Pramila Nehra : 26 वर्षीय प्रमिला नेहरा ने 5 साल में क्यों छोड़ी 7 सरकारी नौकरी, जानिए अब क्या चाहती हैं?
सीकर। सरकारी नौकरियों के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा के दौर में एक बार भी सरकारी नौकरी लगना आसान नहीं है, मगर इस मामले में राजस्थान की प्रमिला नेहरा की जिंदगी मिसाल है। 26 साल की यह लड़की कुल 9 बार सरकारी नौकरी लग चुकी है। इनमें से वर्ष 2013 से 2018 के बीच महज पांच साल में 7 बार तो सरकारी नौकरी छोड़ चुकी है। अब 2021 में आठवीं बार छोड़ने को तैयार है।
प्रमिला नेहरा का साक्षात्कार
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में प्रमिला नेहरा ने बताया कि आखिर उन्होंने सात बार लगी लगाई सरकारी नौकरी का मौका क्यों गंवा दिया और अब वो क्या चाहती हैं? प्रमिला की जिंदगी उन लोगों के लिए प्रेरणादायी है, जो कोई बड़ा लक्ष्य तय करते हैं और छोटी सी कामयाबी मिलने पर ही रुक जाते हैं। आगे बढ़ना बंद कर देते हैं।
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कौन हैं प्रमिला नेहरा
बता दें कि प्रमिला नेहरा राजस्थान के सीकर जिले के गांव सिहोट छोटी की रहने वाली हैं। वर्ष 1994 में सिहोट छोटी के जाट रामकुमार नेहरा व मनकोरी देवी के घर पैदा हुई प्रमिला एक बहन व एक भाई से छोटी है। इनके पिता किसान व मां हाउसवाइफ हैं। भाई महेश नेहरा आरएसी कांस्टेबल के रूप में चूरू में कार्यरत हैं।
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खुद टीचर, पति दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल
बता दें कि प्रमिला नेहरा अब तक नौ बार सरकारी लग चुकी हैं। सात नौकरी छोड़ दी और आठवीं नौकरी के रूप में राजस्थान के नागौर जिले के नावां लिचाणा के सरकारी स्कूल में बतौर वरिष्ठ शिक्षिका कार्यरत हैं। प्रमिला की शादी सीकर जिले के गांव बोदलासी के राजेंद्र प्रसाद रणवा के साथ हुई है। राजेंद्र प्रसाद दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल हैं।
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प्रमिला की कुल सरकारी नौकरी
1. एसएससी जीडी
2.
राजस्थान
पुलिस
3.
महिला
सुपरवाइजर
4.
एलडीसी
5.
ग्राम
सेवक
6.
पटवारी
7.
थर्ड
ग्रेड
टीचर
8.
वरिष्ठ
शिक्षिका
9
.
फर्स्ट
ग्रेड
टीचर
शुरुआत की नौकरी ज्वाइन तक नहीं की
प्रमिला ने बताया कि उनकी पहली सरकारी वर्ष 2013 में एसएससी जीडी और राजस्थान पुलिस में बतौर कांस्टेबल लगी थी, मगर ये दोनों ही परीक्षा देना का मकसद नौकरी लगना नहीं था बल्कि अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को परखना था। इत्तेफाक देखिए कि दोनों ही परीक्षाओं में चयन हो गया, मगर मैंने ज्वाइन नहीं किया।
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परीक्षा देते रहना सबसे अच्छी तैयारी
प्रमिला कहती हैं कि मेरा लक्ष्य आरएएस व यूपीएससी परीक्षा क्रैक करना है। इसलिए इन बड़ी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए मैं अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं भी देती रहती हूं। वर्ष 2016-17 में तो ऐसा मौका आया कि पटवारी, ग्राम सेवक, एलडीसी व महिला सुपरवाइजर में एक साथ नंबर आ गया था। किसी में ज्वाइन नहीं किया।
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आरएएस प्री दो बार कर चुकी हैं पास
प्रमिला ने बतौर पहली सरकारी नौकरी थर्ड ग्रेड टीचर के रूप में सांवली सीकर में ज्वाइन किया। वर्ष 2015 की इस परीक्षा में प्रमिला के 28वीं रैंक आई थी। फिर वर्ष 2017 में 22वीं रैंक पर वरिष्ठ शिक्षिका के रूप में चयन हो गया था। यह आठवीं नौकरी थी, जो सांवली सीकर से छोड़कर नावां नागौर ज्वाइन किया। अब वर्ष 2020 में अंग्रेजी के व्याख्याता के रूप में नौवीं रैंक पर बतौर नौवीं परीक्षा में चयन हो चुका है। इसके अलावा सीटेट और दो बार आरएएस प्री भी पास कर चुकी हैं।
बार-बार क्यों होता है प्रमिला का चयन ?
लगभग हर प्रतियोगी परीक्षा में प्रमिला को कामयाबी क्यों मिलती है? इसका जवाब खुद प्रमिला देती हैं और कहती हैं कि सभी प्रतियोगी परीक्षाओं का सैलेबस लगभग एक जैसा ही है। मैं किसी भी टॉपिक को एक बार में अच्छे से समझ लेती हूं। रटा नहीं मारती हूं। टॉपिक समझ लेने का फायदा यह होता है कि परीक्षा में चाहे कैसे भी घूमा फिराकर सवाल आए। कोई दिक्कत नहीं होती है। प्रमिला ने अंग्रेजी व्याख्याता भर्ती की तैयारी सीकर के जीत कोचिंग से की है।
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कीपैड वाला मोबाइल का उपयोग
प्रमिला नेहरा ने एक के बाद एक करके कई प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता शादी के बाद हासिल की है। प्रमिला कहती हैं कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में ससुराल व पति का पूरा सपोर्ट मिला। दूसरी बात ये कि खुद प्रमिला ने सोशल मीडिया से भी दूरी बनाए रखी ताकि तैयारी करने में अधिक से अधिक समय मिल सके। परिजनों से बातचीत के लिए कीपैड वाले मोबाइल का उपयोग किया करती थीं।