मायके में कोई नहीं बचा जिंदा तो वो मंदिर में देकर आई बेटे की शादी का न्योता, फिर पूरा गांव पहुंचा भात भरने
Dausa News दौसा। नानी बाई रो मायरो (Nani Bai Ro Mayro) की कथा तो आपने सुनी ही होगी, जिसमें भगवान कृष्ण नगर सेठ बनकर भात भरने पहुंचते हैं। कुछ ऐसा ही राजस्थान के दौसा में हुआ है। दरअसल, एक महिला के मायके में भाई-भतीजे जिंदा नहीं बचे थे तो उसके पूरा गांव भात भरने पहुंचा, जिसकी उसे उम्मीद भी नहीं थी। अचानक पूरा गांव भात लेकर आया तो इस बहन की आंखों से आंसू बह निकले।
मामला ये है कि दौसा (Dausa) जिले के गांव पीलोड़ी की 60 वर्षीय भगवंती देवी के बेटे की शादी थी, जिसमें सोमवार को भात भरा जाना था। छह साल पहले अचानक आंखों की रोशनी खो चुकी भगवंती देवी के पीहर पक्ष में वर्तमान में कोई जिंदा नहीं है। भगवंती देवी कुछ दिन पहले अपने मायके गांव नांदरी में भात भरने की रस्म निभाने आई। भाई-भतीजे जिंदा नहीं होने के कारण गांव के ठाकुरजी के मंदिर में गुड़ की भेली चढ़ा दी और भगवान को सोमवार को भात (BHAT) भरने आने का न्योता देकर चली गई।
पंच-पटेलों की सहमति से लिया फैसला
मंदिर पुजारी ने इस बात की जानकारी गांव वालों को दी तो ग्रामीणों ने तय किया गांव की बेटी को भाई की कमी महसूस नहीं होने दी जाएगी। पूरा गांव उसके भात भरने चलेगा। ग्रामीणों ने भात कपड़े व अन्य जरूरी सामान खरीदा और सोमवार को बुजुर्ग महिला के ससुराल में पहुंच गए। जब इस बात का पता महिला को चला तो उसकी आंखें नम हो गई और वो बोली कि मां-बाप और भाई के परिवार की मौत के बाद उसने सोचा भी नहीं था कि पूरा गांव उसके भात भरने पहुंचेगा। यह भात देखने वालों की भी आंखें नम हो गईं। नांदरी गांव के लोगों ने भगवंती के भात में 91 हजार रुपए नकद व कपड़े आदि दिए।
किसी बहन को नहीं होने देंगे भाई की कमी
भगवंती देवी के भात भरने वाले ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने अब तय किया है कि किसी भी बहन को भात के समय भाई की कमी महसूस नहीं होने दी जाएगी। अगर दौसा जिले या राजस्थान में कहीं भी भगवंती जैसा मामला हो तो गांव नांदरी के इन लोगों से सम्पर्क कर सकते हैं। भगवंती के भात भरने वाले नांदरी के लोग उस बहन के घर भी पहुंचेंगे।
पूरे राजस्थान में हो रही चर्चा
भगवंती देवी के बेटे की शादी में उसके मायके का समूचा गांव उसके भाई बनकर पहुंचने का यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद सर्व समाज के इन लोगों के इस कदम की जमकर सराहना हो रही है। सोशल मीडिया में नांदरी के लोगों की तारीफों के पुल बांधे जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बहन ब्राह्मण समाज से है जबकि उसके भात भरने वालों में सभी जातियों के लोग शामिल थे।
राजस्थान में ये है भात की परम्परा
राजस्थान समेत देश के अन्य हिस्सों में होने वाली शादियों में भात भरने की रस्म भी निभाई जाती है। राजस्थान में भात भरने की रस्म ये है कि बेटा-बेटी की शादी में महिला अपने मायके के लोगों को विशेष न्योता देती है, जिसे स्थानीय भाषा में भात न्योतना कहा जाता है। इसके लिए खुद महिला अपने पीहर आती है और सभी भाई-भतीजों को चौकी पर बैठाकर उनके तिलक कर उनके हाथ में गुड़ जिसे स्थानीय भाषा में भेली कहा जाता है थमाती है और उन्हें शादी पर बहन के घर भात लेकर पहुंचने का न्योता देती है। फिर पीहर पक्ष के लोग खासकर उसके भाई शगुन के कपड़े, जेवरात और नकदी लेकर बहन के घर पहुंचते हैं। इस प्रक्रिया को भात भरना कहा जाता है। दौसा की भगवंती के मामले में उसके मायके में भाई-भतीजों की पूर्व में मौत हो चुकी थी। इसलिए पूरा गांव उसे बहन मानकर उसके भात भरने पहुंचा।