पूर्व PM लाल बहादुर शास्त्री के तुलादान के लिए उदयपुर कलेक्ट्रेट में रखा सोना 56 साल बाद CGST का सौंपा
उदयपुर, 14 सितम्बर। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के तुलादान के लिए दिए गए सोने को 56 साल बाद सीजीएसटी के सुपुर्द किया गया। न्यायालय में चल रहे वाद के अनुसार राजस्थान के उदयपुर जिला कलेक्टर के मालखाने में रखा सोना 56 किलो 863 ग्राम था, लेकिन यह 67 किलो 800 ग्राम निकला।
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पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को तोलने के लिए रखे गए सोने पर न्यायालय द्वारा पांच बार आदेश दे दिया गया है। न्यायालय के आदेश के बाद ही उदयपुर जिला कलेक्टर के माल खाने में रखा सोना सुपुर्द किया गया है।
माल खाने में 56 किलो 863 ग्राम सोना रखे होने की जानकारी थी, लेकिन जब सुपुर्दगी से पहले वजन किया गया तो वह सोना 67 किलो 800 ग्राम निकला। हालांकि इस दौरान 3 किलो 200 ग्राम का एक सोने का बिस्किट का नंबर दस्तावेजों पर लिखे गए नंबर से भिन्न था।
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ऐसे में उदयपुर जिला कलेक्टर द्वारा 3 किलो 200 ग्राम सोने का बिस्किट सीजीएसटी को सुपुर्द नहीं किया गया है। सीजीएसटी की टीम करीब 32 करोड़ रुपए कीमत का 64 किलो 600 ग्राम सोना लेकर रवाना हुई।
अधिवक्ता प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि 3 किलो 200 ग्राम सोने के लिए पुनः न्यायालय में प्रार्थना पत्र लगाया जाएगा। यह मामला करीब 56 साल पुराना है तब लाल बहादुर शास्त्री के चित्तौड़गढ़ जिले के प्रस्तावित दौरे को लेकर छोटी सादड़ी के दो लोगों द्वारा चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर को सोना दिया गया था।
पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री का इस सोने से तुला दान किया जाना प्रस्तावित था। हालांकि लाल बहादुर शास्त्री का ताशकंद में निधन हो गया, जिससे उनका चित्तौड़गढ़ दौरा नहीं हो पाया था और यह सोना कलेक्टर के पास जमा रह गया, जिसे बाद में उदयपुर जिला कलेक्टर के माल खाने में रखवाया गया था।
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