खेजड़ी के पेड़ बना डाला सपनों का आशियाना, किसी लग्जरी घर से कम नहीं खमीशा का ट्री हाउस
बाड़मेर, 12 मई। दूर-दूर तक फैला रेत का समंदर। शहरी चकाचौंध से दूर का इलाका। ऑक्सीजन से भरपूर बिल्कुल शांत वातावरण। सांझ ढलते ही तो यहां नजारा देखने लायक होता है। हम बात कर रहे हैं खमीशा खान के सपनों के आशियाने की जो जमीन पर ना होकर पेड़ पर है।
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खमीशा खान के ट्री हाउस पर डेढ़ लाख का खर्च
राजस्थान के बाड़मेर जिले के शिव उपखंड क्षेत्र के निंबासर निवासी खमीशा खान ने अनूठी पहल करते हुए रेतीले धोरों के बीच अपने सपनों का घर पेड़ पर बनाया है। खमीशा खान ने पेड़ पर घर बनाने के लिए डेढ़ लाख रुपए खर्च किए हैं। घर की चारों दीवारें लकड़ी से बनाई गई हैं।
घर में पत्थर ईंट और सीमेंट का उपयोग नहीं
पेड़ पर चढ़ने के लिए शानदार सीढियां भी हैं। खास बात है कि खान ने इस घर में पत्थर ईंट और सीमेंट का उपयोग नहीं किया है। खमीशा ने इस आधुनिक दुनिया के सामने लोगों के बीच अनूठा उदाहरण पेश किया है। पर्यावरण से प्रेम के चलते इन्होंने खेजड़ी के पेड़ पर ही ट्रीहाउस बना दिया।
कोरोना काल के बाद कम हुए देखने वाले
खमीशा खान कहते हैं कि ट्री-हाउस थार के रेगिस्तान में बनाने के बाद से कई देशों से लोग इसे देखने के लिए आते थे, लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना काल के बाद लोग कम आए।
विदेशी सैलानियों को रास आ रहा ट्री हाउस
यह ट्री हाउस विदेशी सैलानियों को खूब पसंद आता है, क्योंकि इसके कमरे में एक दरवाजा और तीन खिड़कियां हैं, जिसमें दिन को सूरज की रोशनी और रात को चांद की चांदनी आती है।
पंखा-कूलर की कोई जरूरत नहीं
गर्मियों में हवा भी खूब अच्छी आती है, जिससे पंखा-कूलर की कोई जरूरत नहीं है। ट्रीहाउस की छत भी इतनी शानदार बनाई हुई है कि रात को उस पर भी आराम से सो सकते हैं।
पेड़ों को नहीं काटने का संदेश
खमीशा खान कहते हैं कि मैंने इस प्रकार का ट्रीहाउस बनाकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि लोग पेड़ों को नहीं काट कर भी सीमित जगह पर भी रह सकते हैं। इस ट्रीहाउस को बनाने में मुझे करीब डेढ़ लाख रुपए का खर्चा आया।
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