उज्जैन: मध्यरात्रि को खुलेंगे नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट, पूजन के साथ शुरू होगा दर्शन का सिलसिला
उज्जैन, 1 अगस्त: धार्मिक नगरी उज्जैन स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर बाबा महाकालेश्वर मंदिर के ठीक ऊपर स्थित है। इस मंदिर के पट साल में एक बार नाग पंचमी के दिन खोले जाते हैं। वहीं इस बार नाग पंचमी का पर्व 2 अगस्त को आ रहा है, जहां 1 अगस्त की मध्य रात्रि 12 बजे मंदिर के पट खोल दिए जाएंगे, जो 2 अगस्त की मध्य रात्रि 12 बजे तक खुले रहेंगे। वहीं इसके बाद विधि-विधान के साथ मंदिर के पट साल भर के लिए बंद कर दिए जाएंगे। ऐसी मान्यता है कि, इस मंदिर में भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने से सभी कष्ट दूर होते हैं, और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
बड़ी संख्या में भक्त दर्शन करते हैं
मध्य प्रदेश में कई सारे धर्मस्थल ऐसे भी हैं, जो बेहद प्राचीन हैं, और साथ ही साथ यह अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं। प्रदेश के धार्मिक नगरी कहीं जाने वाले शहर उज्जैन की यदि बात करें तो यहां विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल का मंदिर है, जो 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। साथ ही इस मंदिर के ठीक ऊपर भगवान नागचंद्रेश्वर विराजमान हैं, जहां साल में सिर्फ एक बार इस मंदिर के पट खुलते हैं। नाग पंचमी पर खुलने वाले मंदिर के पट विधि विधान के साथ खोले जाते हैं। मंदिर में विराजमान भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने श्रद्धालु दूर-दूर से धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंचते हैं।
रहस्यमयी है भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर
वैसे तो धार्मिक नगरी उज्जैन काफी प्राचीन नगरों में से एक है, जहां इस शहर की धार्मिक मान्यताएं अपने आप में कई सारे रहस्य लिए हुए है। वहीं महाकालेश्वर मंदिर के ठीक ऊपर स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर का मंदिर भी कई रहस्यों से परिचित कराता है, जहां भारत देश का यह एक मात्र ऐसा मंदिर है, जो साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी के दिन ही खुलता है। जानकारों की मानें तो इस मंदिर में भगवान नागचंद्रेश्वर की जो प्रतिमा है, वह 11वीं शताब्दी की है। साथ ही ऐसी मान्यता है कि, नाग पंचमी के दिन इस मंदिर में तक्षक नाग स्वयं मौजूद रहते हैं।
मंदिर परिसर में तैयारियां पूरी
आगामी 2 अगस्त को नागपंचमी का महापर्व आ रहा है। इस दौरान हर साल की तरह इस साल भी वर्ष में एक बार खुलने वाले भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे, जहां श्रद्धालु भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन लाभ प्राप्त कर सकेंगे। वहीं इसके लिए अब मंदिर प्रबंधन और प्रशासन भी तैयारियों में जुटा हुआ नजर आ रहा है, जहां लगातार नाग पंचमी के पर्व को लेकर तैयारियों का सिलसिला जारी है।
नागचन्द्रेश्वर भगवान की होगी त्रिकाल पूजा
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि, नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी, जिसमें 1 अगस्त रात्रि 12 बजे पट खुलने के पश्चात श्री पंचायती महा निर्वाणी अखाड़े के महंत विनित गिरी महाराज द्वारा भगवान श्री नागचंद्रेश्वर का पूजन किया जाएगा। शासकीय पूजन 2 अगस्त दोपहर 12 बजे होगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा 2 अगस्त को श्री महाकालेश्वर भगवान की सायं आरती के पश्चात मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितों द्वारा पूजन-आरती की जायेगी ।
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