Satna news: सतना सेंट्रल जेल में बंद बुजुर्ग बंदियों से परिवार ने तोड़ा नाता, 6 साल से नहीं आए मिलने
सतना सेंट्रल जेल में 80 साल से अधिक उम्र के तीन कैदी ऐसे हैं जिनके परिवार के सदस्य काफी समय से उनसे मिलने नहीं आए हैं। पोस्ट कार्ड के माध्यम से भी सूचना भेजी गई लेकिन कोई सार्थक जवाब नहीं मिला।
कहा जाता है कि इस दुनिया में जिसने अपने माता-पिता की सेवा की है और उनका ध्यान रखा है, वही बेहतर संतान साबित होता है। वृद्धाश्रम में आमतौर पर ऐसी चीजें आती हैं कि उनके बच्चे बूढ़े मां-बाप से मिलने नहीं आते। वही सतना सेंट्रल जेल में अपने गुनाहों की सजा काट रहे बुजुर्ग कैदी भी इस कलयुग की चपेट में आ रहे हैं। जिनके माता-पिता ने पालन-पोषण कर उन्हें योग्य बनाया, लेकिन किन्हीं कारणों से पिता ने अपराध की दुनिया में कदम रखा और उन्हें सजा मिली। जिसके बाद उसे अपने गुनाहों की सजा भुगतने के लिए सतना सेंटर जेल में रखा गया। उसके बच्चों और परिजनों ने अब उसके बुढ़ापे और सेहत से मुंह मोड़ लिया है।
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जी हाँ बात कड़वी है लेकिन 100% सच है। दरअसल, सतना सेंटर जेल में ऐसे तीन कैदी हैं। जिनकी उम्र 80 साल के पार है और आज भी वो अपने गुनाहों की सजा काट रहे हैं। दो कैदियों के परिजन 6 साल से मिलने और हालचाल पूछने भी नहीं आए। एक कैदी के परिजनों ने पिछले एक साल से उससे नाता तोड़ लिया है।
पैरोल बनी रखी हुई
जेल अधिकारियों के मुताबिक, कई बुजुर्ग कैदियों की पैरोल बन कर रखी हुई है। उनके परिवार को भी इसकी जानकारी दे दी गई है। लेकिन उन्हें लेने कोई नहीं आ रहा है। बताया गया कि 81 वर्षीय कैदी 61 साल की उम्र में पैरोल पर रिहा हुआ था। लेकिन उसकी सुध लेने के लिए कोई आगे नहीं आया। जिसके बाद जेल प्रशासन ने उन्हें वापस बुला लिया और सभी बुजुर्ग बंदियों की इसी तरह से देखभाल की जा रही है.
लीना कोष्टा जेल अधीक्षक के अनुसार
80 साल से अधिक उम्र के तीन कैदी ऐसे हैं जिनके परिवार के सदस्य काफी समय से उनसे मिलने नहीं आए हैं। हमने पोस्ट कार्ड से भी जानकारी भेजी लेकिन कोई सार्थक जवाब नहीं मिला। इसलिए उनकी देखभाल जेल में ही की जाती है।