सोनिया गांधी से मिले सचिन पायलट, क्या छिन जाएगी अशोक गहलोत की कुर्सी?
नई दिल्ली, 29 सितंबर: राजस्थान में पिछले सप्ताह घटे घटनाक्रम ने राज्य की सियासत के समीकरण बदल दिए हैं। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर उस ड्रामेबाजी को लेकर माफी मांगी। इस गुरुवार शाम को कांग्रेस नेता सचिन पायलट शाम आठ बजे सोनिया गांधी से मिलने दस जनपथ पहुंचे। यह बैठक उनके प्रतिद्वंद्वी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष की रेस से बाहर होने के कुछ ही घंटों बाद हुई है।
सोनिया गांधी के साथ सचिन पायलट की करीब एक घंटे तक बैठक चली है। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि, मैं आज कांग्रेस अध्यक्ष से मिला। उन्होंने शांति से मेरी बात सुनी। पिछले दिनों जयपुर में जो कुछ हुआ, उस पर हमने विस्तृत चर्चा की। मैंने उन्हें अपनी भावनाएँ, अपनी प्रतिक्रियाएँ बताईं। हम सभी कड़ी मेहनत करके (राजस्थान में) 2023 का चुनाव जीतना चाहते हैं। हमें मिलकर काम करना होगा।
पायलट ने कहा कि, हमें यकीन है कि हम दोबारा कांग्रेस की सरकार बनाएंगे। मेरी पहली प्राथमिकता राजस्थान है। राजस्थान के सन्दर्भ में जो भी फैसला करना होगा,वह वो (सोनिया गांधी) ही करेंगी। मुझे विश्वास है कि अगले 12-13 महीनों में हम अपनी मेहनत से एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनाएंगे
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोनिया गांधी से करीब डेढ़ घंटे की मुलाकात हुई। मीटिंग के बाद अशोक गहलोत ने साफ कर दिया कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बैठकर मैंने बात की है। मैंने हमेशा वफादार सिपाही के रूप में काम किया है। विधायक दल की बैठक के दिन हुई घटना ने सबको हिलाकर रख दिया।
गहलोत ने कहा कि, मुझे जो दुख है वो मैं ही जान सकता हूं। पूरे देश में यह संदेश चला गया कि मैं मुख्यमंत्री बने रहना चाहता हूं इसलिए यह सब हो रहा है।गहलोत ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के बारे में फैसला सोनिया गांधी करेंगी। वहीं कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने आज कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी अगले एक-दो दिन में राजस्थान के मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेंगी।
केसी वेणुगोपाल के इस बयान के सामने आने और सोनिया गांधी और सचिन पायलट के बीच मुलाकात के बाद मीडिया में ऐसे सवाल उठने लगे हैं कि क्या सोनिया राजस्थान में कमान बदल देंगी? इसी बीच ये खबर भी सामने आई है कि, राजस्थान में दोबारा विधायक दल की बैठक बुलाई जाएगी। पर्यवेक्षक फिर से जयपुर जाएंगे। एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया जाएगा। प्रस्ताव में लिखा होगा कि मुख्यमंत्री का फ़ैसला सोनिया गांधी करेंगी।
खड़गे की लिखित रिपोर्ट माकन के दावों से अलग, अशोक गहलोत से नाराज नहीं सोनिया
वहीं रविवार को हुई घटना को लेकर पार्टी पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने 'घोर अनुशासनहीनता' करार दिया था और गहलोत के करीबी तीन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की थी। अनुशंसा के कुछ देर बाद ही पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति की ओर से इन्हें 'कारण बताओ नोटिस' जारी कर दिए गए।