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अहम मैच में एक बार फिर बदकिस्मत रही दक्षिण अफ्रीकी टीम, नहीं मिटा पाए चोकर्स का ठप्पा

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South Africa in ICC World Cup: T20 वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका की टीम जिस तरह से नीदरलैंड के खिलाफ हार कर बाहर हुई है उससे उन पर लगा चोकर्स का ठप्पा और भी गहरा हो गया है। दक्षिण अफ्रीका की टीम की आईसीसी टूर्नामेंट में परफॉर्मेंस कुछ ऐसी रहती है कि वह अहम मैचों में कई बाहर फिसले हैं और इसका चरम उदाहरण आज नीदरलैंड के खिलाफ देखने को मिला। यहां पर दक्षिण अफ्रीका एक आसान जीत दर्ज करने के बाद बहुत आराम से सेमीफाइनल में पहुंच सकता था लेकिन उन्होंने अपनी किस्मत ऐसी पलटी कि पाकिस्तान की टीम, जो विश्व कप से लगभग बाहर हो चुकी थी अब वर्ल्ड कप सेमीफाइनल खेलने की ओर देख रही है।

चोकर बन कर बैठ गए

चोकर बन कर बैठ गए

दक्षिण अफ्रीका की टीम का प्रदर्शन इसलिए भी हैरानी भरा है क्योंकि उन्होंने लीग मैच में भारत को आसानी से हराया था और वे टूर्नामेंट की एक मजबूत टीम के तौर पर उभरे थे लेकिन आज वे प्रतियोगिता से बाहर होकर चोकर बन कर बैठ गए हैं। नीदरलैंड ने ताजा मुकाबले में 158 रन बनाए थे जिसके जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम 145 रन ही बना सकी। इस तरह से एक और मैच में साउथ अफ्रीका चोकर्स साबित हुए। आइए देखते हैं चोकर का क्रिकेट में क्या मतलब है।

चोकर्स कहने का प्रचलन कब शुरू हुआ

चोकर्स कहने का प्रचलन कब शुरू हुआ

दरअसल जिस तरीके से आईसीसी टूर्नामेंट में साउथ अफ्रीका ने प्रदर्शन किया है उसके बाद उनको चोकर्स कहने का प्रचलन शुरू हुआ जो अभी तक जारी है। चोकिंग करने का मतलब है कि आप मुख्य मंच पर आकर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। दक्षिण अफ्रीका की टीम के पास दुनिया के कुछ सबसे बेहतरीन खिलाड़ी हैं लेकिन वर्ल्ड कप में कभी भी सेमीफाइनल से आगे नहीं जा पाए जिसके चलते उनके ऊपर चोकर का टैग बिल्कुल सही बैठता है

साउथ अफ्रीका का टूर्नामेंट में इतिहास

साउथ अफ्रीका का टूर्नामेंट में इतिहास

1992 में दक्षिण अफ्रीका की टीम काफी अनलकी रही थी क्योंकि बारिश ने वर्ल्ड कप के फाइनल में जाने का चांस छीन लिया था। साउथ अफ्रीका को अंतिम 13 गेंदों पर 22 रनों की दरकार थी लेकिन बारिश के बाद उनको 1 गेंद पर 21 रन चाहिए थे जिसको हासिल करना असंभव था। जब 1999 के वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका सेमी फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हारा तो उनको चोकर्स कहना शुरू कर दिया गया था जहां पर दक्षिण अफ्रीका पूरी तरह हावी था लेकिन वे अंतिम गेंद पर हार गए। इस मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने आस्ट्रेलिया को 213 रनों पर ही समेट दिया था और ऑस्ट्रेलिया ने भी इस मैच में 213 रन बनाए लेकिन सुपर सिक्स स्टेज में अपनी परफॉर्मेंस के आधार पर दक्षिण अफ्रीका को टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा।

एक बार फिर बदकिस्मत रही अफ्रीकी टीम

एक बार फिर बदकिस्मत रही अफ्रीकी टीम

इसके बाद 2015 का वर्ल्ड का है जहां पर वह जीत के दावेदारों में से एक थे लेकिन उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबला हारा। न्यूजीलैंड ने ही साउथ अफ्रीका को 2011 के विश्व कप से बाहर किया था। 2011 में दक्षिण अफ्रीका ने अपने ग्रुप में टॉप किया था लेकिन नॉकआउट स्टेज में ही एलिमिनेट हो गए थे। अब आईसीसी T20 वर्ल्ड कप में जिस तरह से उन्होंने नीदरलैंड के खिलाफ प्रदर्शन किया है तो इससे साबित होता है कि वह दबाव के हालातों में वाकई में चोक करते हैं। उन्होंने इस प्रतियोगिता में भारत जैसी टीम को हराया और नीदरलैंड से हार गए जिसके चलते अंत में वह अप्रत्याशित ढंग से बाहर हो गए। हालांकि किस्मत एक बार फिर से उनके साथ नहीं रही क्योंकि जिंबाब्वे के खिलाफ उनका मैच बारिश के चलते हो ही नहीं पाया था और एक-एक अंक बांटने पड़े थे।

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English summary
T20 World Cup 2022: South Africa once again proves they are real Chokers in ICC tournaments
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