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पाकिस्तान के क्रिकेटर करते थे मैच फिक्सिंग, चैंपियन टीम के पूर्व खिलाड़ी का खुलासा

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टी-20 विश्वकप के फाइनल में हार के बाद पाकिस्तान में बवाल मचा हुआ है। पूर्व दिग्गज क्रिकेटर अपने-अपने तरीके से हारने की वजह बता रहे हैं। पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम और अन्य बल्लेबाज सबके निशाने पर हैं। इस हार की समीक्षा के दौरान पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियांदाद ने एक बड़ा धमाका किया है। मियांदाद ने बताया कि पाकिस्तान में क्यों और कैसे मैच फिक्सिंग हुआ था।

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Pakistani cricketer


“आज पाकिस्तान से खेल रहे लड़कों का क्या भविष्य है?”

मियांदाद के मुताबिक, “हम लोगों ने काउंटी क्रिकेट खेली है, मगर आज ये लड़के क्या खेल रहे हैं ? इनका भविष्य क्या है ? ये किस लेबल की क्रिकेट खेल रहे हैं ? पाकिस्तान विदेशी कोच पर निर्भर होता जा रहा है इसलिए टीम का ये हाल है। हमारे समय में खिलाड़ियों को डर रहता था कि अगर परफॉर्म नहीं किये तो बिनी किसी मुरव्वत के टीम से बाहर कर दिये जाएंगे। इस डर से खेल तो निखरा लेकिन एक दिक्कत भी आ गयी। बहुत से खिलाड़ी डर गये कि अब तो उनका करियर खत्म हो जाएगा। इसलिए गलत रास्ते पर चल पड़े । वे सोचते थे कि अगर मैंने अभी कुछ नहीं किया (कमाया) तो कल क्या करूंगा ? इसी वजह से फिक्सिंग हुई थी।” जावेद मियांदाद ने 'क्रिकेट पाकिस्तान’ से बातचीत में इस बात का खुलासा किया है। विश्वकप में इंग्लैंड से हार के बाद मियांदाद 'क्रिकेट पाकिस्तान’ के सवालों का जवाब दे रहे थे।

मियांदाद किसी से डरते नहीं, खोल दी पोल

जावेद मियांदाद पाकिस्तान के करिश्माई खिलाड़ियों में एक हैं। लेकिन पाकिस्तान के महान कप्तान माने जाने वाले इमरान खान से उनकी बिल्कुल नहीं पटती थी। मियांदाद खरी-खरी बात कहने वाले खिलाड़ी थे। इसकी वजह से इमरान उन्हें पसंद नहीं करते थे। लेकिन मियांदाद की बल्लेबाजी इतनी शानदार थी कि इमरान को उन्हें टीम में रखना पड़ता था। मियांदाद कहते थे, जब तक मेरा बल्ला बोलेगा तब किसी में दम नहीं कि मुझे बाहर कर दे। ये बात सच भी थी। इमरान के विरोध के बावजूद मियांदाद ने एक सौ से अधिक टेस्ट खेले और रनों की झड़ी लगा दी। वे ऐसे पहले बल्लेबाज थे जिन्होंने अपने पहले और सौवें टेस्ट में सेंचुरी मारी थी। मियांदाद जब खेलते थे तब भी किसी से नहीं डरे और आज भी किसी से नही डरते। इसलिए उन्होंने पाकिस्तानी खिलाड़ियों की मैच फिक्सिंग पर इतना बड़ा खुलासा कर दिया।

“आज के खिलाड़ी हमलोगों की तरह फाइटर नहीं”

मियांदाद ने जो कहा उसका एक मतलब ये है कि आज के पाकिस्तानी क्रिकेटरों में वो फाइटिंग स्पिरिट नहीं जो उनके जमाने में हुआ करती थी। 1992 के विश्वकप (50 ओवर) में भी पाकिस्तान किस्मत से सेमीफाइनल में पहुंचा था। लेकिन उसने अपने फौलादी इरादों से विश्वकप जीत लिया था। फाइनल में इसी इंग्लैंड को हराया था। मियांदाद भी विश्वविजेता टीम का हिस्सा थे। 2022 के विश्वकप (20 ओवर) में भी पाकिस्तान किस्मत से सेमीफाइनल में पहुंचा। वह फाइनल में तो पहुंच गया लेकिन खिताबी मुकाबले में इंग्लैंड से बुरी तरह हार गया। तब के पाकिस्तानी खिलाड़ियों में जबर्दस्त मारक क्षमता थी जो आज के खिलाड़ियों में नहीं है। 1992 के विश्वकप में भी पाकिस्तान के ओपनर 24 रन पर पलेलियन लौट गये थे। लेकिन वन डाउन आये इमरान खान और सेकेंड डाउन आये मियांदाद ने अर्धशतक लगा कर मैच को संभाल लिया था। 2022 में क्या हुआ ? बाबर और रिजवान आउट हुए तो बल्लेबाजी ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी। इसलिए मियांदाद ने आज के पाकिस्तानी क्रिकेटरों के स्तर और भविष्य पर सवाल उठाया है।

1992 में क्या हुआ ?

1992 और 2022 के बीच तुलना नहीं हो सकती क्यों मैच का फॉरमेट अलग अलग था। लेकिन मैच की परिस्थितियों और मनोबल की तुलना हो सकती है। 1992 में आस्ट्रेलिया के मेलबॉर्न में पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच फाइनल खेला गया था। पाकिस्तान ने पहले बैटिंग की। आमिर सोहैल 4 और रमीज राजा 8 रन बना कर आउट हो गये। 24 रन पर 2 विकेट गिरने से पाकिस्तान दबाव में आ गया। लेकिन उस दिन इमरान खान ने कप्तान के रूप में साहसिक फैसला लिया। पहला विकेट गिरने के बाद वे खुद बैटिंग के लिए आ गये। आम तौर पर वे पांचवें नम्बर पर बल्लेबाजी करते थे। लेकिन पारी जमाने के लिए उन्होंने खुद जिम्मेदारी उठायी। रमीज राजा का विकेट गिरने के बाद जावेद मियांदाद को बुला लिया। दोनों पटती नहीं थी। लेकिन इमरान, मियांदाद की अहमियत जानते थे।

इमरान और मियांदाद का कमाल

फिर तो कमाल हो गया। इमरान ने 72 और मियांदाद ने 58 रन बना कर मैच पर पाकिस्तान की पकड़ मजबूत कर दी। कप्तान का खेल देख कर इंजमामुल हक और वसीम अकरम ने धुआंधार बल्लेबाजी की। इंजमाम ने 35 गेंदों पर 42 और अकरम ने 18 गेंदों में 33 रन बनाये। इस तरह पाकिस्तान ने 50 ओवरों में 6 विकेट पर 249 रन बनाये। ये एक सम्मानजनक स्कोर था। इसके बाद वसीम अकरम ने 3, आकिब जावेद ने 2, मुश्ताक अहमद ने 3 और इमरान खान ने 1 विकेट लेकर इंग्लैंड को 227 पर ऑलआउट कर दिया। इस तरह पाकिस्तान ने खराब शुरुआत के बाद भी विश्वकप जीत लिया था।

2022 में क्या हुआ ?

2022 के टी-20 विश्वकप का फाइनल पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच खेला गया। यह मैच भी 1992 की तरह मेलबॉर्न क्रिकेट ग्राउंड पर ही था। पाकिस्तान ने 1992 की तरह पहले बैटिंग की। यहां 1992 से बेहतर शुरुआत हुई। पाकिस्तान की दूसरा विकेट 45 पर गिरा। लेकिन इसके बाद इमरान और मियांदाद की तरह कोई बड़ी साझेदारी नहीं हुई। कप्तान बाबर आजम 84 के स्कोर पर आउट हो गये। उन्होंने सिर्फ 32 रन बनाये। बाबर के आउट होने के बाद भी किसी को पारी जमानी चाहिए थी। जैसे कि 1992 में इंजमाम और अकरम ने किया था। लेकिन इफ्तेखार, शादाब और नवाज ने इंग्लैंड के सामने हथियार डाल दिये। 20 ओवरों में सिर्फ 137 रन बनाने के कारण मुकाबला एकतरफा हो गया और इंग्लैंड ने फाइनल जीत लिया। मियांदाद ने तब और अब के इसी अंतर को सामने रखा है। मियांदाद का कहना है, पाकिस्तान के मौजूदा खेल में गिरावट इस लिए आयी है क्यों कि बोर्ड विदेशी कोच पर निर्भर हो गया है।

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English summary
javed miandad reveal pakistani cricketer match fixing
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