भारत और ओमान की सेना ने संयुक्त अभ्यास में दिखाया दम खम, देखें तस्वीरें
संयुक्त युद्ध अभ्यास में भारतीय सेना का नेतृत्व नौंवी गोरखा रायफल्स की चौथी बटालियन ने किया, जबकि ओमान की रॉयल आर्मी का नेतृत्व 23 इंफेंट्री ब्रिगेड ने किया।
शिमला। हिमाचल प्रदेश की धौलाधार रेंज में 14 दिनों तक चले ऑपरेशन अल नगाह टू में भारतीय सेना रायल ओमान आर्मी के जवानों ने अपने संयुक्त अभ्यास के दौरान अपने कौशल, पराक्रम कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया। अल नगाह का विधिवत समापन करने की घोषणा मेजर जनरल नवीन कुमार ऐरी ने की। सोमवार को ओमान आर्मी के जवान अपने वतन लौट रहे हैं। उन्हें आदमपुर एयरबेस तक पहुंचाया जायेगा।
ऑपरेशन समाप्ति की हुई घोषणा
हिमाचल
प्रदेश
की
धौलाधार
रेंज
में
चले
इस
संयुक्त
अभ्यास
का
बेस
कैंप
बकलोह
छावनी
रही।
इस
दौरान
दोनों
देशों
की
सेनाओं
ने
दोनों
देशों
में
हुई
सैनिक
संधि
को
भी
नई
मजबूती
दी।
बकलोह
छावनी
में
आयोजित
विदाई
समारोह
में
भारतीय
सेना
के
मेजर
जनरल
नवीन
कुमार
ऐरी
एवं
रायल
ओमान
आर्मी
की
ओर
से
सुलेमान
ऐबू
साबदी
ने
शिरकत
की
व
ऑपरेशन
के
समापन
की
घोषणा
की।
सुलेमान
ऐबू
आबदी
ने
भारतीय
सेना
के
जवानों
की
भूरि
भूरि
प्रशंसा
की।
इस
अवसर
पर
जवानों
को
संबोधित
करते
हुये
मेजर
जनरल
नवीन
कुमार
ऐरी
ने
कहा
कि
दोनों
देशों
के
जवान
इस
दौरान
युद्ध
कौशल
में
पारंगत
व
शांति
काल
में
आतंरिक
संकट
से
जूझने
में
पारंगत
हुये
हैं।
उन्होंने
ओमान
आर्मी
के
जवानों
का
भी
तहेदिल
से
आभार
प्रकट
किया।
नौंवी गोरखा बटालियन थी शामिल
संयुक्त युद्ध अभ्यास में भारतीय सेना का नेतृत्व नौंवी गोरखा रायफल्स की चौथी बटालियन ने किया, जबकि ओमान की रॉयल आर्मी का नेतृत्व 23 इंफेंट्री ब्रिगेड ने किया। संयुक्त युद्ध अभ्यास से दोनों देशों की सेनाओं ने अपनी रणनीति एक-दूसरे को समझाने का प्रयास किया । और भविष्य में किसी भी आतंकी या अन्य आशंकाओं में जहां दोनों देशों की सेनाओं को मिलकर काम के लिये तैयार रहने का प्रशिक्षण हासिल किया।
मिला कॉर्डोन करने का प्रशिक्षण
इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं को रॉक क्रॉफ्ट, स्लिदरिंग, काउंटर टेरोरिजम और लौ इंटेसिटी कंनफ्लिक्ट ऑपरेशन्स एंड काउंटर इंसजैर्सी एंड जंगल वारफेयर स्कूल और टेक्निकल ड्रिल्स जोकि एकदम नजदीक से कॉर्डोन करने का प्रशिक्षण दिया गया। 14 दिनों तक चले संयुक्त युद्ध अभ्यास को कई भागों में बांटा गया था। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के काउंटर इंसजैर्सी ऑपरेशन्स के अनुभव से ओमान आर्मी निश्चित रूप से लाभान्वित हुई है।
ये रहा उद्देश्य
सेना प्रवक्ता लेफिटनेंट कर्नल मनीष मेहता ने बताया कि संयुक्त अभ्यास का मुख्य उद्देशय दोनों देशों को एक-दूसरे की रणनीति को समझना और काउंटर इंर्जेसी और काउंटर टेरारिजम जैसे हालातों में एक-दूसरे के संचालन को आसानी से समझने और ऐसी विषम परिस्थितियों कमांड और कंट्रोल से अवगत करवाना रहा। इससे दोनों देशों की सेनाओं के मध्य सैन्य संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। ऐसे अभ्यास भविष्य में भी जारी रहेंगे। यह दूसरा संयुक्त यद्ध अभ्यास है । इससे पहले भी यह संयुक्त युद्ध अभ्यास जनवरी 2015 में आयोजित किया गया था।
ये भी पढ़ें: तो राज्यसभा में बहुमत पाने के लिए भाजपा को करना होगा 2020 तक इंतजार?