Chandra Grahan समाप्त होते ही उमड़ा आस्था का सैलाब, श्रद्धालुओं ने लगाई मोक्षदायनी क्षिप्रा में डुबकी
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण समाप्त होते ही धार्मिक नगरी उज्जैन में मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के तट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा, जहां बड़ी संख्या में लोग मोक्षदायिनी क्षिप्रा में डुबकी लगाने आए थे। रामघाट और त्रिवेणी घाट के साथ ही सभी घाटों पर लोगों की बड़ी संख्या स्नान के लिए नजर आई, कार्तिक पूर्णिमा होने के कारण बड़ी संख्या में लोग सुबह से ही शिप्रा नदी में स्नान के लिए पहुंच रहे थे, लेकिन जैसे ही ग्रहण का मोक्ष हुआ वैसे ही लोगों की संख्या बढ़ती चली गई, जहां देखते ही देखते घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ने लगा।
दिन भर से जारी है स्नान का सिलसिला
कार्तिक पूर्णिमा होने के चलते सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग रामघाट और अन्य स्थानों पर स्नान के लिए पहुंचने लगे थे, जहां ग्रहण समाप्ति के बाद लोगों के पहुंचने का सिलसिला बढ़ता चला गया, अबकी बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही चंद्रग्रहण भी पड़ा जिसके चलते लोग देर शाम तक शिप्रा नदी में स्नान के लिए पहुंचने लगे थे। उधर, प्रदेश के अन्य घाटों और नदियों में भी लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई, जहां नर्मदा नदी के किनारे पर भी यही स्थिति नजर आ रही थी, ओमकारेश्वर और खल घाट समेत तमाम घाटों पर आस्था का सैलाब नजर आया। बड़ी संख्या में लोग स्नान के लिए पहुंच रहे थे।
महाकाल मंदिर में हुआ शुद्धिकरण
धार्मिक नगरी उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकालेश्वर मंदिर में ग्रहण समाप्त होने पर मंदिर परिसर का शुद्धिकरण हुआ, जहां मंदिर प्रबंधन से जुड़े कर्मचारियों ने पूरे मंदिर परिसर की साफ सफाई करते हुए पानी से मंदिर परिसर को धोया। वहीं ग्रहण समाप्त होते ही पुजारियों ने बाबा महाकालेश्वर का पूजन अर्चन किया। बता दें कि, सूर्य हो या चंद्र ग्रहण, महाकालेश्वर मंदिर के कपाट कभी भी बंद नहीं होते, जहां गर्भ ग्रह में स्पर्श बंद हो जाता है, तो वहीं आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन चालू रहते हैं। ग्रहण खत्म हो जाने के बाद मंदिर परिसर का शुद्धिकरण होता है, तो वहीं पुजारी भगवान महाकालेश्वर का पूजन अर्चन करते हैं।
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