प्यार की पहरेदार बनेगी राजस्थान सरकार, यह नया कानून आने के बाद प्रेमी जोड़ों को मिलेगी खास सुरक्षा
जयपुर। प्रेमियों की सुरक्षा के लिए राजस्थान सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। सब कुछ सरकार की मंशा के अनुसार हुआ तो राजस्थान में ऑनर किलिंग की घटनाओं को रोकने में सरकार का यह फैसला कारगर साबित हो सकता है।
बता दें कि इस समय राजस्थान में विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। मौजूदा सत्र में राजस्थान सरकार ऑनर किलिंग रोकने के सम्बन्ध में विधेयक लाने की तैयारी में है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में सोमवार को हुई केबिनेट ने ऑनर किलिंग को लेकर विधेयक लाए जाने को स्वीकृति दी गई हैं।
मीडिया रिपोर्टस में बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ऑनर किलिंग विधेयक-2019 इसी सत्र में लाने को लेकर सरकार ने लगभग तैयारी कर ली है। विधेयक को इसी सत्र में रखने के लिए विधानसभा सत्र 6 जुलाई तक बढ़ाया जा सकता है। अभी सदन 2 अगस्त तक प्रस्तावित है।
ऑनर किलिंग विधेयक के संभावित प्रावधान
बताया जा रहा है कि ऑनर किलिंग विधेयक में राज्य सरकार कड़े प्रावधान कर राज्य में सख्ती लाएगी। इनमें खाप पंचायतों के निर्णयों पर रोक के लिए कड़े नियम बनाया जाना। प्रेम विवाह पर इज्जत के नाम पर होने वाली हत्याओं और प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों को पेरशान करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करना। प्रेम विवाह करने पर अगर प्रेमी जोड़े की पिटाई की जाती है, उसे किसी भी तरह से शारीरिक हानि पहुंचाई जाती है तो ऐसा करने वालों को एक से 5 साल तक की सजा और एक लाख रुपए तक के जुर्माने से दंडित करने और प्रेम विवाह रुकवाने का प्रयास करने वाले सभी लोगों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने के प्रावधान शामिल किए जा सकते हैं।
क्या
है
ऑनर
किलिंग
ऑनर
किलिंग
या
सम्मान
के
लिए
हत्या
करना
वो
आपराधिक
कृत्य
है
जिसमें
किसी
परिवार,
वंश
या
समुदाय
के
किसी
सदस्य
की
(आमतौर
पर
एक
महिला)
की
हत्या
उसी
के
परिवार,
वंश
या
समुदाय
के
एक
या
एक
से
अधिक
सदस्य
(अधिकतर
पुरुष)
द्वारा
की
जाती
है
और
हत्यारे
(आमतौर
पर
समुदाय
के
अधिकतर
सदस्य)
इस
विश्वास
के
साथ
इस
हत्या
को
अंजाम
देते
हैं
कि
मरने
वाले
सदस्य
के
कृत्यों
के
कारण
उस
परिवार,
वंश
या
समुदाय
का
अपमान
हुआ
है।
ऑनर
किलिंग
के
लिए
हरियाणा
की
खाप
पंचायतें
खासी
बदनाम
है।