कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का विरोध, कहा- हत्यारों से हाथ नहीं मिलाएंगे
श्रीनगर। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर को श्रीनगर के एक अस्पताल में कुछ लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने इस दौरान देश विरोधी नारे भी लगाए।
अय्यर यहां घाटी में हो रहे प्रदर्शन में घायल हुए लोगों को हाल जानने के लिए पहुंचे थे।
श्रीनगर के अस्पताल में प्रदर्शन
श्रीनगर में लगातार प्रदर्शन का दौर जारी है। इस कार्रवाई में कई लोग घायल भी हुए हैं। उनका हाल जानने के लिए कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर और पत्रकार प्रेम शंकर झा श्रीनगर के महाराज हरि सिंह अस्पताल पहुंचे।
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जैसे ही इन लोगों ने वहां मौजूद नागरिकों और घायलों से मिलने और उनसे बात करने की कोशिश की, कुछ लोगों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इनमें कुछ वालंटियर्स और अटेंडेंट्स भी शामिल थे। उनके विरोध के चलते मणिशंकर अय्यर और प्रेमशंकर झा को वापस लौटना पड़ा।
मणिशंकर अय्यर और प्रेम शंकर झा उस प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा हैं जिसमें पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं, जो श्रीनगर में प्रदर्शन के दौरान घायल हुए लोगों को हाल जानने और उनसे बात करने के लिए पहुंचा है। अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि विरोध कर रहे लोगों ने मणिशंकर अय्यर से कहा कि हम हत्यारों के साथ हाथ नहीं मिलाएंगे।
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सूत्रों के मुताबिक कुछ पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने घायलों से मुलाकात की और उनके घायल होने की वजहों को जाना। साथ ही उन्होंने घाटी के हालात को भी समझने को कोशिश की।
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अस्पताल में मौजूद एक वॉलंटियर ने बताया कि मरीजों से मिलने वालों को लोगों को नेत्र विभाग में तस्वीर लेने से मना कर दिया गया। यहां सबसे ज्यादा पेलेट गन से घायल हुए लोगों को भर्ती कराया गया है। इस दौरान देश विरोधी नारे भी लगाए गए।
जैसे ही दस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अस्पताल में पहुंचा वहां मौजूद कुछ लोगों ने 'गो इंडिया गो बैक' के नारे लगाने शुरू कर दिए। इस प्रतिनिधिमंडल में शबनम हाशमी, पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक समेत कई और लोग शामिल थे।
एक अटेंडेंट ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि हम सिर्फ आजादी चाहते हैं और इससे ज्यादा कुछ नहीं। वॉलंटियर्स ने प्रतिनिधिमंडल को उस वॉर्ड में लेकर गए जिसमें पेलेट गन से सबसे ज्यादा घायल हुए लोग भर्ती थे।
प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्यों ने की घायलों से मुलाकात
प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्य बशीर अहमद ने बताया कि इस डेलिगेशन का मकसद पेलेट गन से होने वाले नुकसान को जानना और घायलों से बात करना था। हम किसी के इशारे पर अस्पताल में नहीं पहुंचे थे।
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कांग्रेस का नेता होने की वजह से प्रदर्शनकारियों ने मणिशंकर अय्यर का विरोध किया, उन्हें और प्रेम शंकर झा को अस्पताल से वापस लौटना पड़ा।
बता दें कि 8 जुलाई को बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से लगातार श्रीनगर में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच ये पहला भारतीय प्रतिनिधिमंडल है जो प्रदर्शन में घायल हुए लोगों का हाल जानने के लिए घाटी में पहुंचा है।