Sagar: नगर पालिका की लापरवाही जनता पर भारी, किसी के भी घर पर चल सकता है बुलडोजर
सागर की मकरोनिया नगर पालिका के अधिकारियों को यह पता ही नहीं है कि जो लोग यहां रहे हैं और उन्होंने जो भवन या व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनाए हुए हैं, वह अनुमति लेकर बनाए गए हैं या नहीं
मप्र में सागर की मकरोनिया नगर पालिका संभवत: प्रदेश की पहली ऐसी नगर पालिका होगी, यदि मौका आ जाए तो वह किसी का भी मकान, दुकान, मॉल या अन्य भवन यह कहकर तोड़ सकती है कि इस भवन निर्माण की अनुमति नहीं ली गई है। कारण नगर पालिका के पास ऐसा पूरा रिकॉर्ड ही उपलब्ध नहीं है। दरअसल यह नपा साल 2014 में बनाई गई थी, उसके पहले का इसके पास रिकॉर्ड ही नहीं है।
मकरोनिया नगर पालिका एरिया में लगभग 20 हजार भूमि-भवन संपत्तियां हैं। इनमें से कितने घर, बिल्डिंग, मॉल, होटल, गार्डन, अस्पताल विधिवत अनुमति लेकर निर्माण किए गए और संचालित हो रहे हैं, इसका रिकॉर्ड नगर पालिका के पास नहीं है। ऐसे में नगर पालिका या प्रशासन जब चाहे किसी का भी मकान, होटल या भवन गिरा सकते हैं। दरअसल, 2014 में गठन के बाद से ही नगर पालिका मकरोनिया के जनप्रतिनिधियों और अफसरों ने सिर्फ संपत्तिकर वसूलने से ही मतलब रखा।
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3 साल के अंदर ग्राम पंचायत की अनुमति नवीनीकरण करना था
नगरीय आवास एवं विकास विभाग के नियमानुसार जब नगर पालिका आस्तित्व में आई थी, उसके तीन साल के अंदर उसे ग्राम पंचायत जो इसमें मर्ज की गई थीं, उनसे रिकॉर्ड टेकओवर कर पंचायतों द्वारा जारी की गई अनुमतियों को लेकर उनका नगर पालिका के माध्यम से नवीनीकरण करना था। 2014 में गठन के बाद 2017 तक यह काम कर लेना था, लेकिन यह काम किया ही नहीं गया है, केवल संपत्तिकर की वसूली ही की गई है, नपा ने लोगों को इस संबंध में जानकारी भी नहीं दी थी, ताकि लोग स्वयं इसके लिए आगे आकर नवीनीकरण करा सकें। इधर नगर पालिका के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को यह पता ही नहीं है कि जो लोग यहां रहे हैं और उन्होंने जो भवन या व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स बनाए हुए हैं, वह अनुमति लेकर बनाए हैं या नहीं।
बटालियन
रोड
पर
होटल
सहित
अतिक्रमण
बताकर
तोड़े
थे
मकान
मकरोनिया
इलाके
में
बटालियन
रोड
पर
पिछले
दिनों
भाजपा
नेता
की
पत्नी
की
होटल
जयराम
को
माफिया
की
होटल
बताकर
तोड़
दिया
था।
जिला
प्रशासन
और
मकरोनिया
नगर
पालिका
का
तर्क
है
कि
यह
होटल
अवैध
रुप
से
बनी
थी,
जबकि
परिजन
ने
ग्राम
पंचायत
रजाखेड़ी
से
अनुमति
होना
बताया
था।
यह
मामला
हाईकोर्ट
तक
पहुंच
गया
है।
हाईकोर्ट
ने
जिला
प्रशासन
सहित
नगर
पालिका
को
नोटिस
जारी
कर
जवाब-तलब
किया
है।
इसके
पूर्व
इसी
इलाके
में
नगर
पालिका
ने
कुछ
अन्य
भवनों
को
अतिक्रमण
बताकर
तोड़ा
था,
इस
मामले
में
भी
ग्राम
पंचायत
की
अनुमति
की
बात
सामने
आई
थी,
लेकिन
नपा
के
अधिकारी
इसे
मान्य
नहीं
करते
हैं।
रिकॉर्ड
की
जांच
करा
रहे
हैं,
नवीनीकरण
भी
कराएंगे
मकरोनिया
नगर
पालिका
के
गठन
के
समय
ग्राम
पंचायतों
ने
रिकॉर्ड
तो
सौंपा
था,
लेकिन
वह
हमारे
यहां
आया
या
वरिष्ठ
कार्यालय
पहुंचा,
इसको
दिखवा
रहे
हैं।
ऐसा
नहीं
है
कि
सबकुछ
अवैध
है।
जांच
करा
रहे
हैं,
पुराना
रिकॉर्ड
भी
खंगाला
जा
रहा
है।
2014
के
पहले
के
भवनों
की
अनुमतियां
नवीनीकरण
कराएंगे।
वैसे
मैं
अभी
चंद
दिन
पहले
आया
हूं,
ज्यादा
जानकारी
लेकर
ही
दे
पाउंगा।
-
श्रीकांत
यादव,
सीएमओ,
नगर
पालिका,
मकरोनिया
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