केरल बाढ़: अब 20 अक्टूबर को फिर से खुलेंगे कॉलेज, 19 तक सबरीमाला तीर्थयात्रा कैंसिल
तिरुवनन्तपुरम, 16 अक्टूबर: केरल में भारी बारिश का अलर्ट जारी है। भारतीय मौसम विभाग ने राज्य के 5 जिलों में रेड और 7 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि राज्य में स्थिति गंभीर है। कोट्टायम जिले में लैंडस्लाइड में 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 16 लापता हैं, क्योंकि शनिवार को राज्य में भारी बारिश का सामना करना पड़ा। इस बीच सीएम ने घोषणा करते हुए बताया कि जो कॉलेज 18 अक्टूबर से फिर से खुलने वाले थे, वे अब केवल 20 अक्टूबर से खुलेंगे। यह भी तय किया गया कि सबरीमाला तीर्थयात्रा 19 अक्टूबर तक टाल दी जाएगी।
राजधानी तिरुवनंतपुरम में शनिवार को बारिश हुई। मौसम विभाग ने केरल के पठानमथिट्टा, कोट्टायम,एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर और पलक्कड़ जिलों में रेड अलर्ट। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलापुझा, मलप्पुरम, कोझीकोड और वायनाड जिलों में ऑरेंज अलर्ट और कन्नूर, कासरगोड जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। सीएम ने बचाव प्रयासों को तेज करने के लिए शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक ली, जिसमें कहा कि कोट्टायम सहित बाढ़ वाले क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकालने के लिए हर संभव तरीके का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने सुरक्षा प्रक्रियाओं और किए जाने वाले उपायों के बारे में निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कहा कि निचले इलाकों और उन जगहों से जहां भूस्खलन या बाढ़ की संभावना है, वहां से लोगों को तुरंत निकालने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिविरों को कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल के साथ शुरू किया जाना चाहिए। वहीं कैंप में पीने के पानी और दवा के साथ मास्क और सैनिटाइजर भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
केरल में बारिश का कहर: 3 की मौत, 10 लापता, सीएम ने मांगी वायुसेना की मदद
सीएम विजयन ने बचाव कार्यों के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली नावों की लिस्ट के संबंध में भी निर्देश दिए और बांधों में जल स्तर की बारीकी से निगरानी की जानी चाहिए और साथ ही निकासी अलर्ट जल्द से जल्द जारी किया जाना चाहिए। दक्षिण और मध्य केरल में बारिश हुई है, खासकर कोट्टायम और इडुक्की जिलों में। सेना और वायु सेना ने बचाव कार्यों के लिए तैनात की हैं। भारतीय मौसम विभाग के लेटेस्ट अपडेट के अनुसार शुक्रवार रात से भारी बारिश के कारण कोट्टायम और पथानामथिट्टा राज्य के सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से हैं।