गुजरात: CM रूपाणी के इलाके के गांव में स्कूल नहीं, गौशाला में पढ़ने को मजबूर बच्चे
Gujarat News, राजकोट। गुजरात में शिक्षा शैक्षेणिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के सरकार लाख दावे कर रही हो, मगर जमीनी स्तर पर अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। हाल ही अमरेली जिले के एक गांव में बच्चों के 2 किमी दूर हिंसक जीवों का जोखिम उठाकर मंदिर में अध्ययन किए जाने का मामला सामने आया था, अब मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के गृह जनपद में भी कुछ ऐसा ही मामला देखने को मिला है। यहां राजकोट जिले के एक गांव में बच्चे किसी स्कूल परिसर में नहीं, बल्कि गौशाला में विद्या-उपार्जन करने जाते हैं। जबकि, यह क्षेत्र खुद शिक्षामंत्री भूपेन्द्रसिंह चुड़ासमा के प्रभार के दायरे में भी है।
स्कूल बिल्डिंग के लिए एक ईंट भी नहीं लगी
जानकारी के अनुसार, राजकोट में लोधिका तालुका स्थित देवगांव में लगभग 125 छात्रों को गौशाला में अभ्यास करना पड़ रहा है। ये बच्चे प्राथमिक स्कूल के स्तर के हैं। पूछे जाने पर डीईओ का कहना है कि इन छात्रों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। अब नया बिल्डिंग भी जल्द ही बनवाया जाएगा। बताया जाता है कि तकरीबन एक साल पहले रिनोवेशन के नाम पर स्कूल-बिल्डिंग तोड़ दिया गया था। आज तक रिनोवेशन करना तो दूर बिल्डिंग के लिए एक ईंट भी नहीं रखी गई।
बिना छत की गौशाला में बैठकर पढ़ते हैं बच्चे
ऐसी स्थिति में यहां के विद्यार्थी बिना छत की गौशाला में बैठकर अपनी पढ़ाई आगे बढ़ाने के लिए मजबूर हो गए हे। और पढ़ाई के लिए न सिर्फ सर्दी-गर्मी बल्कि बारिश का भी सामना कर रहे है। देवगांव के सरपंच, उप सरपंच और शिक्षकों के मुताबिक इस बारे में कईबार अधिकारियों को जानकारी दी गई और स्कूल का बिल्डिंग बनवाने की मांग की गई। लेकिन शिक्षा विभाग की गहरी नींद नहीं खुल रही।
यह कहना है जिम्मेदारों का
बता दें कि, राजकोट न सिर्फ़ मुख्यमंत्री का होमटाउन है, बल्कि खुद शिक्षामंत्री यहां के प्रभारी भी हैं। फिर भी इसी जिले के गांव में शिक्षा का यह हाल है, ऐसे में राज्य के अन्य हिस्सो में सरकार शिक्षा के लिए कैसे प्रयास करती होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। डीईओ अनिल राणावसिया का कहना है कि 10 महीने पहले रिनोवेशन के लिए स्कूल का बिल्डिंग तोड़ा गया था। ऐसे में गांव के एक कम्युनिटी हॉल समेत दो रूम में छात्रों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी की गई। दो दिन पहले स्कूल की नई बिल्डिंग का वर्क आर्डर पास कराया गया है। मगर, बच्चों को गौशाला में क्यों पढ़ाया जा रहा है, इसकी जांच कराएंगे। बच्चों को जल्द ही वैकल्पिक स्थल पर बिठाया जाएगा।