खाका खींच दिया गया है। मेट्रो रूट, स्टेशन, बदलाव, कुल दूरी से लेकर बहुत कुछ है हमारी इस खबर में। तो आप भी तैयार रहिये अगले कुछ सालों में इलाहाबाद की मेट्रो की सवारी के लिये और पढिये इलाहाबाद मेट्रो की यह खबर।
2024 तक पूरी रफ्तार में होगी मेट्रो
इलाहाबाद मेट्रो की निर्माण की दिशा में पहली बैठक उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, इलाहाबाद में शुक्रवार को हुई। इसमे लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन, राइट्स एजेंसी और इलाहाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियो के अलावा इंजीनियर, स्टूडेंट, आम शहरी शामिल हुये। बैठक में दावा गया कि 2024 तक इलाहाबाद में मेट्रो पूरी रफ्तार में दौड़ने लगेगी। इस दौरान पावर प्वाइंट के माध्यम से मेट्रो के रास्ते व स्टेशन की जानकारी साझा की गयी।
कैसे चलेगी मेट्रो
इलाहाबाद के भौगोलिक ढांचे को देखते हुये मेट्रो को लखनऊ मेट्रो की तर्ज पर विकसित किया जायेगा। यानी इलाहाबाद में भी सड़क के ऊपर पिलर बनेंगे और इन पर ही मेट्रो के लिये पटरियां बिछेंगी। यानी एक तरह से सड़कों के उपर ही इलाहाबाद की मेट्रो दौड़ेगी। इलाहाबाद में मेट्रो का कहीं भी अंडर ग्राउंड रास्ता नहीं होगा। इलाहाबाद में दो कॉरीडोर होंगे। हालांकि दोनों कॉरीडोर पुराने शहर को टच नहीं करेंगे। जैसी की प्लान में है मेट्रो कॉरीडोर का इंटरचेंज परेड ग्राउंड में बनेगा । यहां अलोपीबाग के निकट कॉरीडोर का इंटरचेंज प्रस्तावित किया गया है। यानी यहां मेट्रो के दोनों रूट आपस में मिलेंगे। अब बस टोपोग्राफिकल सर्वे के बाद मेट्रो के डीपीआर को अंतिम रूप दिसंबर 2017 तक दे दिया जाएगा। जनवरी 2018 में डीपीआर पर राज्य सरकार व अप्रैल 2018 में केंद्र सरकार का अनुमोदन इसे मिलेगा और डिटेल्ड डिजाइन, निविदा आमंत्रण के बाद इसका निर्माण कार्य जुलाई 2018 में शुरू होगा।
दूरी और स्टेशन
इलाहाबाद मेट्रो की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने वाली राइट्स कंपनी लिमिटेड की ओर से जारी बयान में बताया गया कि इलाहाबाद मेट्रो रूट पर कुल 40 स्टेशन बनेंगे। यहां से ही यात्री अपनी यात्रा प्रारंभ व खत्म करेंगे। इन 40 स्टेशन के बीच मेट्रो के दो कॉरीडोर बनाए गए हैं। पहला कॉरीडोर बम्हरौली से झूंसी तक है। इसकी कुल लंबाई 20 किलोमीटर है, जबकि 20 किलोमीटर का ही दूसरा कॉरीडोर शांतिपुरम फाफामऊ से नैनी तक होगा। यानी इन दोनों मेट्रो रूट पर कुल 40 स्टेशन और दूरी 40 किलोमीटर होगी।
बदला भूमिगत मेट्रो का प्लान
इलाहाबाद में अभी तक भूमिगत मेट्रो की ही परिकल्पना की गयी थी और सारी तैयारी भी इसी दिशा में चलने की बातें कही जाती रही। लेकिन भूमिगत मेट्रो के अत्याधिक खर्च ने भूमिगत मेट्रो का प्लान बदल दिया। जिससे साफ हों गया कि इलाहाबाद में मेट्रो रेल सड़क के ऊपर पिलर पर पुल बनाकर ही चलायी जायेगी। अगर सड़क के उपर खर्च के आंकड़े को देखें तो इलाहाबाद में प्रत्येक 1 किलोमीटर की लागत 175 करोड़ रुपये आंकी गई है। जबकि भूमिगत मेट्रो में प्रति किलोमीटर की लागत 450 करोड़ रुपये आ रही थी। यानी सड़क के उपर 40 किलोमीटर रूट का यह मेट्रो प्रोजेक्ट करीबन 7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा में बनेगा। हालांकि यह संस्था का पूर्व अनुमान है। लागत इससे अधिक होने की संभावना है।
कॉरीडोर 1 रूट और स्टेशन
इलाहाबाद में प्रस्तावित मेट्रो रेल कॉरीडोर व रूट में उन स्थानों को स्टेशन बनाया गया है। जो शहर णें विशेष प्रमुखता रखते है। फिलहाल कॉरीडोर 1 पर नजर डाले तो यह बम्हरौली से झूंसी वाया हाईकोर्ट एवं परेड ग्राउंड तक होगा। इन पर जो स्टेशन होंगे । उनमें - बम्हरौली एयरपोर्ट, शमीम मार्केट, टीपी नगर, गयासुद्दीन पुर, मीरापट्टी, धूमनगंज, कृष्णा विहार कालोनी, सूबेदारगंज, हाईकोर्ट, इलाहाबाद जंक्शन, सिविल लाइंस, सिविल लाइंस बस स्टेशन, मेडिकल कालेज, सीएमपी, परेड ग्राउंड, आजाद नगर, डीआईटीसी व झूंसी आदि शामिल है।
कॉरीडोर 2 रूट और स्टेशन
इलाहाबाद शहर को उत्तर दिशा से जोड़ने के लिये कॉरीडोर 2 बनाया गया है। यह शांतिपुरम से नैनी वाया इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं परेड ग्राउंड के रूट से जाना जायेगा। इस रूट पर जो स्टेशन शामिल हैं उनमें - शांतिपुरम, गंगानगर, फाफामऊ विस्तार, पीताम्बर नगर, एमएनएनआईटी, तेलियरगंज, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, कर्नलगंज, प्रीतमगंज, परेड ग्राउंड, मिंटो रोड, महेवापट्टी, अंबेडकरनगर, एमजीके कॉलेज, नैनी बाजार व नैनी बस अड्डा आदि शामिल है। इस रूट की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यही सबसे व्यस्ततम रूट है और इसी पर अत्याधिक लोग प्रतिदिन सफर करते हैं। इसी समय सिटी बस इसी रूट पर यात्रा की सुविधा दे रही हैं। मेट्रो से आं के यातायात में बड़ा परिवर्तन होगा। जिससे पैसों व समय की बचत के साथ पर्यावरण, ईधन, यातायात, जन सुविधा में अमूलचूल परिवर्तन होगा।
प्लान में यह भी
मैट्रो रूट में बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कलेक्ट्रेट तथा कचहरी को भी शामिल किया जायेगा। दारागंज, अलोपीबाग सहित पुराने शहरों को भी मेट्रो से जोड़ा जायेगा। इलाहाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा इंटीग्रेटेड प्लान तैयार किया जा रहा है। जिसमें ओवरब्रिज तथा पुल भी शामिल है। शहर का हर जरूरी ऐरिया मेट्रो से जुड़ जायेगा।
ये दिखेगा बदलाव
देश विदेश से आने वाले सैलानी अब धार्मिक स्थल पर जाने के लिये न भटके जायेंगे। न ही उन्हे कोई किराये के नाम पर परेशान कर सकेगा। क्योकि मेट्रो इस झंझट को खत्म कर देगा। मेट्रो के बाद छात्रों को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी जाना हो य वकीलो को हाईकोर्ट । एयरपोर्ट की ओर यात्रियों का सफर हो य रेलवे स्टेशन । चौक का व्यस्ततम बाजार पहुंचना तो चुटकी में हो जायेगा। सिविल लाइंस की भीड़ से निकलकर बस चंद कदम की दूरी पर वापसी का सुगम सफर होगा। साहित्य अकादमी हो य नाट्य अकादमी, रेलवे मुख्यालय हो य सेना का क्षेत्र । गंगा जमुना के किनारों और शहर की मनमोहक खूबसूरती व धार्मिक स्थल मेट्रो से दिखते रहेंगे।
संगम की खूबसूरती को निहारना और और मिंटो व खुसरो बाग मेट्रो से देखने का अपना ही मजा होगा। आजाद पार्क से लेकर पुलिस हेडक्वार्टर व यूपी के राजस्व विभाग से लेकर शिक्षा विभाग का मुख्यालय एक ही रूट पर आ जायेगा। शहर के एक छोर से दूसरे छोर जाने में लगने वाला घंटों का समय मिनटों में पूरा होगा। यानी हर वर्ग के लिये मेट्रो सुगम यात्रा का जरिया होगा। संगम नगरी की अद्भुत अद्वितीय छटा को सड़क के उपर से मेट्रो के झरोखे देखते हुये फिर हमारा सपना, सपना होगा। बल्कि हकीकत होगी।