हार के अब कार्यकर्ताओं ने भी छोड़ा मायावती का साथ, BSP से 112 नेताओं का सामूहिक इस्तीफा
इस्तीफा देने वाले पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का कहना है कि मायावती पार्टी के संस्थापक कांशीराम के सिद्धातों के बजाय किसी और तरफ ही चल रही हैं।
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद बहुजन समाज पार्टी की राजनीतिक अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। एक तरफ जहां पार्टी सुप्रीमो मायावती इस सदमे से बाहर निकलने का प्रयास कर रही हैं वहीं पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में व्याप्त असंतोष उन्हें घात पर घात दिया जा रहा है। जी हां गुरुवार को बसपा के 112 नेताओं ने एक साथ इस्तिफा दे दिया। इस्तीफा देने की वजह हार के असल कारण तलाशने की बजाय ठीकरा EVM में गड़बड़ी और कार्यकर्ताओं पर फोड़ना करार दिया गया है।
इस्तीफा देने वाले पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का कहना है कि मायावती पार्टी के संस्थापक कांशीराम के सिद्धातों के बजाय किसी और तरफ ही चल रही हैं। वहीं कार्यकर्ताओं ने मायावती के उस ऐलान की भी आलोचना की है जिसमें कहा गया था कि हर माह 11 तारीख को काला दिवस मनाया जाएगा। पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि ''मायावती हार की असल वजह की तह तक जाने की बजाय मशीन में गड़बड़ी का आरोप लगा रही हैं।'' बड़ी खबर: यूपी के CM होंगे मनोज सिन्हा, बस औपचारिक ऐलान बाकी
उन्होने कहा कि पार्टी सुप्रीमो के इस बयानबाजी से कार्यकर्ता आहत हैं। उन्हें समाज के बीच में रहना होता है। सच तो यह है कि बसपा सुप्रीमो पार्टी संस्थापक कांशीराम के बनाए सिद्धांतों से इतर चल रही हैं। बसपा के पूर्व लोकसभा प्रभारी सुशील सिंह चंदेल ने कहा कि जो धरना-प्रदर्शन जनसमस्याओं के लिए होने चाहिए, वह ईवीएम के खिलाफ हो रहा है। यह जनादेश का अपमान है।