गुजरात में खाद घोटाला: GSFC और IFFCO ने कम वजन की बोरी बाजार में उतारीं, पोल खुली तो..
Gujarat News in Hindi, राजकोट। गुजरात में किसान एक के बाद एक बड़े घोटाले के शिकार हो रहे हैं। पिछले वर्ष मूंगफली और इस वर्ष की शुरूआत में यहां अरहर की दाल के घपला उजागर हुआ। अब फिर एक घपला सामने आया है। इसमें GSFC और IFFCO जैसी सरकारी कंपनियों के खाद (उर्वरक) के जरिए किसानों को धोखा दिया गया। गुजरात किसान कांग्रेस के अधिकारियों ने आमजन के साथ पहुंचकर राजकोट के मधरवाडा क्षेत्र में घोटाले का पर्दाफाश किए जाने का दावा किया।
500 ग्राम खाद कम पैक किए जाने का भंडाफोड़ हुआ
गुजरात किसान कांग्रेस अधिकारी पाल आंबलिया का कहना है कि जैतपुर उर्वरक डिपो में GSFC की उर्वरक की थैलियों में 500 ग्राम खाद कम पैक किए जाने का भंडाफोड़ हुआ है। IFFCO कंपनी के उर्वरक में भी 300 से 500 ग्राम वजन कम पाया गया। इस तरह बोरों में कम उर्वरक ही रखकर ये खाद खरीदने वालों को चूना लगाया जा रहा था। बड़ी कंपनियों के उत्पाद में ऐसे मामले सामने आने के बाद किसान आक्रोशित हो उठे हैं। कांग्रेस विधायक ललित वसोया, ललित कगथरा और NCP नेता रेश्मा पटेल आदि ने सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। इन लोगों द्वारा सरकार से जांच कर कार्रवाई किए जाने की मांग भी की गई है।
कंपनी ने कम वजन वाली थैलियां वापस मंगवाई
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सूबे में किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। एक के बाद एक कई घपले उजागर हुए हैं। वहीं, कांग्रेस की ओर से दागे गए सवालों के बीच खुद कृषिमंत्री ने खाद घोटाले के जांच के आदेश दे दिए गए हैं। शाम तक कंपनी ने भी गलती स्वीकार कर ली। कंपनी ने कम वजन वाली थैलियां भी वापस मंगवाई हैं। साथ ही, लगभग सभी जगहों पर खाद की ऐसी थैलियों की बिक्री भी रोक दी गई है।
हकीकत सामने आने से किसानों में रोष फैल रहा
वहीं, कंपनी की स्वीकारोक्ति के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि सरकारी कंपनियों में सालों से चल रहे इस घोटाले के लिए जिम्मेदार कौन है? ऐसा कर किसानों को कितने रुपए का चूना लगाया जा चुका होगा? किसानों को प्रति थैली 500 ग्राम कम वजन खाद नहीं मिलने से हुए नुकसान की भरपाई कौन करेगा? मालूम हो कि वर्ष 2013 में भी ऐसा ही एक मामला उजागर हुआ था। जब किसानों की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की बात कही थी। मगर, उसके बाद भी जामनगर, जूनागढ आदि में कई बार ऐसे मामले देखे गए। अब वजन-घोटाले की हकीकत सामने आने से किसानों में रोष फैल रहा है।