अब वनडे विश्वकप 2022 में 9 खिलाड़ियों के साथ टीम खेल सकेगी मैच, जाने क्यों ICC ने दी हरी झंडी
नई दिल्ली। 2017 में आखिरी बार खेले गये महिला विश्वकप का अगला संस्करण लगभग एक साल की देरी के बाद अगले महीने से न्यूजीलैंड में खेला जाना है। न्यूजीलैंड की मेजबानी में खेले जाने वाले इस मल्टी नेशन टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिये सभी टीमें पहुंच गई हैं, जिसका आयोजन 6 शहरों में किया जायेगा। 4 मार्च से शुरू होने वाले इस टूर्नामेंट के लिये न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड और आईसीसी ने खिलाड़ियों की सुरक्षा का इंतजाम करते हुए अलग-अलग बायोबबल तैयार किये हैं, ताकि खिलाड़ियों को कोरोना की महामारी से बचाया जा सके।
हालांकि इस दौरान आईसीसी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि अगर किसी टीम के खेमे में कोरोना विस्फोट होता है और उसके पास खेलने के लिये 11 खिलाड़ी पूरी नहीं हो पाते हैं तो क्या किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि हाल ही में वेस्टइंडीज की मेजबानी में खेले गये अंडर 19 विश्वकप में ऐसे मामले देखे गये जिसमें टीमों के अंदर कोरोना विस्फोट हुए और उसके कई खिलाड़ी एक साथ कोरोना वायरस की चपेट में आ गये।
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अंडर 19 विश्वकप में भारत और हॉन्गकॉन्ग के खिलाड़ी हुए थे कोरोना संक्रमित
इस फेहरिस्त में 5वीं बार खिताब जीतने वाली भारतीय टीम का नाम भी है, जिसके 6 खिलाड़ी पहले ही मैच के बाद कोरोना वायरस की चपेट में आ गये, इसमें कप्तान यश धुल और उपकप्तान शेख रशीद का नाम भी शामिल है। हालांकि भारतीय टीम के पास दूसरे और तीसरे मैच के लिये 11 खिलाड़ी मौजूद थे जिसकी वजह से वह आगे बढ़ने में कामयाब रही और खिताब अपने नाम किया, लेकिन हॉन्गकॉन्ग की टीम के साथ ऐसा नहीं हो सका था और उसके पास सिर्फ 9 ही खिलाड़ी होने की वजह से वह लीग स्टेज के आखिरी दो मैच नहीं खेल सकी और बाहर हो गई। अगर ऐसी समस्या महिला विश्वकप के दौरान आती है तो उससे किस तरह से निपटा जाये, इसको लेकर आईसीसी ने बड़ा फैसला किया है।
आईसीसी ने लिया बड़ा फैसला
ताजा जानकारी के अनुसार आईसीसी ने अगले महीने से शुरू हो रहे महिला क्रिकेट के वनडे विश्वकप को लेकर बड़ा फैसला लिया है और कहा है कि अगर किसी टीम में कोरोना विस्फोट होता है और उसके लाइन अप में खेलने के लिये सिर्फ 9 ही खिलाड़ी उपलब्ध हैं तो भी उन्हें मैदान पर उतरकर खेलने का मौका दिया जायेगा। आईसीसी ने यह फैसला टूर्नामेंट में किसी भी तरह की रुकावट से बचने के लिये लिया है। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के आने के बाद से ही खेल जगत के कई टूर्नामेंट और सीरीज को या तो स्थगित करना पड़ा है या फिर रद्द करना पड़ा है। आईसीसी को इसी के चलते दिसंबर में खेले जा रहे विश्वकप क्वालिफॉयर को भी बीच में ही रोकना पड़ा था।
टीम मैनेजमेंट के सदस्य भी कर सकेंगे फील्डिंग
महिला विश्वकप के दौरान ऐसी किसी भी तरह की रुकावट से बचने के लिये आईसीसी ने संक्रमण की स्थिति में कोचिंग और सपोर्ट स्टाफ के सदस्यों को मैदान पर आकर सबस्टिट्यूट फील्डर्स के रूप में खेलने की इजाजत दी है। आईसीसी के हेड ऑफ इवेंटस क्रिस टेटली ने इसकी पुष्टि की है।
ईएसपीएन क्रिकइंफो के साथ बात करते हुए टेटली ने कहा,'अगर यह खेल को बढ़ाने के लिये जरूरी होता है तो हम एक टीम को 9 खिलाड़ियों के साथ मैदान पर उतरने की इजाजत देंगे। वहीं अगर उनके मैनेजमेंट टीम में कुछ महिलायें होंगी तो हम उन्हें भी सबस्टीट्यूट फील्डर के रूप में उतरने की इजाजत दे सकते हैं, जो न तो बल्लेबाजी करेंगी और न ही गेंदबाजी।'
सिर्फ 3 रिजर्व खिलाड़ी रखने की है इजाजत
गौरतलब है कि इस टूर्नामेंट में भाग लेने वाली सभी टीमों को आईसीसी ने सिर्फ 3 ही खिलाड़ी रिजर्व के तौर पर अपने साथ रखने की इजाजत दी है तो वहीं पर मुख्य टीम 15 सदस्यीय है। कोरोना की स्थिति में रिजर्व खिलाड़ियों का इस्तेमाल मुख्य टीम के सदस्य के तौर पर किया जा सकता है। इस बीच टेटली ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम मैचों के रिशेड्यूल पर भी विचार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा,'हम न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड से ज्यादा से ज्यादा फ्लेकिस्बल विकल्पों पर विचार करने की बात कर रहे हैं और अगर जरूरत पड़ी तो हम उद्देश्य की पूर्ति के लिये खुद भी ज्यादा फ्लेक्सिबल नीतियां लेकर आयेंगे।'
न्यूजीलैंड में बढ़ रहे हैं कोरोना के केस
गौरतलब है कि कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन के आने के बाद से न्यूजीलैंड में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आ गई है। इसको देखते हुए कीवी सरकार ने खेल आयोजन के दौरान दर्शकों के इकट्ठा होने पर बैन लगा दिया है। हालांकि विश्वकप की सीईओ एंड्रिया नेल्सन को उम्मीद है कि लीग स्टेज के दौरान सरकार कम संख्या में दर्शकों को आने पर हरी झंडी दिखा सकती है।
उन्होंने कहा,'खतरे की घंटी बजने के दौरान हम फिलहाल 100 पॉडस का इस्तेमाल कर सकते हैं। हम अपने काम को हफ्ते दर हफ्ते के हिसाब से कर रहे हैं और हमें लगता है कि पहले हफ्ते में दर्शकों का स्टेडियम पहुंचकर मैच देख पाना काफी मुश्किल है। दुर्भाग्य से कुछ जगहों पर हमें टिकट धारकों की टिकट कैंसिल करनी पड़ी रही है, हालांकि मुझे उम्मीद है कि जैसे-जैसे टूर्नामेंट बढ़ेगा हमें दर्शकों की वापसी देखने को मिल सकेगी।'