नेकी की दीवार के बाद अब शुरू हुई नेकी की रसोई, सिर्फ ये होंगे इसमें फ्री भोजन के पात्र
Jhunjhunu News, झुंझुनूं। नवाचारों के मामले में झुंझुनूं जिला समूचे राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश में एक अलग पहचान बना चुका है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान हो या नशा मुक्ति अभियान, शिक्षा, खेल या महिला उत्थान हो या फिर चिकित्सा स्वास्थ्य क्षेत्र झुंझुनूं जिले ने कई नवाचार और कीर्तिमान अपने नाम किए हैं।
यहां के भामाशाहों ने भी नवाचारों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। जरूरतमंदों को कपड़े उपलब्ध कराने के लिए झुंझुनूं में कुछ युवाओं ने मिलकर नेकी की दीवार बनाई थी। नेकी की दीवार मतलब पहनने योग्य पुराने कपड़ों को फेंकने की बजाए लोग नेकी की दीवार पर छोड़ जाते हैं, जो जरूरतमंदों के काम आ जाते हैं। कोई भी जरूरतमंद नेकी की दीवार से कपड़े ले जा सकता है।
झुंझुनूं के भामाशाह देवकीनंदन कुमावत ने बताया कि नेकी की दीवार के बाद उन्होंने नेकी की रसोई (Neki ki Rasoi) शुरू की है, जो राजकीय भगवान दास खेतान (बीडीके) अस्पताल की कैंटीन में संचालित है। अस्पताल में दूर-दूर से मरीज आते हैं। उनके साथ आने वाले परिजनों को खाना खाने के लिए अच्छे रेस्टोरेंट की तलाश में भटकना पड़ता है।
उनकी पीड़ा को देखते हुए देवकीनंदन ने अपने दोस्तों से मशवरा किया और नेकी की रसोई शुरू करने पर सबकी सहमति बनी। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से बात कर अस्पताल के कैंटीन में ही नेकी की रसोई शुरू कर दी। जहां रोजाना शाम पांच से सात बजे तक भोजन मरीजों के परिजनों को निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। भोजन के बाद व्यक्ति खुद ही अपनी थाली मांज कर भी रखते हैं।