राजस्थान: कलयुग का श्रवण कुमार अपने कंधे पर माता-पिता को लेकर पहुंचा रामदेवरा, बना आकर्षण का केंद्र
जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर में एक ऐसा श्रवण कुमार है जिसने आपने मां -बाप को अपने कंधे पर बिठाकर बाबा रामदेव की सामाधि की दर्शन करवाई। भीलवाड़ा जिले के शंभुगढ़ का रहने वाले दिनेश मारू अपनी माता को लेकर विगत 27 दिनों से पदयात्रा करके रामदेवरा पहुंचा। जहां पर रामदेवरा पहुंचने पर स्थानीय नागरिकों द्वारा पद यात्रियों का हार्दिक अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर दिनेश मारू ने बताया कि उसकी मन्नत एवं आस्था थी कि वह अपने माता को अपने कंधे पर बैठाकर भीलवाड़ा से रामदेवरा तक लेकर आए चुनौती कठिन थी लेकिन उसने हौसला हिम्मत नहीं हारी।
करीब 500 किलोमीटर का लंबा सफर 27 दिनों में सफलतापूर्वक पूरा करके सोमवार की शाम रामदेवरा पहुंचा। बाबा रामदेव की समाधि पर अपनी माता के साथ उनके साथ चल रहे अन्य पद यात्रियों ने सामूहिक रूप से बाबा रामदेव की समाधि के दर्शन कर देश में अमन चैन खुशहाली की कामना को लेकर विशेष रूप से पूजा-अर्चना की। दिनेश ने कहा कि वर्तमान समय में पाश्चात्य संस्कृति हमारी संस्कृति पर हावी हो रही है। भारतीय संस्कृति बहुत ही पुरानी ऐतिहासिक जिसमें कई उदाहरण देखने को मिलते हैं वर्तमान समय में युवा वर्ग अपने माता-पिता को साथ रखने की बजाय उन्हें वृद्धाश्रम व अन्य स्थानों पर छोड़ रहे हैं।
वह अन्य युवाओं को संदेश देने के लिए भीलवाड़ा से रामदेवरा तक करीब 500 किलोमीटर का सफर पैदल चलते हुए आए। जननी माता भगवान के समान है। हमारे युवा भी वर्तमान समय में भारतीय संस्कृति का अनुकरण करें। रामदेवरा पहुंचने पर श्रद्धालुओं व ग्रामीणों के लिए कलयुग का श्रवण कुमार काफी आकर्षण का केंद्र बना रहा। बाबा रामदेव समाधि समिति की तरफ से माता व पुत्र सहित अन्य श्रद्धालुओं का सम्मान किया गया व स्मर्ति चिन्ह स्वरूप बाबा की प्रतिमा भेंट की।
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