जयदेव उनादकट के टेस्ट डेब्यू में खेलने वाली टीम के 9 खिलाड़ी हो चुके हैं रिटायर, यह थी उस मैच की प्लेइंग XI
जयदेव उनादकट ने 12 साल बाद टेस्ट टीम में वापसी की है। उन्होंने अपना डेब्यू मैच 2010 में खेला था और उसके बाद से उन्होंने एक भी टेस्ट मैच नहीं खेला। उन्हें अपना पहला टेस्ट विकेट भी 12 साल बाद मिला है।
12 साल के बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी करने वाले जयदेव उनादकट को अपना पहला टेस्ट विकेट भी 12 साल के बाद मिला है। उनादकट ने 16 दिसंबर 2010 को अपना डेब्यू टेस्ट मैच खेला था। उस मैच में उन्होंने 26 ओवर की गेंदबाजी की थी, जिसमें 100 से अधिक रन देने के बाद वो एक भी विकेट नहीं ले पाए थे, जिसके बाद उन्हें टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया और फिर उसके बाद से उन्हें कभी टीम में नहीं चुना गया, लेकिन ठीक 12 साल के बाद 22 दिसंबर 2022 को उन्होंने टेस्ट टीम में वापसी की और अपना पहला टेस्ट विकेट लिया।
उनादकट को 12 साल बाद मिला पहला टेस्ट विकेट
जयदेव उनादकट ने टेस्ट टीम में वापसी करने के लिए 12 साल का लंबा इंतजार किया और इन 12 सालों में भारतीय क्रिकेट पूरी तरह से बदल गया है। इन 12 सालों में भारतीय क्रिकेट ने बहुत कुछ गंवाया है तो वहीं बहुत बड़ी उपलब्धियां हासिल भी की हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि उनादकट ने जब 2010 में अपना टेस्ट डेब्यू किया था तो तब की प्लेइंग इलेवन और आज की प्लेइंग इलेवन पूरी तरह से बदल गई है। उनादकट के डेब्यू मैच वाली प्लेइंग इलेवन के सभी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं।
उनादकट के डेब्यू में खेलने वाले 10 खिलाड़ी कौन-कौन थे?
आपको बता दें कि 2010 में जब उनादकट ने अपना टेस्ट डेब्यू किया था तो उस वक्त भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे और तमाम दिग्गज खिलाड़ियों से टीम इंडिया उस वक्त भरी हुई थी। उनादकट के डेब्यू मैच में खेलने वाली भारतीय टीम में गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, सुरेश रैना, एमएस धोनी, हरभजन सिंह, ईशांत शर्मा और एस श्रीसंत शामिल थे।
सभी 10 खिलाड़ी अब ले चुके हैं संन्यास
गौतम गंभीर: भारतीय टीम के ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर ने 2018 में अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास की घोषणा कर दी थी। 2019 से ही उनके पॉलिटिकल करियर का आगाज हो गया था। अभी गौतम गंभीर ईस्ट दिल्ली संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं।
वीरेंद्र सहवाग: विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग करियर के बुरे दौर से गुजरने के बाद रिटायर हुए थे। दरअसल, उन्हें 2013 में टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने 2 साल बाद मजबूरन संन्यास की घोषणा कर दी थी।
राहुल द्रविड़: राहुल द्रविड़ ने अपना आखिरी टेस्ट मैच जनवरी 2012 में खेला था। द्रविड़ ने 2011 में सीमित ओवर के फॉर्मेट से संन्यास ले लिया था। राहुल द्रविड़ अभी भारतीय टीम के कोच हैं और अंडर 19 से ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर, संजू सैमसन और पृथ्वी शॉ जैसे खिलाड़ियों को निखारने में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है।
सचिन तेंदुलकर: दुनिया के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने साल 2013 में टेस्ट करियर से संन्यास की घोषणा की थी। सचिन ने अपना आखिरी टेस्ट मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था। सचिन अभी आईपीएल में मुंबई इंडियंस के टीम मेंटॉर हैं।
वीवीएस लक्ष्मण: इन्होंने 18 अगस्त 2012 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। 2011 में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार टेस्ट सीरीज हारने के बाद लक्ष्मण ने संन्यास का ऐलान किया था। लक्ष्मण अभी टीम इंडिया के कोच भी हैं और उन्हें बोर्ड ने NCA में अहम जिम्मेदारी दी हुई है।
सुरेश रैना: 15 अगस्त 2020 में एमएस धोनी के अचानक संन्यास की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद सुरेश रैना ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। रैना ने इसके अगले साल यानि कि 2021 में आईपीएल से भी संन्यास की घोषणा कर दी थी।
एमएस धोनी: भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी ने 15 अगस्त 2020 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था। धोनी ने अपना आखिरी मैच 2019 विश्व कप का सेमीफाइनल खेला था। अभी धोनी आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान हैं।
हरभजन सिंह: टीम इंडिया के टर्बनेटर हरभजन सिंह ने सबसे लेट रिटायरमेंट का ऐलान किया। उन्होंने 2021 में सभी फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की थी। हरभजन सिंह का अंतरराष्ट्रीय करियर 23 साल तक चला। उन्होंने अपने करियर में 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28 टी20 मुकाबले खेले थे। अभी हरभजन सिंह आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद हैं।
ईशांत शर्मा: टीम इंडिया के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने अभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास नहीं लिया है। हालांकि वो अभी टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं। ईशांत पिछले साल तक टेस्ट टीम में खेले हैं, लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए उन्हें टीम में नहीं चुना गया। पिछले साल आईपीएल में भी उन्हें किसी टीम ने नहीं खरीदा था।
एस श्रीसंत: 2011 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे एस श्रीसंत ने 2013 में क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी। उनके करियर के 7 साल आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के कारण बर्बाद हुए हैं। उनपर 7 साल का बैन लगा था। हालांकि वो बैन अब खत्म हो गया है। श्रीसंत को हाल ही में केरल की तरफ से घरेलू क्रिकेट खेलते हुए भी देखा गया है, लेकिन उनकी अब अंतरराष्ट्रीय टीम में वापसी मुश्किल नजर आ रही है।