टेस्ट क्रिकेट को लेकर डेविड वार्नर को हो रही है चिंता, आने वाले 5-10 सालों में पता नहीं क्या होगा!
डेविड वार्नर ने बिग बैश लीग में युवाओं का दिमाग टटोलने की कोशिश की और जो नतीजे आए उससे वे बहुत ज्यादा सहमत नहीं हैं। टेस्ट क्रिकेट के भविष्य पर उन्होंने ये बातें कही हैं।
ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर के करियर की शुरुआत एक सफेद गेंद क्रिकेटर के तौर पर हुई थी। वह जमाना ऐसा था टेस्ट क्रिकेट में गैर-परंपरागत बल्लेबाजों को बड़ा दर्जा देने से परहेज किया जाता था लेकिन ओपनर के तौर पर वीरेंद्र सहवाग की सफलता ने काफी कुछ बदला है और डेविड वार्नर ने भी ऑस्ट्रेलिया के लिए ओपन करते हुए काफी सफलताएं हासिल की। इस फॉर्मेट में वार्नर कई बड़ी पारियों को खेल चुके हैं जिसमें तिहरा शतक भी शामिल है। लेकिन वार्नर टेस्ट के भविष्य को लेकर डरे हुए हैं। बाए हाथ के बल्लेबाज ने कहा कि वह टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। वह देख रहे हैं कैसे युवा क्रिकेटर खेल के सबसे लंबे प्रारूप पर सफेद गेंद के क्रिकेट को प्राथमिकता दे रहे हैं।
कोई नया क्रिकेटर प्राथमिकता नहीं देता
वार्नर ने सिडनी थंडर के अपने एक सहयोगी ओलिवर डेविस का उदाहरण देते हुए बताया कि जब फॉर्मेट के बीच चयन करने की बात आती है तो आने वाले क्रिकेटर कैसे सोच रहे हैं। लीगों के समय में टेस्ट क्रिकेट को कोई नया क्रिकेटर प्राथमिकता नहीं देता। केवल जब वह एक बार अपना सिक्का इंटरनेशनल क्रिकेट में जमा लेता है तो ही टेस्ट पर फोकस करना शुरू करता है। लेकिन अब इतनी लीग हैं कि इंटरनेशनल क्रिकेट में भी खिलाड़ी टी20 फॉर्मेट में ज्यादा ढल चुके हैं क्योंकि वहां मौके मिलने आसान हैं।
फटाफट का है जमाना
वार्नर ने कहा कि उन्होंने बिग बैश लीग में अपने कार्यकाल के दौरान डेविस सहित अपने युवा साथियों पर टेस्ट क्रिकेट खेलने के महत्व पर बात करने कोशिश की। वार्नर ने 101 टेस्ट और 240 सीमित ओवरों के मैच खेले हैं, उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि युवा क्रिकेटर टेस्ट क्रिकेट खेलने की वैल्यू को समझें।
आईसीसी ने भी टेस्ट मैचों में एक संदर्भ जोड़ने के लिए 2019 में विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की शुरुआत की। लेकिन कम समय में मोटा पैसा देने के मामले में टी20 का कोई सानी नहीं है। वार्नर, विराट कोहली, स्टीव स्मिथ, पैट कमिंस और बेन स्टोक्स जैसे खिलाड़ी लगातार टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता दे रहे हैं। लेकिन टी20 का जलवा कायम है।
भारत के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए तैयार
वॉर्नर ने कहा, "मैं डेविस से बात कर रहा था। उसे सफेद गेंद वाला क्रिकेट खेलना पसंद है, मैं उसे जल्द लाल गेंद वाला क्रिकेट खेलते हुए नहीं देख रहा हूं। मुझे इस बात का थोड़ा डर है कि अगले पांच से 10 वर्षों में क्या होने वाला है। मैं रेड-बॉल क्रिकेट खेलने और आने वाले लोगों में टेस्ट क्रिकेट खेलना पसंद करूंगा क्योंकि यही वह विरासत है जिसे आपको पीछे छोड़ना चाहिए।"
इस बीच, वार्नर ने यह भी कहा कि एक क्रिकेटर के लिए टेस्ट क्रिकेट खेले बिना एक लंबा और सफल करियर बनाना संभव नहीं है। केवल कुछ मुट्ठी भर खिलाड़ी ही ऐसे हैं जो रेड-बॉल क्रिकेट खेले बिना काफी समय तक छाप बने रहने में कामयाब रहे हैं।
वार्नर 9 फरवरी से एशियाई दिग्गज भारत के खिलाफ 4 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए तैयार है।
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