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इरफान खान ने बचाई थी राजस्थान के IPS हैदर अली की जान, दोस्त को यूं निकाल लाए थे मौत के मुंह से

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भरतपुर। 'इरफान खान मेरे लिए एक बेहतरीन कलाकार ही नहीं ​बल्कि ​जिगरी दोस्त भी थे। उनके साथ बिताया हर एक लम्हा याद है। वो दिन तो मैं कभी नहीं भूल सकता जब उन्होंने मेरी जिंदगी बचाने के लिए खुद की जान की बाजी लगा दी थी'।

आईपीएस हैदर अली जैदी-इरफान खान में थी दोस्ती

आईपीएस हैदर अली जैदी-इरफान खान में थी दोस्ती

यह कहना है राजस्थान के आईपीएस हैदर अली जैदी का। वर्तमान में बतौर भरतपुर एसपी कार्यरत हैदर अली इरफ़ान खान के बचपन के मित्र रहे हैं। दोनों ने स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई साथ में की। तब से लेकर दोनों एक-दूसरे के लगातार संपर्क में थे। बुधवार को इरफान खान के निधन की खबर ने आईपीएस हैदर अली जैदी का भी दिल तोड़ दिया।

आखिरी फिल्म में उदयपुर के घसीटेराम हलवाई के पोते के रूप में नजर आए इरफान खानआखिरी फिल्म में उदयपुर के घसीटेराम हलवाई के पोते के रूप में नजर आए इरफान खान

लगता है उनका फोन आएगा

लगता है उनका फोन आएगा

इरफान के साथ बिताए दिनों को याद करते हुए भरतपुर एसपी हैदर अली जैदी कहते हैं कि हालांकि मेरे जिगरी दोस्त इस जहां से रुखसत हो गए, लेकिन ऐसा लगता है कि मानो इरफ़ान का अभी फ़ोन आएगा। हम ढेरों बातें करेंगे। मिलने का प्लान बनाएंगे। बचपन की याद ताजा करेंगे।

इंग्लैंड गए दोस्त से मिलने

इंग्लैंड गए दोस्त से मिलने

काफी समय पहले भी इरफ़ान खान इंग्लैंड में अपनी बीमारी का इलाज करवा रहे थे। हैदर अली जैदी उनसे मिलने इंग्लैंड गए थे व काफी समय तक साथ रहे। अब जैदी को इस बात का मलाल है कि इस बार इरफान बीमार हुए तो वे लॉकडाउन की वजह से उनसे मिलने मुम्बई तक नहीं जा सके। उनके परिजनों व भाइयों से लगातार संपर्क रहे और इरफ़ान की हाल पूछते रहे।

इरफान खान को था पतंग उड़ाने का शौक

इरफान खान को था पतंग उड़ाने का शौक

आईपीएस जैदी कहते हैं कि स्कूल- कॉलेज में हम साथ रहे। वो मेरे पड़ोसी भी थे। वो एक्टर और मैं आईपीएस बनने के बाद भी जब हम मिलते थे तो पुराने यार की तरह। स्कूल-कॉलेज टाइम की यादें ताजा करते थे। उन्हें पतंग उड़ाने का बहुत शौक था। साथ में हम पतंग भी उड़ाते थे।

कॉलेज के रास्ते में लगा करंट

कॉलेज के रास्ते में लगा करंट

एसपी हैदर अली एक वाक्ये की यादें ताजा करते हुए कहते हैं कि मैंने जयपुर से अर्थव्यवस्था और इरफ़ान खान ने उर्दू से एमए किया था। एक बार जब हम कॉलेज में थे। तब रास्ते में मुझे करंट ने लग गया था। मुझे मरता देख अन्य दोस्त भाग गए थे, मगर मुझे बचाने के लिए खुद की जान जोखिम में डालने वाला शख्स कोई और नहीं बल्कि इरफान खान था।

इरफान खान : दुनिया से रुखसत होते वक्त जुबां पर था मां जिक्र, बोले-अम्मा मुझे लेने आई हैं...इरफान खान : दुनिया से रुखसत होते वक्त जुबां पर था मां जिक्र, बोले-अम्मा मुझे लेने आई हैं...

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English summary
irrfan khan Friendship with IPS haider ali zaidi
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