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शोएब अख्तर ने बताया उन्हें क्यों पसंद था बैटर्स के शरीर पर गेंद मारना, बोले- बंदर की तरह उछलता देख आता था मजा

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नई दिल्ली। क्रिकेट का इतिहास तेज गेंदबाजों की कहानियों से भरा हुआ है जिन्होंने अपनी स्पीड और स्किल्स से दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों को प्रभावित करने का कारनामा किया है, लेकिन जब भी दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज की बात होती है तो उसमें शोएब अख्तर का नाम जरूर आता है। पाकिस्तान क्रिकेट टीम का इतिहास तेज गेंदबाजों से भरा रहा है लेकिन शोएब अख्तर ने न सिर्फ क्रिकेट इतिहास की सबसे तेज गेंद फेंकने का कारनामा किया बल्कि अपने आक्रामक रवैये से बैटर्स को डरा कर उनका विकेट चटकाया है।

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Shoaib Akhtar reveals dark secret of his bowling during Cricketing days | वनइंडिया हिन्दी | #Cricket
Shoaib Akhtar

रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर इस गेंदबाज ने कई विपक्षी बल्लेबाजों को अपनी गेंदबाजी से चोटिल कर उन्हें बुरे सपने दिये, जिसके चलते उनके जमाने के कई दिग्गज बैटर्स ने उन्हें सबसे क्रूर गेंदबाज का नाम दिया है। वो एक बल्लेबाज के साहस का टेस्ट अपनी नाक तोड़ बाउंसर और अंगूठा फोड़ यॉर्कर से करते थे। अख्तर ने 2003 विश्वकप में इंग्लैंड के खिलाफ गेंदबाजी करते हुए सबसे तेज गेंद (161.3 km/h) फेंकने का कारनामा किया, जिसे इंग्लैंड के सलामी बैटर निक नाइट ने खेला।

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बैटर्स को बंदर की तरह उछलता देखना था पसंद

बैटर्स को बंदर की तरह उछलता देखना था पसंद

स्पोर्टसकीड़ा के साथ बातचीत में शोएब अख्तर ने अपनी तेज गेंदबाजी में उन्हें सबसे ज्यादा क्या पसंद थी उस पर खुलासा किया। अख्तर ने आगे बात करते हुए बताया कि उन्हें अपनी गेंदबाजी के खिलाफ बैटर्स का संघर्ष करते हुए देखना काफी पसंद था, खास तौर से उनकी स्पीड और शॉर्ट बॉल के सामने जब बैटर्स कूदते हुए नजर आते थे।

उन्होंने कहा,'मैं बाउंसर्स फेंकता था क्योंकि मुझे बैटर्स का बंदरों की तरह कूदना काफी खुशी देता है। मैं झूठ नहीं कहूंगा क्योंकि मेरे पास गति थी तो मेरा मन करता था कि मैं उन बैटर्स के सिर पर गेंद मारूं। यह तेज गेंदबाज होने का अपना फायदा है, यह हर तेज गेंदबाज के साथ होना जरूरी है।'

शीशे में देखने पर सिर्फ अख्तर याद आये

शीशे में देखने पर सिर्फ अख्तर याद आये

शोएब अख्तर ने आगे बात करते हुए बताया कि वो बैटर्स के शरीर पर जानबूझ के गेंद मारना चाहते थे ताकि जब भी वो अपने आपको शीशे में देखें, तो उन्हें बस अख्तर का नाम याद आये।

उन्होंने कहा,'जब आप गेंद फेंकने जाते हो तो आपका एड्रेलियन ऊपर होता है, आपके बाल उड़ रहे होते हैं, आपके दिल की धड़कन 185 से ज्यादा होती है, तो आप जाहिर तौर पर फुलर गेंद नहीं फेंकोगे। इसे शरीर पर लगना चाहिये, उनके जिस्म पर आलू दिखना चाहिये ताकि जब भी बैटर्स खुद को देखें तो उन्हें यह याद आना चाहिये। यही सच्चा प्यार है।'

ऐसा था अख्तर का करियर

ऐसा था अख्तर का करियर

गौरतलब है कि शोएब अख्तर ने अपने करियर के दौरान काफी चोटों का सामना किया लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी स्पीड से कोई समझौता नहीं किया। शोएब अख्तर ने 163 वनडे मैचों में 147 विकेट हासिल कर 2011 विश्वकप के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। जब टी20 क्रिकेट की शुरुआत हुई तब वो अपने करियर के आखिरी दौर में थे लेकिन इसके बावजूद उन्होंने 15 मैचों में 19 विकेट चटकाये थे। अख्तर ने अपने टेस्ट करियर में 46 मैचों में शिरकत करते हुए 178 विकेट अपने नाम किये थे।

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English summary
Pakistan Pacer Shoaib Akhtar reveals Why he liked to hit Batters on Body says loved to see them swelled
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