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प्रसव के दौरान चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ ने जो किया वो बहुत गलत था, परिजनों का फूट पड़ा गुस्सा

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dholpur news in Hindi, धौलपुर। नवजात शिशु की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल पर शव रखकर प्रदर्शन किया और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाया है। मामला राजस्थान के धौलपुर जिले के सैपऊ उपखण्ड इलाके के गांव घुघरई का है।

Dholpur family protest after newborn baby death

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जानकारी के अनुसार एक प्रसूता की डिलेवरी स्थानीय राजकीय अस्पताल में 23 मई को हुई थी, लेकिन शिशु की जयपुर सवाई मानसिंह अस्पताल में उपचार के दौरान बीती रात मौत हो गई। परिजन शिशु को लेकर आज सैपऊ के राजकीय अस्पताल लेकर पहुंच गए। जहां अस्पताल प्रांगण में शिशु के शव को रखकर एक घंटे तक जमकर प्रदर्शन किया। प्रसूता के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। अस्पताल प्रशासन ने प्रसूता के परिजनों से एक घंटे की समझाइस कर परिजनों को घर भेज दिया हैं।

रात भर जच्चा-बच्चा डिलेवरी वार्ड में पड़े रहे

रात भर जच्चा-बच्चा डिलेवरी वार्ड में पड़े रहे

मामले को लेकर प्रसूता के परिजन रामवतार निवासी घुघरई ने बताया कि उसने अपने छोटे भाई पुष्पेंद्र की पत्नी पुष्पा को प्रसव पीड़ा होने पर 23 मई की रात को स्थानीय सैपऊ के सरकारी अस्पताल पर भर्ती कराया था। रात में प्रसूता पुष्पा ने बच्चे को जन्म दिया था। रामवतार ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि रात भर जच्चा बच्चा डिलेवरी वार्ड में पड़े रहे।

डॉक्टर और नर्स ने देखभाल नहीं की

डॉक्टर और नर्स ने देखभाल नहीं की

अस्पताल के किसी भी डॉक्टर और नर्स ने देखभाल नहीं की। इसके बाद प्रसूता को सैपऊ के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से बच्चे को धौलपुर के प्रेम चाइल्ड अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन शिशु की तबीयत में सुधार नहीं हुआ। परिजन शिशु को 27 मई को जयपुर ले गए। जहां बीती रात शिशु की उपचार के दौरान मौत हो गई। मृतक शिशु के परिजनों ने आज शनिवार को सैपऊ के राजकीय अस्पताल पहुंचकर शव को अस्पताल के सामने रखकर प्रदर्शन किया। अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त किया।

परिजनों ने 7 दिन तक शिशु के अन्य अस्पतालों में उपचार कराया

परिजनों ने 7 दिन तक शिशु के अन्य अस्पतालों में उपचार कराया

उधर, मामले में अस्पताल प्रभारी डॉ.चरणजीत सिंह चौहान ने बताया कि प्रसूता की 23 मई को सफल और सुरक्षित डिलेवरी की गई थी। 24 मई को प्रसूता और शिशु को परिजन घर ले गए थे। प्रसूता के परिजनों ने 7 दिन तक शिशु के अन्य अस्पतालों में उपचार कराया है। फिर भी मामले की जांच की जायेगी। अस्पताल स्टाफ का कोई भी नर्सिंगकर्मी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

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English summary
Dholpur family protest after newborn baby death
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