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Hockey World Cup 2023:ओडिशा में उत्सव का माहौल, मैचों का ऐसा क्रेज कि ब्लैक में बिक रहे टिकट

भारतीय हॉकी फैन्स इस समय ओडिशा में टिकटों को ब्लैक में भी खरीदने के लिए तैयार हैं। भारतीय टीम के मैचों में भीड़ उमड़ रही है।

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Indian Hockey

Hockey World Cup 2023: भुवनेश्वर और राउरकेला में उत्सव का माहौल है। हर तरफ विश्वकप हॉकी की धूम है। दिन चढ़ते ही लोग मैच देखने की तैयारी में लग जाते हैं। भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम की तरफ जाने वाली सड़क पर लोगों की भीड़ है। पिछले सात दिनों से यही नजारा है। जिस दिन भारत का मैच होता उस दिन तो सड़क पर रेला ही उमड़ पड़ता है। हॉकी के लिए यह प्रेम एक सुखदअनुभूति है। टिकट तो सीमित है। लेकिन मैच देखने की ख्वाइश अनगिनत लोगों में। टिकट के जुगाड़ में कई लोग स्टेडियम के असपास भटक रहे हैं। हॉकी का यह क्रेज देख कर कुछ लोग गलत फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। सिनेमा की तरह हॉकी मैच के टिकट भी ब्लैक होने लगे हैं। सौ रुपये के टिकट को एक हजार और दो सौ रुपये के टिकट को बाइस सौ रुपये में बेचा गया। जब इस बात की शिकायत मिली तो पुलिस ने दबिश बनायी जिसमें पांच ब्लैकियर पकड़े गये। टिकटों की कालाबाजारी हालांकि गैरकानून बात है लेकिन इससे यह भी पता चल रहा है कि विश्वकप हॉकी मैच देखने के लिए खेल प्रेमी कितने उतावले हैं। यही जुनून तो हॉकी की खोयी प्रतिष्ठा को वापस लाएगा।

राहुल द्रविड़ के बेटे ने भी किया धमाल, कर्नाटक टीम का कप्तान बनाया गयाराहुल द्रविड़ के बेटे ने भी किया धमाल, कर्नाटक टीम का कप्तान बनाया गया

कलिंगा स्टेडियम अब हॉकी का नया तीर्थ

कलिंगा स्टेडियम अब हॉकी का नया तीर्थ

जैसे लॉर्ड्स क्रिकेट का मक्का है वैसे ही भुवनेश्वर का कलिंगा स्टेडियम भारत के आधुनिक हॉकी का महान तीर्थस्थल है। इसी तीर्थस्थल पर भारत की आधुनिक हॉकी नवीनतम शक्ति धारण कर रही है। टोकियो ओलम्पिक में अगर भारत ने 41 साल बाद हॉकी का कांस्य पकद जीता तो इसमें ओडिशा के त्याग और तपस्या की भी अहम भूमिका है। जिस गौरवशाली खेल को भारत में भुलाया जा रहा था उसे ओडिशा ने फिर जिंदा कर दिया। पहले पंजाब हॉकी का संरक्षक था। लेकिन समय के साथ उसकी रुचि और सहभागिता कम हो गयी। अब ओडिशा न केवल हॉकी का संरक्षक है बल्कि वह भारत के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की नर्सरी भी है।

भुवनेश्वर और राउरकेला में हॉकी की जगमग

भुवनेश्वर और राउरकेला में हॉकी की जगमग

ओडिशा ने देश को नयी राह दिखायी है। क्रिकेट के दीवाने देश में अब हॉकी फिर जन-मन को आकार्षित करने लगी है। यह बहुत बड़ी बात है। अभी भारत में न्यूजीलैंड के साथ क्रिकेट श्रृंखला चल रही है। लेकिन इसके बाद भी ओडिशा के खेल प्रेमी हॉकी के बुखार में तप रहे हैं। अभी भुवनेश्वर और राउरकेला में विश्व कप हॉकी प्रतियोगिता के मैच खेले जा रहे हैं। किसी भी खेल की विश्वकप प्रतियोगित बहुत खास होती है। फिर तो ये हॉकी की बात है। विश्वकप प्रतियोगिता के लिए भुवनेश्वर और रउरकेला को दुल्हन की तरह सजा दिया गया है। हॉकी को भारत भला कैसे भूल सकता है। इसी खेल ने तो पराधीनता के बावजूद भारत को विश्व में प्रतिष्ठा दिलायी थी। ओलम्पिक हॉकी में लगातार छह स्वर्ण पदक जीत कर भारत ने दुनिया में अपनी चमक बिखेरी थी।

नवीन पटनायक ने हॉकी को संजीवनी दी

नवीन पटनायक ने हॉकी को संजीवनी दी

लेकिन हॉकी के नियमों और मैदान में बदलाव के कारण हॉकी में भारत की बादशाहत खत्म हो गयी। लेकिन इस विकट समय में भारत का ओडिशा राज्य हॉकी को बचाने के लिए संजीवनी बूटी लेकर खड़ा हो गया। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने हॉकी को जिंदा रखने के लिए अपनी पूरी जान लगा दी। भारत के इस गौरवशाली खेल को बचाने के लिए किसी नेता ने आज तक नवीन पटनायक की तरह समर्पण नहीं दिखाया। आज ओडिशा की दुनिया में एक नयी पहचान बन चुकी है। यूरोप और लैटिन अमेरिका के देश ओडिशा को हॉकी के बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर और शानदार मेजबानी के लिए जानते है।

भारतीय हॉकी का प्रायोजक है ओडिशा

भारतीय हॉकी का प्रायोजक है ओडिशा

ओडिशा भारतीय हॉकी टीम का राष्ट्रीय प्रायोजक है। उसने 2018 में पांच साल के लिए ये करार किया था। 2018 में भी विश्वकप हॉकी प्रतियोगिता भुवनेश्वर में आयोजित हुई थी। लगातार दूसरी बार इस प्रतियोगिता की मेजबानी करना ओडिशा और भारत के लिए गौरव की बात है। टोकियो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीतने के बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा था कि ओडिशा 2023 के बाद भी अगले दस साल के लिए इस खेल का प्रायोजक बना रहेगा। नवीन पटनायक का हॉकी से आश्चर्यजनक प्रेम है। 2013 में हॉकी इंडिया लीग की शुरुआत हुई थी। ओडिशा पहला राज्य था जिसकी सरकार संरक्षित टीम (कलिंगा लांसर्स) यह लीग खेल रही थी। जब नवीन पटनायक ने हॉकी टीम को प्रयोजित करने का फैसला लिया था तब इसका बहुत विरोध हुआ था। विरोधी यह आरोप लगाते थे कि एक गरीब राज्य के लिए हॉकी में निवेश करना फिजुलखर्ची से अधिक कुछ नहीं। लेकिन नवीन पटनायक ने इसकी परवाह नहीं की। उनकी मेहनत कामयाब हुई। भारत फिर ओलम्पिक पदकधारी बना। 2023 में भारत ने बेल्जियम, जर्मनी, मलेशिया, स्पेन को पछाड़ कर विश्व कप की मेजबानी हासिल की थी। आज ओडिशा विश्वकप आयोजित कर दुनिया में भारत का नाम रौशन कर रहा है।

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English summary
Hockey World Cup 2023 Festive atmosphere in Odisha such a craze for the matches that tickets are being sold in black
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