MP: टीगमगढ़ में भाजपा पार्षदों ने कराई किरकिरी, पार्षदों—संगठन में कलह सामने आई
मप्र की टीकमगढ़ नगर पालिका से भाजपा पार्षदों के संगठन और जिलाध्यक्ष के खिलाफ बगावती सुर नजर आए हैं। नपा में नेता प्रतिपक्ष चुनाव में भाजपा पार्षदों और संगठन की अंर्तकलह निकलकर सामने आ गई।
Tikamgarh: नगर पालिका में भारतीय जनता पार्टी चुनाव के पांच महीने बाद नेता प्रतिपक्ष चुन सकी है। उसको लेकर भी बीते तीन-चार दिन से फिल्मी ड्रामा चल रहा है। संगठन ने जो नाम दिया, उसे दरकिनार कर रविवार को पार्षदों ने राजीव वर्धमान को नेता चुन लिया तो सोमवार को संगठन ने डैमेज कंट्रोल किया और बातचीत कर अभिषेक खरे को नपा में नेता प्रतिपक्ष सर्वसम्मति से चुना लिया गया।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के पहले टीकमगढ़ नगर पालिका से भाजपा को बगावत के सुर सुनाई दिए हैं। यहां भाजपा को नेता प्रतिपक्ष चुनने में पूरे 5 महीने का समय लग गया। उसमें भी संगठन और जिलाध्यक्ष ने रायशुमारी कर जिस पार्षद अभिषेक खरे का नाम फायनल कर लेटर जारी किया, भाजपा पार्षदों ने उसे दरकिनार कर बीते रोज अपने नेता प्रतिपक्ष के रुप में पार्षद राजीव वर्धमान को नेता प्रतिपक्ष चुनते हुए फूलमालाएं पहनाकर फोटो जारी करते हुए घोषणा कर दी। इधर सकते में आए संगठन ने भोपाल तक शिकायत कर दी। जिसके बाद संगठन मंत्री एक्शन में आए और पार्षदों से वन टू वन चर्चा कर उनकी नाराजगी के कारण सुने और अभिषेक खरे के नाम पर सहमति बनवाई। इसके बाद सोमवार शाम को पार्षदों ने अभिषेक खरे को नेता प्रतिपक्ष स्वीकार करते हुए सहमति जता दी।
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पार्षदों
की
शिकायत
हमारी
सहमति
नहीं
ली
थी
भाजपा
के
पार्षदों
का
कहना
था
कि
संगठन
ने
नेता
प्रतिपक्ष
के
लिए
अभिषेक
खरे
के
नाम
को
फाइनल
करने
से
पहले
पार्षदों
से
बातचीत
नहीं
की
थी,
न
उसकी
सहमति,
असहमति
को
तबज्जो
दी
गई
थी।
संगठन
ने
भोपाल
से
वरिष्ठ
पदाधिकारियों
का
नाम
लेते
हुए
पार्षदों
पर
दबाव
बनाने
के
लिए
सीधा
नाम
घोषित
कर
दिया
था।
इस
कारण
भाजपा
पार्षद
निकिता
प्रजापति,
लक्ष्मी
प्रजापति,
अजय
यादव,
आरती
साहू,
शमां
परवीन
खान,
हरीबाई
प्रजापति,
चंद्रप्रभा
झा
ने
भाजपा
के
ही
बागी
प्रत्याशी
व
पार्षद
बृजकिशोर
तिवारी
के
साथ
मिलकर
पार्षद
राजीव
जैन
को
नेता
प्रतिपक्ष
चुन
लिया
था।
हालांकि
सोमवार
को
राजीव
जैन
का
नाम
दरकिनार
कर
करते
हुए
संगठन
ने
अभिषेक
खरे
को
ही
नेता
प्रतिपक्ष
घोषित
कराया
है।