फोन टैपिंग पर घिरी गहलोत सरकार, बीजेपी ने कहा- पद, शक्ति और पैसे के लिए कांग्रेस में है दरार
जयपुर, 13 जून: राजस्थान में पिछले ढाई साल से अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं, लेकिन वो विपक्ष से ज्यादा अपनी पार्टी के नेताओं से परेशान हैं। एक ओर लंबे वक्त से नाराज सचिन पायलट अपनी समस्याओं के समाधान के लिए दिल्ली पहुंचे, तो वहीं दूसरी कांग्रेस के ही विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने राज्य सरकार पर विधायकों के फोन टैप करने का आरोप लगा दिया। जिसके बाद से मरुधरा की सियासत फिर से गर्मा गई है। साथ ही बीजेपी ने भी सरकार पर निशाना साधा है।
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मामले में बीजेपी सांसद राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि पिछले 2.5 साल से राजस्थान कांग्रेस में पद, शक्ति और धन को लेकर आंतरिक दरार है। कभी वे महीनों तक होटलों में रुकते हैं, तो कभी फोन टैपिंग के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे समय में जब कोविड वैक्सीन गड्ढों, सीवेज में मिल रही हैं, गहलोत सरकार उन व्यवस्था को दुरुस्त करने के बजाए सत्ता में रहने का जुगाड़ कर रही है।
विधायक
ने
कही
थे
ये
बात
जयपुर
की
चाकसू
विधानसभा
क्षेत्र
से
कांग्रेस
विधायक
सोलंकी
पायलट
गुट
के
कट्टर
समर्थक
हैं।
उन्होंने
मीडिया
से
बात
करते
हुए
कहा
कि
मुझे
नहीं
पता
कि
मेरा
फोन
टैप
किया
गया
या
नहीं,
लेकिन
कुछ
विधायकों
ने
उनसे
ये
जरूर
कहा
है
कि
उनके
फोन
टैप
किए
जा
रहे
हैं।
इसके
अलावा
उन्हें
ये
भी
नहीं
पता
कि
राज्य
सरकार
फोन
टैपिंग
में
शामिल
है
या
नहीं।
अधिकारियों
ने
विधायकों
को
सचेत
किया
है
कि
उन्हें
ऐसा
लग
रहा
कि
कुछ
नेताओं
को
फंसाने
की
कोशिश
की
जा
रही
है।
राजस्थान सियासी संकट की दूसरी लहर में प्रियंका गांधी के कॉल के बाद पायलट की फ्लाइट दिल्ली लैंड
दिल्ली
क्यों
आए
पायलट?
दरअसल
पिछली
बार
जब
सचिन
पायलट
ने
बगावत
की
थी,
तो
कांग्रेस
ने
एक
कमेटी
बना
दी
थी।
जिसका
काम
गहलोत
और
उनके
बीच
चल
रहे
विवादों
का
निपटारा
करना
था।
पायलट
के
मुताबिक
अभी
तक
किसी
भी
समस्या
का
समाधान
नहीं
हो
पाया
है।
इसके
अलावा
राजस्थान
कैबिनेट
का
विस्तार
भी
होना
है,
जिस
पर
चर्चा
के
लिए
उन्होंने
राज्य
प्रभारी
अजय
माकन
से
मुलाकात
की।