सूरत: अस्पताल ने आधी रात कोरोना मरीज की लाश बाहर सड़क पर पटकी, डॉक्टर ने थूककर अपमान भी किया
सूरत। गुजरात में सूरत जिले के पांडेसरा स्थित एक कोविड हॉस्पिटल के शर्मनाक रवैए की घटना सामने आई है। यहां प्रिया जनरल हॉस्पिटल में 12 दिन पहले एक कोरोना मरीज को भर्ती किया गया था। उस समय हॉस्पिटल ने 10 हजार रुपए का डिपाॅजिट भरवा लिया था। और मरीज को निमोनिया बताया था। फिर आठ दिनों के बाद दोबारा से जांच कराई तो फेफड़ों में 30 से 40% इंफेक्शन मिला। यानी मरीज कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित हो गया था। हॉस्पिटल में उसकी जान नहीं बची। जिससे परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई।
हॉस्पिटल प्रबंधन ने दुख की इस घड़ी में भी मृतक के परिजनों के प्रति संवेदनहीनता का परिचय दिया। जिस शख्स की मौत हुई, उसके बेटे ने बताया कि, मेरे पिता का नाम भगवान नायक था। उनकी जान चली गई तो इस हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने लाश शुक्रवार रात 1 बजे बाहर सड़क पर पटक दी। वे हमसे 85000 रुपए फीस मांग रहे थे। उन्होंने इतनी रकम का बिल बनाया था। हमारे पास इतने रुपए नहीं थे। फिर भी हमने कहा कि, जल्दी इंतजाम करके दे देंगे। मगर, हॉस्पिटल वालों ने एक न सुनी और मेरे पिता की लाश को अस्पताल के बाहर पटक दिया।"
मृतक के बेटे का नाम चंद्रमोहन है और उसने कहा, "पिताजी की लाश आधी रात को हॉस्पिटल से बाहर सड़क पर पटक दी गई। लाश को सड़क पर इतनी जोर से पटका कि सिर से खून निकल आया। सिर पर गहरी चोटें लगी थीं। डॉक्टरों ने थूककर अपमान भी किया। डॉक्टरों ने कहा कि, पूरी रकम भर दीजिए पहले। इधर, हम अपने पिता जी के शोक में डूबे थे। उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इस हॉस्पिटल में उनका 12 दिन इलाज चला था।"