कोरोना वायरस से बचने के लिए आदिवासियों ने बनाए इको फ्रेंडली मास्क, देखें वीडियो
प्रतापगढ़। कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों में एन-95 और तरह-तरह के एंटी-पोल्यूशन मास्क खरीदने की होड़ मची हुई है। लोग मेडिकल स्टोर्स पर मास्क के लिए मुंह मांगा दाम देने को तैयार हैं।

तेंदु पत्तों से बनाया मास्क
वहीं, राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के पीपलखूंट में आदिवासी समुदाय के लोग खुद ही पेड़ से तोड़े गए पत्तों से मास्क बना कर पहन रहे हैं। यहां आदिवासी मीणा समाज के कई परिवार तेंदु पेड़ के बड़े-बड़े पत्तों से मास्क बना रहे हैं। इन मास्क को बड़े-बूढ़े और बच्चे सभी पहन कर खुद को महफूज़ रखने का प्रयास कर रहे हैं। तेंदु पत्तों से बने ये मास्क चेहरे को अच्छे से ढक लेते हैं। इन गरीब आदिवासी लोगों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि ये महंगे मास्क खरीद सकें।
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आदिवासी होते हैं प्रकृति प्रेमी
इन आदिवासियों ने भी परम्परागत तरीकों का इस्तेमाल करते हुए पेड़ के पत्तों से ही मास्क बना कर पहनना शुरू कर दिया है। आदिवासियों को प्रकृति प्रेमी माना जाता है। आज भी कई लोगों का जीवन और रोज़ी-रोटी इन वनों पर आधारित है। इन्हीं वनों के पत्ते आज इन्हें कोरोना से भी बचा रहे हैं।

राजस्थान की सीमाएं सील
बता दें कि देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। राजस्थान में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा तीन हजार 355 तक पहुंच गया है। 95 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच बुधवार रात मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना संक्रमण को लेकर समीक्षा बैठक हुई, जिसमें राजस्थान की सीमाओं को सील करने का फैसला लिया गया है।