ICC Knock Out Jinx 9 साल से नहीं टूटा, धोनी, विराट के बाद रोहित की टीम इंडिया भी 'बिखरी', लगा 'छठा नॉकआउट पंच'
T20 World Cup India के लिए समाप्त हो गया। 2013 के बाद आज तक टीम इंडिया लगातार 6 नॉकआउट मुकाबले हारी है। धोनी के बाद कोहली अब रोहित शर्मा की कप्तानी। T20 World Cup India Vs England Adelaide Icc Knock Out Jinx India 6 Matc
ICC T20 World Cup India के लिए फिर से लोहे के चने चबाने जैसा साबित हुआ। टीम इंडिया के रणबांकुरे एक बार फिर फिनिशिंग लाइन क्रॉस करने में सफल नहीं हो सके। एडिलेड में भारत की हार के बाद की कहानी आईसीसी नॉकआउट जिंक्स जैसी है। दरअसल, आईसीसी T20 वर्ल्ड कप 2022 से टीम इंडिया की विदाई के बाद एक बार फिर यह डिबेट शुरू हो गई है कि आखिर पिछले 9 साल में ऐसा क्या गलत हुआ जिसके कारण भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम आईसीसी नॉकआउट मुकाबले नहीं जीत पा रही। साल 2013 के बाद आईसीसी के एक भी नॉकआउट मैच नहीं जीत सकी टीम इंडिया के लिए एक बार फिर आत्ममंथन का दौर शुरू होने वाला है। इस नाजुक मौके पर जानिए, India ICC Knock out Jinx के कारण कब और किन टीमों से बड़े आईसीसी टूर्नामेंट वाले मैच हारी।
नौ साल में हारे 6 आईसीसी नॉकआउट मुकाबले
टीम इंडिया ने आखिरी आईसीसी ट्रॉफी 2013 में जीती थी। एमएस धोनी की अगुआई में इंग्लैंड को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम इंडिया पिछले 9 साल में आईसीसी के नॉकआउट मुकाबलों को नहीं जीत सकी है। यह भी दिलचस्प है कि 2022 में भी इंग्लैंड के हाथों हारकर ही भारत का T20 वर्ल्ड कप अभियान समाप्त हुआ। इसी देश की टीम को टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी में 9 साल पहले हराया था, लेकिन 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद भारत एक बार भी आईसीसी टूर्नामेंट जीतने में सफल नहीं रहा हो सका है। खेल प्रेमियों के बीच यह कौतूहल जरूर है कि टीम इंडिया से चूक कहां हो रही है। गत नौ साल में भारत आईसीसी टूर्नामेंट में 6 नॉकआउट मैच गंवा चुका है।
मिनी वर्ल्डकप जीतने के बाद टी20 विश्वकप में मायूसी
2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद टीम इंडिया अगले साल यानी 2014 का T20 वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबला खेल रही थी। धोनी की अगुवाई में पहला टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारत के करोड़ों खेल प्रेमियों को आशा थी कि एक बार फिर कैप्टन कूल T20 वर्ल्ड कप जिता कर ही वापस आएंगे। हालांकि, फाइनल तक पहुंची टीम इंडिया के सामने श्रीलंकाई चीतों की चुनौती बड़ी साबित हुई। भारत के रणबांकुरों को मात देते हुए श्रीलंका ने अपना पहला T20 वर्ल्ड कप जीत लिया।
कंगारुओं की धरती से खाली हाथ लौटे
इसके बाद बारी 2015 के वनडे वर्ल्ड कप की थी। इस वर्ल्ड कप में भारत को टाइटल का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले में भारत ऑस्ट्रेलिया से पार नहीं पा सका। एक बार फिर टीम इंडिया को निराशा हाथ लगी और 2013 के बाद यह दूसरा आईसीसी नॉकआउट मैच था जहां भारत आईसीसी टूर्नामेंट जीतने से वंचित रह गया। कंगारुओं ने भारत का सपना चकनाचूर कर दिया।
होम ग्राउंड में भी हारने का गम, कैरेबियन टीम ने लगाया नॉकआउट पंच
अब बारी 2016 के T20 वर्ल्ड कप की। इस बार टूर्नामेंट की मेजबानी भी भारत ही कर रहा था, ऐसे में लाजमी है कि प्रशंसकों को 2011 के वनडे वर्ल्डकप की याद आ गई। होम ग्राउंड पर टीम इंडिया के साथ करोड़ों देशवासियों को भी उम्मीद थी कि भारत तमाम प्रतिद्वंद्वियों को चारों खाने चित करेगा और इस साल आईसीसी टूर्नामेंट जीतने का सपना पूरा होगा। कप्तान भी धोनी थे। घरेलू सरजमीं पर खेले जा रहे मुकाबलों के कारण T20 वर्ल्ड कप जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा भारत आशीष नेहरा जैसे अनुभवी गेंदबाज और रविंद्र जडेजा जैसे ऑलराउंडर के साथ उतरी टीम इंडिया को फिर निराशा ही हाथ लगी। सेमीफाइनल मुकाबले से बाहर हुई टीम इंडिया अपनी धरती पर भी आईसीसी का नॉकआउट मैच नहीं जीत सकी। इस साल के टी20 विश्व कप सेमीफाइनल में टीम इंडिया को हराने वाली वेस्टइंडीज की टीम ने वर्ल्ड कप जीता था।
फाइनल में पाकिस्तान के सामने नतमस्तक !
अगले साल यानी 2017 में विराट कोहली की कप्तानी में उतरी टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के मंसूबे पाल रही थी, लेकिन क्रिकेट के मैदान पर प्रदर्शन का इतिहास नहीं D-day यानी निर्णायक दिन का खेल मायने रखता है। फिनिशिंग लाइन क्रॉस करने वाले याद रखे जाते हैं। ठीक इसी तरह टीम इंडिया जीतने में सफल नहीं हो सकी और पाकिस्तान के लिए ये यादगार लम्हा बन गया। 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच खेला गया लेकिन आईसीसी वर्ल्डकप में पाकिस्तान से ना हारने का रिकॉर्ड रखने वाली टीम इंडिया के लिए मिनी वर्ल्डकप कहे जाने वाले चैंपियंस ट्रॉपी का मुकाबला किसी बुरे ख्वाब जैसा साबित हुआ। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भारत के शेरों से बीस साबित हुए। फाइनल मुकाबले में भारत को हार का मुंह देखना पड़ा, और 2013 के बाद ये चौथा मौका था जब टीम इंडिया आईसीसी नॉकआउट मुकाबले में नाकाम रही।
पांचवीं बार न्यूजीलैंड की टीम का नॉकआउट पंच
इसके बाद बारी 2019 में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप की थी। पूरे देश को उम्मीद थी की कैप्टन कोहली और महेंद्र सिंह धोनी की मौजूदगी वाली भारतीय टीम जीत का सूखा समाप्त करेगी। क्रिकेट के जनक कहे जाने वाले इंग्लैंड की धरती पर खेले गए इस वर्ल्ड कप में भी टीम इंडिया का बुरा दौर समाप्त नहीं हुआ। आईसीसी टूर्नामेंट का नॉकआउट दौर किसी नेगेटिव एनर्जी की तरह यहां भी भारत का पीछा करता रहा। यह लगातार पांचवी बार था जब नॉकआउट मुकाबले में टीम इंडिया हार कर बाहर हो गई। इस बार भी सेमीफाइनल तक पहुंची टीम इंडिया का मुकाबला न्यूजीलैंड से था। कीवी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया का रास्ता रोककर उसे खाली हाथ स्वदेश वापस लौटा दिया था।
India Nockout Jinx से पीछा नहीं छुड़ा सकी
पांच आईसीसी नॉकआउट मुकाबलों की नाकामी का जिंक्स कब खत्म होगा, ये यक्ष प्रश्न बनता जा रहा था। तमाम मुकाबलों के बाद 2022 का T20 वर्ल्ड कप आया। ऑस्ट्रेलिया की धरती पर खेले गए इस आईसीसी टूर्नामेंट में ग्रुप में टॉप पर रहने वाली टीम इंडिया की परफॉर्मेंस को देखते हुए भारत के करोड़ों क्रिकेट प्रशंसकों की उम्मीद भरोसे में बदलने लगी थी। आशा थी कि नौ साल का अभिशाप इस बार समाप्त होगा, लेकिन फाइनल से पहले सेमीफाइनल का नॉकआउट मुकाबला। इस मुकाबले में टीम इंडिया ने टुकड़ों में बेहतर खेल तो दिखाया, लेकिन खेल के हर विभाग में एकजुट होकर प्रदर्शन नहीं कर सकी। इंग्लैंड की टीम ने T20 वर्ल्ड कप 2022 सेमीफाइनल मुकाबले में जिस तरह का प्रदर्शन किया, भारतीय टीम चारों खाने चित हो गई। एक बार फिर नॉकआउट के दौर में भारत को हार मिली और मायूस टीम इंडिया को आईसीसी इवेंट से बिना ट्रॉफी के खाली हाथ लौटना पड़ा।