SIKAR : 13 दिन में वसुंधरा सरकार को झुका देने वाले किसानों का महापड़ाव, अब बारी गहलोत सरकार की
Sikar News, सीकर। राजस्थान में 17 सूत्री मांगों को लेकर सीकर के किसानों का महापड़ाव दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी रहा। किसान सीकर जिला कलेक्ट्रेट धरना दिए बैठे हैं और मांग पूरी नहीं हो जाने तक महापड़ाव (Sikar Kisan Andolan 2019 ) जारी रखने का ऐलान कर रखा है।
किसान नेता व पूर्व विधायक अमराराम के नेतत्व में कलेक्ट्रेट धरना दिए बैठे सैकड़ों किसानों ने बताया कि उन्हें प्याज की खेती की लागत भी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में सरकार को किसानों से प्याज को सरकारी स्तर पर खरीद करनी चाहिए।
यह भी पढ़ें : IAf air Strike के बाद राजस्थान के लोगों को फोन करके इंडियन आर्मी की लोकेशन पूछ रहा पाकिस्तान!
सरकार करें दस रुपए प्रति किलो से खरीद
पूर्व विधायक अमराराम की मानें तो किसानों से प्याज ढाई रुपए किलो के हिसाब से खरीदा जा रहा है जबकि बाजार में यही प्याज 15 से 20 रुपए किलो में बेचा जा रहा है। राजस्थान सरकार प्याज की खरीद में बीचौलियों की भूमिका का खत्म कर अपने स्तर पर किसानों से दस रुपए किलो के हिसाब से प्याज खरीदे तो किसानों को उनकी लागत मिल सकती है।
अमराराम ने बताया कि 17 सूत्री मांगों को लेकर किसानों ने 27 फरवरी से महापड़ाव शुरू किया है। पहले वसुंधरा राजे सरकार और अब गहलोत सरकार पर प्याज उत्पादक किसानों के हितों की अनदेखी कर रही है। सरकार ने अभी तक केन्द्र को इस बाबत कोई प्रस्ताव तक नहीं भेजा है। रातभर किसानों ने महापड़ाव स्थल पर ही खाना बनाकर खाया। रात को किसानों ने चंग की थाप पर ठुमके लगाए और लोकगीत गाए। वहीं महापहड़ाव के चलते भारी पुलिस जाप्ता भी तैनात रहा।
सीकर के किसान चुके हैं आंदोलन
यह कोई पहली बार नहीं है जब किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हों। इससे पहले सितम्बर 2017 में किसान अपने हक के लिए हुंकार भर चुके हैं। स्वामी नाथन आयोग की सिफारिशें लागू करवाने और कर्ज माफी समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर सीकर के किसानों ने एक सितम्बर 2017 को आंदोलन किया था, जिसके तहत कृषि उपज मंडी समिति सीकर से कलेक्ट्रेट तक रैलियां निकाली गई। सड़क जाम भी किए गए। नतीजा यह रहा कि सीकर किसान आंदोलन के 13वें दिन तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार को झुकना पड़ा और सरकार ने राजस्थान के किसानों के 50 हजार रुपए तक के कर्ज माफ किए।