कोरोना से जीता 22 सदस्यों वाला परिवार, पोते से लेकर दादी भी संक्रमित हो गई थीं, ऐसे हुए ठीक
राजकोट। कोरोना महामारी से चहुंओर कोहराम मचा हुआ है। खासकर बड़े शहरों में लोग ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं। गुजरात का राजकोट शहर भी रोज सैकड़ों नए मरीजों का गवाह बन रहा है। यहां के एक 22 सदस्यीय वैद्य परिवार की कहानी सामने आई है, जिसके 15 सदस्य संक्रमित हो गए थे। उनमें सालभर के पोते से लेकर 68 साल की दादी भी शामिल है।
22 सदस्यीय परिवार कोरोना की चेपट में आया
बहरहाल, परिवार के सभी सदस्यों की तबियत ठीक है। सभी ने एक-दूसरे की मदद करके वायरस को मात दी। परिवार के एक सदस्य ने बताया कि, 15 दिन में ही परिवार के 15 लोग एक साथ संक्रमित निकले। 68 साल की दादी चंद्रिकाबेन भी महामारी की चपेट में आ गई थी। और, सालभर का पोता दीवाक्ष भी पीड़ित हो गया था। उन्होंने कहा कि, हमारे इतने बड़े परिवार में कुछ सदस्य तो डायबिटीज और अस्थमा से भी पीड़ित थे। मगर, संकट में सभी एक-दूजे का सहारा बने।
कोविड सेंटर से लेकर किराए के रूम में भर्ती
परिवार के मुखिया के मुताबिक, 22 सदस्यीय वैद्य परिवार के 3 सदस्य कोविड सेंटर ले जाए गए और तीन अन्य किराए का मकान लेकर आइसोलेशन में रहे। बाकी अपने घर पर ही रहकर इलाज करवाते रहे।"
अंत में महामारी को हरा दिया
उन्होंने कहा, "बच्चे की तबियत काफी नाजुक हो गई थी, हालांकि डॉक्टर समेत सभी पूरी तल्लीनता से जुटे थे और अंत में महामारी को हरा दिया।"
बहरहाल, परिवार के सभी सदस्यों की तबियत ठीक है। सभी ने एक-दूसरे की मदद करके वायरस को मात दी। परिवार के एक सदस्य ने बताया कि, 15 दिन में ही परिवार के 15 लोग एक साथ संक्रमित निकले। 68 साल की दादी चंद्रिकाबेन भी महामारी की चपेट में आ गई थी। और, सालभर का पोता दीवाक्ष भी पीड़ित हो गया था। उन्होंने कहा कि, हमारे इतने बड़े परिवार में कुछ सदस्य तो डायबिटीज और अस्थमा से भी पीड़ित थे। मगर, संकट में सभी एक-दूजे का सहारा बने।
परिवार के मुखिया के मुताबिक, 22 सदस्यीय वैद्य परिवार के 3 सदस्य कोविड सेंटर ले जाए गए और तीन अन्य किराए का मकान लेकर आइसोलेशन में रहे। बाकी अपने घर पर ही रहकर इलाज करवाते रहे।"
उन्होंने कहा, "बच्चे की तबियत काफी नाजुक हो गई थी, हालांकि डॉक्टर समेत सभी पूरी तल्लीनता से जुटे थे और अंत में महामारी को हरा दिया।"