सूबेदार राजेन्द्र भांबू रक्षाबंधन पर हुए शहीद, राजौरी में 2 गोली लगने के बाद भी आतंकियों से लड़ते रहे
झुंझुनूं, 11 अगस्त। राजस्थान के सूबेदार राजेन्द्र भांबू भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर राजौरी में शहीद हो गए। भांबू मूलरूप से राजस्थान के झुंझुनूं के चिड़ावा उपखंड की अलीपुर ग्राम पंचायत के गांव मालीगांव के रहने वाले थे। उनकी शहादत की सूचना पर रक्षाबंधन की खुशियों के बीच मातम पसर गया। उनकी पार्थिव कल शाम तक घर पहुंचने की उम्मीद है।
15 जुलाई को ही ड्यूटी पर लौटे थे राजेंद्र भांबू
सरपंच परमेश्वरी देवी ने बताया कि सूबेदार राजेन्द्र भांबू की शहादत पर गर्व है और दुख भी है कि हिंदुस्तान ने एक बहादुर बेटा खो दिया। राजेंद्र भांबू 15 जुलाई को ही ड्यूटी पर लौटे थे। रक्षाबंधन की सुबह उनके राजौरी में शहीद की खबर मिली है। वे बीते 27 साल से भारतीय सेना में सेवाएं दे रहे थे। चार पांच माह बाद ही रिटायर होने वाले थे।
आतंकियों को दिया मुंहतोड़ जवाब
मोतीलाल कॉलेज झुंझुनूं के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अजीत भांबू ने बताया कि जिला राजौरी में नियंत्रण रेखा से सटे दरहाल सेक्टर के परगाल इलाके में स्थित सैन्य शिविर पर रक्षाबंधन की अलसुबह आतंकियों ने हमला कर दिया था। सूबेदार राजेन्द्र भांबू के दो गोली लगी। इसके बावजूद वे लड़ते रहे और दो आतंकियों को ढेर किया। फिर एक गोली उनके गले के पास लगी, जिससे वे शहीद हो गए।
जयपुर में पढ़ रहे हैं बच्चे
बता दें कि शहीद राजेंद्र भांबू की दोनों बेटियां व बेटा जयपुर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। बहन मुकेश देवी को रक्षाबंधन के दिन ही उसके भाई के शहीद होने की जानकारी नहीं दी गई। अजीत भांबू ने बताया कि राजेंद्र भांबू जब भी गांव आते थे तब व गांव के युवाओं को भारतीय फौज ज्वाइन करने के लिए प्रेरित करते थे। उनकी शहादत को पूरा गांव कभी नहीं भूल पाएगा।
शहीद राजेंद्र भांबू का परिवार
पिता- बद्रीप्रसाद भांबू, पूर्व सैनिक
माता-
श्रवणी
देवी,
हाउसवाइफ
पत्नी-तारामणि
देवी,
हाउसवाइफ
भाई-राजेश
भांबू,
टीचर
बहन-मुकेश
देवी
पिलानी
बच्चे-बेटी
प्रिया
व
साक्षी,
बेटा
अंशुल
बेटी की शादी नवंबर में तय
ग्रामीणों ने बताया कि वे दो माह पहले ही अपनी बेटी प्रिया की सगाई करके गए थे। नवंबर में शादी होनी है। बिटिया की शादी को देखते हुए मकान का रिनोवेशन का काम कराया था। छुट्टी में जब तक रहे मकान के निर्माण का काम अपनी निगरानी में कराते रहे। फिर जब छुट्टी खत्म हुई तो मकान का निर्माण का काम भी रुक गया। मकान अब निर्माणाधीन ही है।