राजस्थान: मानवेंद्र सिंह के बाद अब 'महारानी' बन सकती हैं बीजेपी की बागी?
जैसलेमर। राजस्थान में सत्तासीन बीजेपी के लिए चुनाव कठिन होता जा रहा है। बीजेपी के बागी उसके लिए कांग्रेस जैसी मुसीबत पैदा कर रहे हैं। पूर्व मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेन्द्र सिंह के बाद एक महारानी बीजेपी का हाथ छोडकर कांग्रेस का दामन थाम सकती हैं। यदि वो पाला बदलती हैं तो बीजेपी को जैसलमेर क्षेत्र में नुकसान हो सकता है।
ये 'महारानी' हैं राजेश्वरी राजलक्ष्मी, जो कि जैसलमेर के जैसाण-राजघराने से हैं। स्थानीय लोग उन्हें मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (जिन्हें स्थानीय लोग महारानी भी कहते हैं) का जवाब भी मान रहे हैं। पहले जहां पूर्व विदेश मंत्री जसवंतसिंह की पुत्रवधू चित्रा सिंह ने भाजपा को सरदर्द दिया, वहीं राजेश्वरी के भी कांग्रेस से करीबी बढ़ने की चर्चाएं हो रही हैं। ऐसा हुआ तो वे पाकिस्तान से सटी 'धोरों की धरती' से अपनी स्थानीय मजबूती की बदौलत मौजूदा सत्ता को कड़ी टक्कर देंगी। इन दिनों भाजपा और कांग्रेस में टिकट बंटवारे पर खींचतान मची हुई है, तो लोगों की नजरें अब नई महारानी की ओर भी हैं।
36
कौम
को
साथ
ले
चलूंगी:
राजेश्वरी
चुनावी
युद्ध
में
इस
बार
उतरने
का
एलान
करते
हुए
राजेश्वरी
ने
कहा
है,
''जनता
से
उनकी
अपील
ये
है
कि
अफवाहों
पर
ध्यान
न
दे।
मेरा
इरादा
अटल
है,
मैदान
में
उतरुंगी।''
राजेश्वरी को कोट करते हुए फेसबुक पर एक बयान और आया,''जैसलमेर राजघराना रियासलकाल से ही आमजन के साथ हर सुख-दुख की घड़ी में साथ था, और रहेगा। मेरी इस लड़ाई का मकसद इसे आगे बढ़ाना ही है। मेरी प्राथमिकता में जैसाण को उसके खोये वैभव, मान सम्मान के साथ विकास करना है। बिना किसी भेदभाव के साथ 36 कौम को साथ लेकर चलूंगी।''
जैसाणवासियों
के
नाम
भी
अपील
पूर्व
महारानी
ने
जैसाणवासियों
के
समर्थन
की
हर
हाल
में
जरूरत
बताई
है।
उन्होंने
अपील
की
है
कि
वे
अपना
समर्थन
आपकी-अपनी
जैसाण
धरा
की
बहू
को
दें।
ऐसे
में
किसी
भी
प्रकार
के
कुत्सित
मंसूबों
को
सफल
नहीं
होने
दिया
जाएगा।
जयपुर
और
दिल्ली
में
भी
हुईं
सक्रिय
ठण्ड
की
गुलाबी
दस्तक
के
साथ
ही
पश्चिमी
राजस्थान
में
राजनीतिक
पारा
चढता
ही
जा
रहा
है।
सत्तासीन
भाजपा
के
खिलाफ
बाड़मेर-जैसलमेर
में
जसवंत
सिंह,
उनके
बेटे
मानवेंद्र
और
बहू
चित्रासिंह
तो
आ
खड़े
हुए
ही
थे,
अब
कहा
जा
रहा
है
कि
पूर्व
महारानी
भी
लगातार
कांग्रेस
से
संपर्क
में
है।
मानवेंद्र
ने
राहुल
गांधी
की
अगुवाई
में
कांग्रेस
में
जाने
का
एलान
किया
था।
वहीं,
जमीनी
जानकार
कहते
हैं
कि
जैसलमेर
राजघराने
की
भी
मौजूदा
राजनीति
में
अच्छी
पकड़
है।
यदि
राजेश्वरी
को
टिकट
मिलता
है
तो
कांग्रेस
को
और
अधिक
फायदा
हो
सकता
है।
यही
कारण
है
कि
वे
जयपुर-दिल्ली
तक
सक्रिय
हो
रही
हैं।
चित्रासिंह
भी
पहली
दफा
सक्रिय
हुईं
पश्चिमी
राजस्थान
की
राजनीति
में
जब
मुख्यमंत्री
वसुंधरा
राजे
की
'राजस्थान
गौरव
यात्रा'
से
चुनावी
हलचल
शुरू
हो
गई
तो
पूर्व
विदेश
मंत्री
जसवंतसिंह
की
पुत्रवधू
चित्रा
सिंह
ने
भी
'थार'
में
राजपूतों
सहित
अन्य
समाजों
के
साथ
बैठकें
करना
शुरू
कर
दिया।
जसवंत
सिंह
के
परिवार
ने
अपने
इलाके
में
समाज
का
रुख
जानने
के
लिए
22
सितंबर
को
जोधपुर
संभाग
सहित
प्रदेशभर
के
राजपूत
और
अन्य
समाजों
के
लोगों
की
बैठक
बुलाई।
कुछ ही दिनों बाद मानवेंद्र के कांग्रेस में जाने के द्वार खुल गए। चित्रा सिंह वैसे तो सियासत में नई हैं, लेकिन उनके समर्थक उन्हें वसुंधरा राजे का जवाब मानते हैं। कम से कम उन्हें बाड़मेर-जैसलमेर के मतदाताओं के रहते ये भरोसा है। इतना तो लोग जानते ही थे कि वे भाजपा नेता जसंवत सिंह की बहू हैं, मगर ये भी अब जाना है कि वे कांग्रेस के करीबी नेता मानवेंद्र की पत्नी हैं।
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