एशेज में बुरे हाल के बाद ECB के कान हुए खड़े, अपने रेड बॉल क्रिकेट को 'रिसेट' करेंगे अंग्रेज
नई दिल्लीः इंग्लैंड की टीम ने एशेज सीरीज में इतना घटिया प्रदर्शन किया है कि वे अब तक हुए सभी चारों मैच गंवाने की ही स्थिति में रहे। चौथा मैच ले-देकर ड्रा रहा और तीन मैचों में अंग्रेजों का सफाया हो चुका है। एक मैच बचा है जिसमें ऑस्ट्रेलिया के ही जीतने के चांस हैं।
इतना बुरा हाल देखने के बाद इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के चीफ टॉम हैरिसन को लगता है कि फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बदलाव करने का समय आ गया है। उनको यह भी लगता है कि सभी फॉर्मेट के बीच संतुलन बैठाकर ही बेड़ा पार होगा। उन्होंने ये बात 'द क्रिकेटर' से बात करते हुए कही है।
सफेद और लाल गेंद क्रिकेट के बीच संतुलन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि, "ये ऐसे सवाल हैं जो हमें पूछने की जरूरत है: हम कैसी पिचों पर खेलते हैं; हम कैसी गेंद का उपयोग करते हैं। हम यथासंभव टेस्ट क्रिकेट में परिस्थितियों को दोहराने की कोशिश कर रहे हैं। हम सफेद गेंद के खेल में वास्तव में अच्छा करते हैं। हम वर्तमान में रेड-बॉल क्रिकेट के संबंध में सही काम नहीं कर रहे हैं और हमने पिछले 12 महीनों में ऐसा देखा है।"
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हालांकि उन्होंने जो रूट की कप्तानी को सपोर्ट किया और कहा कि मुश्किल समय में रूट को समर्थन देना जरूरी है। उन्होंने कहा, "मैंने उसके साथ बहुत सारी बातचीत की है और मुझे एक उम्मीद है कि जो भविष्य के लिए हमारे कप्तान बने रहेंगे। मुझे लगता है कि उन्होंने प्रदर्शित किया है कि कप्तान रहते प्रदर्शन करने में सक्षम हैं। यह एक बहुत ही कठिन दौरा रहा है।"
हैरिसन ने यह भी कहा कि इंग्लैंड के खेलने के शेड्यूल पर भी नजर डालने की जरूरत है क्योंकि महामारी के बीच खेलना आसान नहीं है। खिलाड़ियों को उनकी रिकवरी के लिए पूरा समय मिलना जरूरी है। उन्होंने साफ कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि हम एक साल में 72 मैचों का आईपीएल और एक वर्ल्ड कप खेले। 2022 में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि वर्कलोड कैसे मैनेज होगा।