Umaria News : जंगली हाथियों के झुंड के बीच तड़प रहा था हाथी, जान में खेलकर डॉक्टरों ने किया इलाज
Umaria News : बांधवगढ़ नेशनल पार्क और इससे सटे जंगलों में बीते 3 वर्षों से जंगली हाथियों का मूवमेंट है। छत्तीसगढ़- झारखंड के रास्ते शहडोल क्षेत्र में पहुंचे जंगली हाथियों ने अब तक वापसी नहीं की है। बांधवगढ़ पनपथा बफर क्षेत्र में 42 से ज्यादा हाथियों का झुण्ड चहल कदमी कर रहा है। इसी बीच झुण्ड में 1 हाथी की हालत खराब हो गई। जंगल के बीच में हाथी रो रहा था। ग्रामीणों की जानकारी के बाद बांधवगढ़ पार्क प्रबंधन की टीम ने रेस्क्यू की प्लानिंग की और दोपहर को ही ब्यौहारी और बांधवगढ़ के बीच घोरीघाट ग्राम पंचायत छतवा पहुंच गए। जहां बाद में रेस्क्यू टीम और डॉक्टरों की टीम ने जान पर खेलकर हाथी का उपचार किया और उसकी जान बचाई।
कीटनाशक खाने के बाद हुआ था बीमार
रेस्क्यू टीम के दबा अनुसार हाथी की पूछ और सूंढ़ में कोई मूवमेंट नहीं थी और वो पैर और पेट के बल बार-बार खड़े होने की कोशिश कर रहा था। आशंका थी कि कीटनाशक छिड़काव से मिली हुई कोई वस्तु निकाल लिया है। बीटीआर की टीम ने 20 बोतल के माध्यम से हाथी को दवाइयां देते हुए उपचार किया। लगभग 11 से 14 घंटे निगरानी में रख इलाज कर जान बचाई है। बाद में बुलडोजर के माध्यम से हाथी को उठाया, जिसके बाद हाथी झुण्ड में शामिल हुआ।
जान पर खेलकर बचाई जान
बांधवगढ़ फील्ड डायरेक्टर सुधीर मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया की बीमार जंगली हाथी का उपचार करना आसान नहीं था। सबसे बड़ा डर जंगली हाथियों के झुंड से ही था जो अपने सहपाठी के लिए बार-बार लौटकर वहां पर पहुंच रहे थे। इसलिए पूरी रणनीति की गई और जंगली हाथियों के कारण उपचार बाधित न हो इसलिए जहां पर हाथी का उपचार किया जा रहा था वहां चारों ओर सुरक्षा श्रमिकों को लगाया गया। चारों ओर आवाज के साथ ही मिर्ची का धुंआ किया गया और पटाखे फोड़े गए और जंगली हाथियों को लगातार डायवर्ट करते रहे तब कहीं जाकर बीमार हाथी का उपचार किया जा सका।